गो फर्स्ट अब प्रैट एंड व्हिटनी के खिलाफ एक्शन मूड में, कई न्यायालयों में दर्ज करेगी मुकदमा, हर्जाने की भी मांग
Go First Crisis: गो फर्स्ट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी कौशिक खोना ने एक साक्षात्कार में कहा कि एयरलाइन नुकसान की तलाश के लिए कई न्यायालयों में इंजन निर्माता पर मुकदमा करेगी।
Go First Crisis: देश विदेश में लोगों किफायती दामों हवाई सफर की सेवा प्रदान करने वाली भारत की एयलाइंस कंपनी गो फर्स्ट दिवालियापन का सामना कर रही है। इसके लिए कंपनी ने बीते 2 मई को राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) में स्वैच्छिक दिवालिया की एक याचिका दायर की थी। दायर हुई याचिका पर एनसीएलीटी ने सुनवाई पूरी करते हुए फैसला सुरक्षित रखा लिया। कोर्ट में सुनवाई के दौरान एयरलाइंस ने पतन के लिए इंजन आपूर्ति कंपनी प्रैट एंड व्हिटनी को जिम्मेदारी ठहराया था और अब गो फर्स्ट प्रैट एंड व्हिटनी के खिलाफ कड़ा कदम उठाने जा रहा है।
एयलाइंस के सीईओ का बयान
मिली जानकारी के मुताबिक, गो फर्स्ट अपने इंजन आपूर्ति एवं इंजन निर्माता प्रैट एंड व्हिटनी से हर्जाने के रुप में 1.1 बिलियन डॉलर की मांग कर रहा है। इसके साथ ही एयरलाइंस कंपनी इंजन निर्माता कंपनी के खिलाफ मुकदमा भी दायर करेगी। गो फर्स्ट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी कौशिक खोना ने देश के अर्थ जगत के मीडिया हाउस के साथ एक साक्षात्कार में कहा कि एयरलाइन नुकसान की तलाश के लिए कई न्यायालयों में इंजन निर्माता पर मुकदमा करेगी।
ऐसे हुआ 1.1 बिलियन डॉलर का नुकसान
खोना ने बताया कि एयरलाइन 1.1 बिलियन डॉलर की राशि पर कैसे पहुंची। हम पहले ही पिछले तीन वर्षों में 20,000 विमान ऑन ग्राउंड (एओजी) दिनों को पार कर चुके हैं, प्रत्येक दिन लगभग 55,000 डॉलर का नुकसान हो रहा है। इसका मतलब है कि अकेले मेरा मुआवजा या मेरा नुकसान के लिए प्रैट एंड व्हिटनी से दावा कर सकता हूं, जो करीब 1.1 अरब डॉलर होगा।
कई न्यायालयों का होगा रुख
गो फर्स्ट के सीईओ ने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए, हम दुनिया भर में कई और न्यायालयों में टैप करेंगे, जिनमें से कुछ अमेरिका में हैं। एक जर्मनी में, एक जापान में और शायद एक या दो यूरोप और सिंगापुर में हैं। गो फर्स्ट के सीईओ ने यह भी कहा कि एयरलाइन के प्रवर्तकों व वाडिया समूह को पूंजी जुटाने के लिए बाहरी स्रोतों से दिलचस्पी मिली है, लेकिन मौजूदा स्तर पर एयरलाइन के ऋणदाताओं के साथ उनकी चर्चा नहीं की जा सकती है।
अप्रैल हासिल किये 290 करोड़ रुपये
उन्होंने कहा कि वाडिया समूह एयरलाइन के लिए प्रतिबद्ध है, यहां तक कि उन्होंने दिवाला फाइलिंग से ठीक पहले अप्रैल के आखिरी 10 दिनों में 290 करोड़ रुपये की नई इक्विटी जुटाई। एयरलाइन ने सक्रिय रूप से उड़ानों को रद्द कर दिया और जल्द ही अपने मुद्दों को हल करने की योजना बना रही है।
एनसीएलटी में पूरी हो सुनवाई
आपको बता दें कि वित्तीय संकट का सामना कर रही गो एयरलाइंस (इंडिया) लिमिटेड (गो फर्स्ट ब्रांड) ने 2 मई को दिल्ली के एनसीएलटी में स्वैच्छिक दिवालाया की एक याचिका दायर की थी, जिसकी सुनवाई 4 मई को पूरी हुई। एनसीएलटी गो फर्स्ट की स्वैच्छिक दिवालापन याचिका पर सुनवाई कर चुका है और अपना फैसला सुरक्षित रखा लिया है। एयरलाइंस कंपनी ने इस दिवालियापन के लिए इंजन निर्माता प्रैट एंड व्हिटनी को जिम्मेदार माना है। इंजन निर्माता ने आरोपों का जवाब दिया और कहा कि एयरलाइन भुगतान करने में अनियमित थी। नकदी संकट की वजह से गो फर्स्ट ने 12 मई तक अपनी सभी नियमित उड़ानें रद्द कर दी हैं। यात्रियों को पैसा वापस करने का वादा भी किया है।