बड़ी खबर: 1 जनवरी से बदल जाएंगे GST रिटर्न के ये नियम, जानिए क्या होगा असर

5 अक्ट्रबर को हुई अपनी बैठक में इस बारे में फैसला किया था। उसने कहा था कि पांच करोड़ रुपये तक का कारोबार करने वाले कारोबारियों को कर का मासिक भुगतान करने के साथ तिमाही आधार पर रिटर्न दाखिल करने की अनुमति दी जा सकती है। 

Update: 2020-12-09 05:36 GMT
1 जनवरी से बदल जाएंगे GST returns के नियम, छोटे कारोबारियों को मिलेगी राहत

नई दिल्ली सरकार की ओर से जीएसटी सिस्टम बदलाव लाए जा रहे हैं । जीएसटी सिस्टम को और सरल करते हुए सेल्स रिटर्न दाखिल करने के मामले में कुछ और कदम उठाने की तैयारी है। सालाना पांच करोड़ रुपये तक का कारोबार करने वाले छोटे कारोबारियों को अगले साल जनवरी से साल के दौरान महज चार बिक्री रिटर्न दाखिल करने होंगे।

 

नया नियम लागू होने के बाद

इस नए नियम के तहत कारोबारियों को मासिक आधार पर 12 रिटर्न (GSTR 3B) दाखिल करने होते हैं। इसके अलावा 4 जीएसटीआर 1 (4 GSTR 1) भरना होता है। नया नियम लागू होने के बाद टैक्सपेयर्स को केवल 8 रिटर्न भरने होंगे। इनमें 4 जीएसटीआर 3बी और 4 जीएसटीआर 1 (GSTR 1) रिटर्न भरना होगा।

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जानकारी के मुताबिक, टैक्स की मासिक भुगतान योजना के साथ तिमाही रिटर्न दाखिल करने की योजना का असर करीब 94 लाख करदाताओं पर पड़ेगा। यह जीएसटी (GST) के तहत रजिस्टर्ड करदाताओं का लगभग 92 प्रतिशत है। इस योजना में जीएसटी में रजिस्टर्ड कारोबारियों की बड़ी संख्या को फायदा होगा।

ऐसा होगी नई व्यवस्था

जीएसटी परिषद ने 5 अक्ट्रबर को हुई अपनी बैठक में इस बारे में फैसला किया था। उसने कहा था कि पांच करोड़ रुपये तक का कारोबार करने वाले कारोबारियों को कर का मासिक भुगतान करने के साथ तिमाही आधार पर रिटर्न दाखिल करने की अनुमति दी जा सकती है।

नवंबर में वस्तु एवं सेवा कर संग्रह एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा रहा। वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, इस साल नवंबर में वस्तु एवं सेवा कर के रूप में सरकार को 1,04,963 करोड़ रुपये की आमदनी हुई। इस कलेक्शन में सीजीएसटी (CGST) के रूप में सरकार को 19,189 करोड़ रुपये हासिल हुए।एसजीएसटी (SGST) के रूप में सरकार ने 25,540 करोड़ रुपये जुटाए। आईजीएसटी( IGST) के रूप में सरकार को 51,992 करोड़ रुपये की आमदनी हुई। वहीं, सेस के जरिए सरकार को 8,242 करोड़ रुपये की आय हुई है।

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इनपुट टैक्स क्रेडिट

इस योजना को इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) उपलब्ध कराने में भी लागू किया जाएगा। यह केवल रिपोर्ट किए जाने वाले बिलों को लेकर होगी। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत इनवॉयस दाखिल करने की सुविधा (आईआईएफ) का विकल्प भी दिया जाएगा। आईआईएफ सुविधा के तहत इस योजना का लाभ उठाने वाले छोटे कारोबारी तिमाही के पहले और दूसरे महीने में अपने बिल अपलोड कर पाएंगे।यह व्यवस्था एक जनवरी 2021 से लागू होगी।

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