Home Loan: आरबीआई के इस फैसले से रियल एस्टेट में आया खुशी का मौहाल, कर्जदारों की भी हुई बल्ले बल्ले
Home Loan: आरबीआई ने 08 जून को मौद्रिक नीति समिति की दूसरी बैठक के नतीजों की घोषणा की। इस बैठक में आरबीआई ने दूसरी बार रेपो दर को 6.50% पर अपरिवर्तित रखा है। पहले मई 2022 से फरवरी 2023 तक केंद्रीय बैंक ने रेपो रेट में छह बार बढ़ोतरी कर चुकी है।
Home Loan: आरबीआई ने नीतिगत दर यानी रेपो रेट में बढ़ोतरी न कर स्थिर रखते हुए कई लोगों को बड़ी राहत दी है। इसमें सबसे बड़ी राहत उन लोगों को मिली है, जो होम लोन, ऑटो लोन, पसर्नल लोन या फिर किसी भी प्रकार का लोन लेने की योजना बना रहे हैं या फिर जिन पर पहले से कोई लोन चल रहा है। केंद्रीय बैंक के इस फैसले से एक बात तो साफ है कि बैंक अपने कर्ज ब्याजदरों में बढ़ोतरी नहीं करेंगी। साथ ही, लोन पर चली रही आईएमआई पर भी कोई असर नहीं पड़ेगा। नीतिगत दर के रुकने से बाजारों विशेषज्ञों ने रियल एस्टेट में आने वाले समय तेजी की संभावना जताई है।
नहीं बढ़ेंगे कर्ज ब्याज दरें व ईएमआई
रियल एस्टेट के बाजार से जुड़े बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि आरबीआई द्वारा रेपो रेट को यथास्थिति रखने से हाउसिंग सेल्स में तेजी आने की संभावना बन गई है। उनका मानना है कि जब तक रेपो दर में वृद्धि नहीं की जाती तब तक होम लोन की ब्याज दरें स्थिर रहेंगी, लेकिन कब तक होम लोन ईएमआई यथास्थिति सहन कर सकता है। यह वास्तविक प्रश्न है। इस जनाना बहुत जरूरी है।
घर के मालिकों को मिलेगी राहत
InfraMantra के संस्थापक शिवांग सूरज का कहना है कि रेपो रेट पर यथास्थिति बनाए रखने के भारतीय रिजर्व बैंक के सबसे हालिया फैसले से फिलहाल घर के मालिकों को राहत मिलेगी। रेपो रेट नहीं बढ़ने पर होम लोन की दरें स्थिर रहेंगी, जिससे लोगों को राहत मिलेगी।
आवास बिक्री में तेजी आने का अनुमान
इंडिया सोथबीज इंटरनेशनल रियल्टी के प्रबंध निदेशक अमित गोयल ने कहा कि आरबीआई का फैसला लगातार मुद्रास्फीति के दबाव और घरेलू खपत वृद्धि पर उनके संभावित प्रभाव के आलोक में उनके सतर्क दृष्टिकोण को दर्शाता है। हालांकि सकारात्मक पहलू यह है कि दर वृद्धि में ठहराव से उधारकर्ताओं के बीच आशावाद की भावना पैदा होगी और आवास बिक्री की गाति जारी रहने की उम्मीद है। लेकिन यह ध्यान देने की जरूरत है कि लगातार पिछली मई से लेकर फरवरी 2023 तक केंद्रीय बैंक द्वारा लगातार रेपो रेट में वृद्धि से बैंकों की होम लोन दर 9 फीसदी या फिर उससे ऊपर चल रही है।
वहीं, सिग्नेचर ग्लोबल (इंडिया) के संस्थापक और अध्यक्ष प्रदीप अग्रवाल का कहना है कि जब तक गृह ऋण की ब्याज दरें प्रति वर्ष 9% के आसपास रहती हैं, तब तक इसमें वृद्धि की संभावना नहीं है। इस रेट की दर आवास मांग पर अपना प्रभाव डालती हैं।
जानिए कैसे निकालते हैं होम लोन की ईएमआई
जब भी आप बैंकों से होम लोन लेते हैं, तो बैंक होम लोन की EMI पर एक मूल सूत्र लगाती है। इस सूत्र के माध्मय से होम लोन पर महीने की ईएमआई निकाली जाती है। तो जानिए कैसे निकलती है होम लोन की ईएमआई...।
EMI = P x R x [{(1 + R)^N} / {1 – (1+R)^N}]
यहां पर 'P' मूल ऋण राशि के लिए है। 'आर' आपकी मासिक ब्याज दर [(वार्षिक दर/12)/100] के लिए है। 'एन' ऋण अवधि के दौरान महीनों की कुल संख्या को संदर्भित करता है।
मान लीजिए रमेश ने 8.50 प्रतिशत की ब्याज दर पर ₹60 लाख का ऋण लिया। ऋण अवधि 20 वर्ष है। होम लोन ईएमआई की गणना कैसे करें?
R = [(annual rate /12)/100]---(8.5/12)/100= 0.70/100= 0.0070
N = 240 months
EMI = P x R x [{(1 + R)^N}/{1 – (1+R)^N}]= 60,00,000 x 0.00708333 x [{(1 + 0.00708333)^240}/{1- (1 + 0.00708333^240)}]= 50,00,000 x 0.00708333 x [{5.44123824}/{4.44123824}]= 60,00,000 x 0.00708333 x [1.22516243]
इस हिसाब से आपकी ईएमआई करीब 52,069 रुपये होगी।
दूसरी बार रेपो रेट रहा स्थिर
आरबीआई ने 08 जून को मौद्रिक नीति समिति की दूसरी बैठक के नतीजों की घोषणा की। इस बैठक में आरबीआई ने दूसरी बार रेपो दर को 6.50% पर अपरिवर्तित रखा है। इससे पहले अप्रैल में हुई वित्त वर्ष 2024 की पहली मौद्रिक नीति की बैठक में रेपो रेट को 6.50 फीसदी पर स्थिर रखा था। उससे पहले मई 2022 से फरवरी 2023 तक केंद्रीय बैंक ने रेपो रेट में छह बार बढ़ोतरी की थी यह वृद्धि कुछ 250 बीपीएस की हुई थी, जिसके बाद रेपो रेट दर 6.50 फीसदी पर चल रही है।