Financial Planning: उम्र के हर पड़ाव पर रहेंगे टेंशन फ्री, अगर एक बार ठीक से समझ गये वित्तीय नियोजन, जानें- पूरी डिटेल

Financial Planning- लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए आर्थिक प्रबंधन करना ही वित्तीय नियोजन यानी Financial Planning है। किसी भी सफल व्यक्ति के जीवन में फाइनेंशियल प्लानिंग की भूमिका सबसे अहम होती है।

Update:2023-06-27 08:27 IST
जीवन में जरूरी है वित्तीय नियोजन (फोटो- साभार सोशल मीडिया)

Financial Planning- हर व्यक्ति के जीवन में अलग-अलग पड़ाव आते हैं। उनकी जरूरतों को पूरा करने के लिए हर किसी को आर्थिक प्रबंधन करना पड़ता है। मतलब भविष्य की अनिश्चितताओं को देखते हुए फ्यूचर प्लानिंग भी बेहद जरूरी है। संक्षेप में कहें तो लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए आर्थिक प्रबंधन करना ही वित्तीय नियोजन यानी Financial Planning है। किसी भी सफल व्यक्ति के जीवन में फाइनेंशियल प्लानिंग की भूमिका सबसे अहम होती है।

हर व्यक्ति के जीवन में अलग-अलग तरह पड़ाव आते हैं, जिनकी जरूरत भी अलग-अलग होती है। इसके लिए आर्थिक प्रबंधन करना बेहद जरूरी है। आइये जानते हैं कि किसी व्यक्ति के जीवन में आने वाले पड़ावों के बारे में-


1. शिक्षार्थी- जब कोई व्यक्ति शिक्षा अर्जित करता है। यह शुरुआती चरण होता है।
2. कमानेवाला- जब कोई व्यक्ति कमाना शुरू करता है। ध्यान रहे कि किसी व्यक्ति को अपनी पहली कमाई से ही बचत करना शुरू कर देना चाहिए।
3. दंपत्ति- जब पुरुष की जिंदगी में स्त्री और स्त्री की जिंदगी में पुरुष की भूमिका आती है। इस दौरान खर्च में थोड़ा इजाफा होने लगता है।
4. माता-पिता- जब कोई व्यक्ति माता-पिता बनता है। इस दौर में उसके खर्चने का प्रतिशत और बढ़ जाता है।
5. प्रदाता- यह ऐसी स्थिति है जब आप लगातार अपने बच्चों की शिक्षा आदि पर अपनी कमाई खर्च करते हैं।
6. नेस्टर- यह ऐसी स्थिति है जब आपके बच्चे नौकरी करने दूसरे शहरों में या फिर विदेशों में बस जाते हैं और आप अकेले रह जाते हैं।
7. रिटायरमेंट- यह ऐसी स्थिति है कि जब आपके पास अगर पैसों की व्यवस्था नहीं है तो बुढ़ापा काटना मुश्किल हो जाता है।

जीवन के गोल


उपरोक्त पड़ावों को पूरा करने के लिए हर व्यक्ति तीन तरह के गोल सेट करता है। आइये जानते हैं उनके बारे में-
1. Short Term Goal- ऐसे गोल जो एक-दो महीनों की बचत में पूरे हो जाते हैं। जैसे- एलसीडी, टीवी सेट खरीदना या फिर पारिवारिक छुट्टियों पर जाना आदि।
2. Medium Term Goal- ऐसे गोल जिनको पूरा करने में 5 से 7 साल का वक्त लगता है। जैसे- घर खरीदना या विदेश में छुट्टियों पर जाना आदि।
3. Long Term Goal- ऐसे गोल जिन्हें पूरा करने की प्लानिंग में लंबा वक्त लगता है। जैसे- बच्चों की शिक्षा, शादी या फिर रिटायरमेंट के बाद पेंशन प्लान की चिंता आदिथ

वित्तीय उत्पाद


एक व्यक्ति के लिए जीवन चक्र में सभी प्रकार की जरूरतों को पूरा करना होता है। इसके लिए वह गोल सेट करता है जिन्हें पूरा करने के लिए उसे तीन प्रकार उत्पादों की जरूरत होती है-
1- लेनदेन उत्पाद (Transaction Product)- ऐसे उत्पाद जो वर्तमान खर्चों से निपटने के लिए इस्तेमाल किये जाते हैं। जैसे बैंक जमा व अन्य बचत साधन आदि।
2- आकस्मिक उत्पाद (Contingency Product)- ऐसे उत्पाद तो अनिश्चितताओं के निपटने के लिए लिये जाते हैं। जैसे- बीमा उत्पाद आदि।
3- धन-संचय उत्पाद (Wealth Accumulation Products)- ऐसे उत्पाद जहां जोखिम के साथ Investment किया जाता है। जैसे- शेयर और बांड आदि।

रिस्क प्रोफाइल और इनवेस्टमेंट स्टाइल


उम्र के साथ हर व्यक्ति की रिस्क प्रोफाइल और इनवेस्टमेंट स्टाइल अलग-अलग होती है। किसी व्यक्ति की सबसे पहले रिस्क प्रोफाइल एग्रेसिव होती है। ऐसे लोग पैसे का संचयन करते हैं। फिर रिस्क प्रोफाइल प्रोग्रेसिव होती है। ऐसे लोग पैसे का समेकन करते हैं। सुरक्षित रिस्क प्रोफाइल के लोग व्यय को नियंत्रित कर पैसों बचाते हैं। रिटायरमेंट के बाद रिस्क प्रोफाइल संरक्षित होती है, ऐसे लोगों की इनवेस्टमेंट स्टाइल गिफ्टिंग की है। मतलब ये लोग अपने करीबियों को अपनी संपत्ति गिफ्ट करते हैं।

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