लॉकडाउन के डर से बिगड़ा रसोई का बजट, बढ़ गए आलू-प्याज के दाम

कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की बढ़ती संख्या ने लोगों को बेचैन कर दिया है.।लोगों को आशंका है कि कहीं दूसरे देशों की तरह यहां सब कुछ बंद न हो जाए। इसी डर से गुरुवार को लोगों ने एक-एक दो-दो महीने के लिए आटा, चावल और दूसरे राशन खरीदे साथ ही आलू, प्याज जैसी ज्यादा समय तक खराब न होने वाली सब्जियां खरीदीं.

Update:2020-03-20 09:54 IST

नई दिल्ली: कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की बढ़ती संख्या ने लोगों को बेचैन कर दिया है।लोगों को आशंका है कि कहीं दूसरे देशों की तरह यहां सब कुछ बंद न हो जाए। इसी डर से गुरुवार को लोगों ने एक-एक दो-दो महीने के लिए आटा, चावल और दूसरे राशन खरीदे साथ ही आलू, प्याज जैसी ज्यादा समय तक खराब न होने वाली सब्जियां खरीदीं। लेकिन होलसेलर्स कह रहे हैं कि ऐसी कोई बात नहीं है। सारी सब्जियों की आवक है। उलटे होटल, रेस्टोरेंट बंद होने से कई सब्जियों के दाम गिर रहे हैं।

 

यह पढ़ें..वेतन में भारी कटौती: कर्मचारियों को मिली नोटिस, 1 अप्रैल से होगा लागू

आपको बता दें कि कोरोना वायरस की वजह से देश में लॉकडाउन की अटकलों को प्रधानमंत्री कार्यालय ने सिरे से खारिज दिया है। पीएमओ ने कहा है कि पीएम नरेंद्र मोदी रात आठ बजे अपने संबोधन में लॉकडाउन जैसी कोई घोषणा नहीं करने वाले हैं। पीएमओ ने कहा कि इस नाजुक वक्त में अफवाह और अटकलों पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया जाना चाहिए।

दिल्ली में जो सब्जियां ज्यादा दिन तक रखी जा सकती हैं लोग उनकी खरीदारी कर रहे हैं। जैसे आलू और प्याज। पिछले सप्ताह तक आलू का दाम थोक में 10 से 16 रुपये किलो रुपये तक था जो अब बढ़कर 12 से 18 रुपये तक हो गया है। इसी तरह पिछले सप्ताह प्याज थोक में 10 से 20 रुपये किलो तक था जो अब बढ़कर 15 से 25 रुपये तक हो गया है, लेकिन चिंता करने की कोई बात नहीं है। आलू, प्याज सहित सभी सब्जियों की आवक पूरी है, उसमें कमी नहीं आई है।

 

यह पढ़ें...कोरोना से रुपया हुआ धड़ाम! पहुंच गया 75 के पार, निवेशकों में मची हलचल

होटल और रेस्टोरेंट बंद होने की वजह से गोभी, पालक और जल्दी खराब होने वाली सब्जियों की खरीददारी कम हो रही है। इससे इनके दाम में थोड़ी गिरावट देखी जा रही है। हरियाणा सरकार ने भी जो आदेश दिए हैं उसमें रोजाना खुलने वाली मंडियों को बंद नहीं किया गया है। सिर्फ वो बाजार बंद करने के लिए कहा गया है जो साप्ताहिक होते हैं। जिसमें किसान खुद आकर सीधे उपभोक्ता को सब्जियां बेचते हैं। एग्री वॉच के मुताबिक दिल्ली में परमल सेला चावल 3000 रुपये तो बासमती 8000 रुपये प्रति क्विंटल है। जबकि करनाल में परमल सेला 2600 और बासमती 8000 रुपये क्विंटल है। इंदौर में थोक में मिल क्वालिटी का आटा 1900 रुपये क्विंटल तो दिल्ली में इसका रेट 2220 रुपये तक चल रहा है। कानपुर में मिल क्वालिटी का आटा 2050 रुपये तक है।

Tags:    

Similar News