मनमोहन सिंह का मोदी सरकार पर हमला, आर्थिक हालात पर कह दी ये बात
आर्थिक हालात पर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा है। एक कार्यक्रम में शिरक्त करने पहुंचे मनमोहन सिंह ने बुधवार को कहा कि मौजूदा सरकार मंदी जैसे शब्द को स्वीकारती ही नहीं है।
नई दिल्ली: आर्थिक हालात पर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा है। एक कार्यक्रम में शिरक्त करने पहुंचे मनमोहन सिंह ने बुधवार को कहा कि मौजूदा सरकार मंदी जैसे शब्द को स्वीकारती ही नहीं है और यह आज की सबसे बड़ी समस्या है। उन्होंने कहा कि अगर समस्याओं की पहचान ही नहीं की गई तो सुधारात्मक कार्रवाई के लिए विश्वसनीय हल का पता लगाए जाने की संभावना ही नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ दिनों में मोदी सरकार को आर्थिक मोर्चे पर लगातार झटके मिले हैं। दुनिया की कई आर्थिक एजेंसियों ने भी भारत की GDP के अनुमान को घटाया है।
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अहलूवालिया की किताब की लॉन्चिंग में पहुंचे सिंह
योजना आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया की किताब "बैकस्टेज" के लॉन्च के मौके पर मनमोहन सिंह ने कहा कि अगर हम पहले के योजना आयोग के आधार पर हम विकास गति को आगे बढ़ाते, तो साल 2024-25 तक 5 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था का सपना पूरा हो सकता था।
मंदी जैसे शब्द को नहीं स्वीकारती मोदी सरकार
मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि आज इन मुद्दों पर बहस करना जरूरी है और इस पर चर्चा होनी चाहिए। आज की मोदी सरकार मंदी जैसे शब्द को स्वीकार ही नहीं करती है। अगर आप मुश्किलों को ही नहीं पहचान नहीं करेंगे तो उनका विश्वसनीय हल किस तरह ढूंढ पाओगे। मुझे लगता है कि यह हमारे देश के लिए अच्छा नहीं है।
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देश में टैक्स रिफॉर्म की आवश्यकता है
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि सरकार को 8 फीसदी की अधिक गति से विकास को आगे बढ़ाने की सोचना चाहिए। लेकिन इसके लिए दृढ़ निश्चय की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इस वक्त देश में टैक्स रिफॉर्म की आवश्यकता है।
विकास में मददगार साबित होगी "बैकस्टेज"
उन्होंने कहा कि किताब "बैकस्टेज" देश के भविष्य के विकास में बहुत मददगार साबित होगी। इस किताब में उन बिंदुओं के बारे में उल्लेख किया गया है, जिससे साल 2024-25 तक देश की अर्थव्यवस्था 5 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाने में मददगार साबित हो सकती है। पूर्व पीएम ने इस दौरान 1990 के दशक में आर्थिक सुधार शुरू करने में मदद के लिए पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव, पी चिदंबरम, और अहलूवालिया की सराहना की।
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