Nirmala Sitharaman Middle Class: मध्यम वर्ग आय वालों पर वित्त मंत्री का बयान, कहा; सरकार आने के बाद इस वर्ग पर नहीं लगा कोई नया कर
Nirmala Sitharaman: केंद्रीय वित्त मंत्री सीतारमण आरएसएस के जुड़ी साप्ताहिक पांचजन्य पत्रिका द्वारा आयोजित समारोह में भाग लिया है। उन्होंने कहा "मैं भी मध्यम वर्ग से ताल्लुक रखती हूं इसलिए मैं मध्यम वर्ग के दबावों को समझ सकती हूं।
Nirmala Sitharaman: आगामी 2023 के बजट से पहले केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार की मध्यम वर्ग आय वालों को विशेष ध्यान रखे हुए है। केंद्र की सत्ता में जब से भाजपा की सरकार आई है, मध्यम वर्ग पर कोई नया कर नहीं लगाया है। उन्होंने कहा कि वह मध्यम वर्ग के दबाव को समझती हैं, क्योंकि वह भी उसी तबके से आई हैं।
पांचजन्य पत्रिका के कार्यक्रम में शामिल हुईं सीतारमण
केंद्रीय वित्त मंत्री सीतारमण आरएसएस के जुड़ी साप्ताहिक पांचजन्य पत्रिका द्वारा आयोजित समारोह में भाग लिया है। इस दौरान उन्होंने कहा "मैं भी मध्यम वर्ग से ताल्लुक रखती हूं इसलिए मैं मध्यम वर्ग के दबावों को समझ सकती हूं। मैं खुद को मध्यम वर्ग से पहचानता हूं इसलिए मुझे पता है। केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि 5 लाख रुपये तक की आय वाले लोगों पर कोई नया कर नहीं लगाया गया है।
मध्यम वर्ग की राहत के लिए आगे भी उठेंगे कदम
सीतारमण ने आगे आश्वासन दिया कि सरकार मध्यम वर्ग के लिए और अधिक कर सकती है। इस वर्ग की आबादी की संख्या बढ़ रही और यह काफी बड़ी हो रही है। मैंन उनकी समस्याओं को भली भांति पहचानती हूं। केंद्र सरकार के इस वर्ग को राहत देने के लिए काफी अच्छे कमद उठाए हैं। आगे भी और कदम उठाएगी।
2020 के बाद पूंजीगत व्यय के लिए आवंटन बढ़ा
उन्होंने कहा कि सरकार ने ईज ऑफ लिविंग को बढ़ावा देने के लिए 27 शहरों में मेट्रो रेल नेटवर्क विकसित करने और 100 स्मार्ट सिटी बनाने जैसे उपाय किए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने 2020 के बाद से प्रत्येक केंद्रीय बजट में पूंजीगत व्यय के लिए आवंटन बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि चालू वर्ष के लिए कैपेक्स को 35 प्रतिशत बढ़ाकर 7.5 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है।
किसानों की आय दोगुनी करने के लिए प्रतिबद्ध सरकार
इसके अलावा, उन्होंने किसानों और मुफ्तखोरी के बारे में भी टिप्पणी की। किसानों के संबंध में, सीतारमण ने कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार उनकी आय दोगुनी करने के लिए प्रतिबद्ध है और इस दिशा में कई कदम उठाए हैं। मुफ्त उपहारों के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य की वित्तीय सेहत को ध्यान में रखते हुए वादे किए जाने चाहिए और इसके बारे में पूरी पारदर्शिता बरतने की जरूरत है।
बैंकिंग व्यवस्था पर बोलीं वित्त मंत्री
बैंकिंग हालत पर केंद्रीय वित्त मंत्री ने पिछले कांग्रेस की सरकार का निशान साधा। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार और कांग्रेस सरकार के बैंकिंग के कामकाज में बहुत बड़ा अंतर है। मोदी सरकार एनपीए को कम करने और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के स्वास्थ्य में सुधार के लिए 4 RS पर काम कर रही है। और यह उपाए हैं- समस्या को पहचानें, समस्या का समाधान करें, बैंकों का पुनर्पूंजीकरण करें और बैंकों को सुधारें हैं। इससे पहली की सरकार ने गैर-वैधानिक तरीके से बैंकों को खूब पैसा निकालकर बंदर बांट की थी।