लगा तगड़ा झटका: पेट्रोल-डीजल के दाम को लेकर आई बड़ी खबर, जेब होगी ढीली

गुरुवार यानि चार जून को कच्चे तेल का उत्पादन और एक्सपोर्ट करने वाले संगठन OPEC की अहम बैठक होने सकती है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस बैठक में कच्चे तेल के उत्पादन में कटौती पर फैसला किया जा सकता है।

Update:2020-06-02 13:01 IST

नई दिल्ली: गुरुवार यानि चार जून को कच्चे तेल का उत्पादन और एक्सपोर्ट करने वाले संगठन OPEC की अहम बैठक होने सकती है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस बैठक में कच्चे तेल के उत्पादन में कटौती पर फैसला किया जा सकता है। अगर कच्चे तेल के उत्पादन में कटौती होती है तो कच्चे तेल की कीमतों में तेजी से इजाफा देखा जा सकता है। ऐसे में आम आदमी के जेब पर काफी बोझ बढ़ेगा।

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83 फीसदी से अधिक कच्चा तेल आयात करता है भारत

आपको बता दें कि भारत अपनी जरूरत का 83 फीसदी से अधिक कच्चा तेल आयात करता है। इसके लिए भारत को हर साल करीब 100 अरब डॉलर का भुगतान करना पड़ता है। वहीं कमजोर रुपया से भारत का आयाज बिल और बढ़ जाता है और सरकार इसकी भरपाई करने के लिए टैक्स की दरें उंची रखती हैं।

हर रोज 97 लाख बैरल कटौती करने पर चर्चा

OPEC और सहयोगी देश के बीच चार जून को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए अहम बैठक होने वाली है। जिसमें जुलाई या अगस्त महीने से तेल के उत्पादन में हर रोज 97 लाख बैरल कटौती करने पर चर्चा हो सकती है।

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ब्रेंट क्रूड की कीमत हुई दोगुनी

पिछले चार सप्ताह में ब्रेंट क्रूड की कीमत दोगुनी हो गई है। दरअसल, ओपेक और सहयोगी देशों ने कच्चे तेल के उत्पादन में कटौती जारी रखी है। जिस वजह से क्रूड कीमतों को बल मिला है। हालांकि ब्रेंट क्रूड की कीमत पिछले साल की तुलना में अब भी 40 फीसदी नीचे है।

 

क्या पेट्रोल और डीजल के दाम और सस्ते होंगे?

ऐसे में अब सवाल ये खड़ा हो रहा है कि क्या पेट्रोल और डीजल के दाम और सस्ते होंगे? इस पर एक्सपर्ट्स का कहना है कि पेट्रोल के दाम कई चीजों से तय होते है। जिसमें कच्चे तेज भी प्रमुख है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में ब्रेंट क्रूड की कीमतों में भारी गिरावट होने के बाद भी भारत में उसी अनुपात में पेट्रोल और डीजल के दाम सस्ते क्यों नहीं होते इसकी दो बड़ी वजहे हैं।

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ये हैं दो प्रमुख कारण

पहला तो ये है कि भारत में पेट्रोल और डीजल पर भारी टैक्स लगता है। दूसरी वजह ये है कि भारतीय रुपया डॉलर की तुलना में कमजोर है। बता दें कि फिलहाल पेट्रोल पर 19.98 रुपये एक्साइज ड्यूटी लगती है। वहीं 15.25 रुपये वैट लिए जाते हैं।

पेट्रोल पंप के डीलर को 3.55 रुपये कमीशन के तौर पर दिया जाता है। अलग-अलग राज्यों में वैट की दरें अलग-अलग हैं। इसलिए राज्यों में पेट्रोल और डीजल की कीमतें भी अलग-अलग होती हैं।

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