सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने अब तक दिए 4.91 लाख करोड़ रुपये के कर्ज
विशेषकर एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम), एनबीएफसी (गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां), कॉरपोरेट जगत, छोटे एवं कृषि ऋण लेने वालों पर फोकस किया गया। अक्टूबर 2019 में ग्राहक आउटरीच के परिणामस्वरूप कुल मिलाकर 2.52 लाख करोड़ रुपये के ऋणों का वितरण हुआ।
लखनऊ: केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने सितंबर में ‘सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) की ओर से ग्राहक आउटरीच पहल’ का शुभारंभ किया था, ताकि विवेकपूर्ण ऋणों से कोई समझौता किए बगैर कर्ज देने की गति तेज हो सके और अर्थव्यवस्था की जरूरतें पूरी हो सकें।
इसके तहत विशेषकर एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम), एनबीएफसी (गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां), कॉरपोरेट जगत, छोटे एवं कृषि ऋण लेने वालों पर फोकस किया गया। अक्टूबर 2019 में ग्राहक आउटरीच के परिणामस्वरूप कुल मिलाकर 2.52 लाख करोड़ रुपये के ऋणों का वितरण हुआ।
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नवम्बर में ग्राहक आउटरीच की दिशा में कुल प्रगति
पीएसबी के सक्रिय आउटरीच प्रयास नवम्बर में भी जारी रहे। इस दौरान एमएसएमई, एनबीएफसी, विभिन्न कंपनियों और छोटे एवं कृषि ऋण लेने वालों को कुल मिलाकर 2.39 लाख करोड़ रुपये के कर्जों का वितरण किया गया।
इसकी बदौलत अक्टूबर में ग्राहक आउटरीच पहल के शुभारंभ से लेकर अब तक इन सेक्टरों को पीएसबी की ओर से कुल मिलाकर 4.91 लाख करोड़ रुपये के कर्ज वितरित किए गए हैं।
सभी सेक्टरों में से एमएसएमई सेक्टर को विशेष रूप से बढ़ावा देने के लिए पीएसबी ने नवम्बर में 35,775 करोड़ रुपये वितरित किए हैं। इसके साथ ही ग्राहक आउटरीच के तहत एमएसएमई को कुल कर्ज वितरण बढ़कर 72,985 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया है।
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सभी सेक्टरों में से एनबीएफसी के लिए पीएसबी ने नवम्बर में 25,525 करोड़ रुपये वितरित किए हैं, जो अक्टूबर में बांटे गए 19,628 करोड़ रुपये की तुलना में काफी अधिक हैं। इसके साथ ही ग्राहक आउटरीच के तहत एनबीएफसी को कुल कर्ज वितरण बढ़कर 45,153 करोड़ रुपये के स्तर पर जा पहुंचा है।
सितंबर 2018 में आईएलएंडएफएस द्वारा डिफॉल्ट करने के बाद से लेकर नवम्बर, 2019 तक एनबीएफसी को ऋण (सह-आरंभिक कर्ज एवं आगे उधार) एवं एनबीएफसी की ओर से पूल-बायआउट के रूप में पीएसबी की ओर से मंजूर की गई ऋण राशि बढ़कर 4.23 लाख करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गई है, जिसमें 1.24 लाख करोड़ रुपये के पूल-बायआउट शामिल हैं।
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पीएसबी को पर्याप्त मात्रा में नई पूंजी मुहैया कराई जा रही है और रिकॉर्ड स्तर पर कर्ज वसूली भी जारी है, जिसकी बदौलत ऋणों में अपेक्षित वृद्धि के लिए पीएसबी के पास पर्याप्त तरलता (लिक्विडिटी) है।