किसानों के लिए खुशखबरी: खराब हो गई धान की फसल तो चिंता न करें, अभी भी है मौका, उठा लें फायदा

Early Varieties Paddy: बाजार में कई धान की ऐसी किस्में आती हैं, जो कम दिनों में तैयार होती हैं। इन किस्मों की बुवाई कर वह किसान फिरसे धान की खेती कर सकता है, जिसकी बाढ़ की वजह से धान की फसल बर्बादा हो गई है। तो आइये जानते हैं कि वह कौन की धान की किस्में है, जो कम समय में पैदा होती हैं।

Update:2023-07-27 09:14 IST
Early Varieties Paddy (सोशल मीडिया)

Early Varieties Paddy: मानसून की बारिश ने उत्तर भारत के कई राज्यों में बाढ़ की स्थिति पैदा कर दी है। गली मोहल्लों की सड़कों से लेकर शहरों के प्रमुख मार्गों, हाईवे व खेत खलिहान पानी से लबालब है। यह समय देश में धान की खेती का समय है। किसान खेतों में धान की खेत की बेढ लगाने की तैयारी करने वाले हैं। इसकी सबसे अधिक खेती उत्तर भारत के राज्यों में होती है और यही इलाका इस वक्त बाढ़ की चपेट में है। राज्यों के कई जिलों के खेतों में बाढ़ का पानी घूसा हुआ है, जिसके चलते किसानों इस बार की धान की फसल चौपट हो गई है। जिन किसानों ने धान की खेती के लिए इसकी नर्सरी खेतों में तैयार की थी, वह बाढ़ के पानी आने से खराब हो गई है। ऐसे में धीरे-धीरे धान की रोपाई का भी समय निकलता जा रहा है, उनके सामने दो ही विकल्प दिखा रहा है, यह तो वह धान की खेती छोड़ दें, या फिर कोई और फसल की बुवाई करें। ऐसे में अगर अगर किसान इस साल धान की खेती छोड़ता है तो उसको काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है। अगर वह दोबारा धान की नर्सरी तैयार करता है तो वह फसल से पीछे हो जाता है, इससे उसके उत्पादन में असर पड़ेगा। इस बारिश ने किसानों को दोहरी स्थिति में डाल दिया है।

अभी भी धान की खेती का मौका

बाढ़ से सबसे बुरा हाल उत्तर प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली राज्यों का है। इन इलाकों में निकलने वाले कई प्रमुख नदियां व नहर अपने उफना हैं, इस वजह से कई इकालों में पानी भरा हुआ है। कई खेत पानी से डूब गए हैं। किसान खेतों से पानी निकलने का इंतजार कर रहे हैं तो कई खेतों में पानी कम हो चुका है। खेतों से पानी घटे ही किसान के मन में सवाल उठा रहा है कि क्या वह अभी धान की खेती कर सकता है? तो जवाब यह है कि हां किसानों के पास अभी मौका है कि वह धान की पैदावारी कर सकता है। इस समय धान लगाने से उससे उत्पादन पर भी असर नहीं पड़ेगा। बाजार में कई धान की ऐसी किस्में आती हैं, जो कम दिनों में तैयार होती हैं। इन किस्मों की बुवाई कर वह किसान फिरसे धान की खेती कर सकता है, जिसकी बाढ़ की वजह से धान की फसल बर्बादा हो गई है। तो आइये जानते हैं कि वह कौन की धान की किस्में है, जो कम समय में पैदा होती हैं।

कम समय में तैयार होने वाले धान

कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि किसान पीआर-126, पीबी-1509, और पीबी-1692 वैरायटी वाली धान की खेती कर सकता है। इन वैरायटी को तैयार होने में कम समय लगता है। हालांकि किसानों की इस वैरायटी की रोपाई 5 अगस्त तक कर दे। इसक फसल को तैयार होने में 100 दिन का समय लगता है। ऐसे में अगर किसान इसकी रोपाई अगस्त महीने के पहले हफ्ते तक कर देता है तो उसको उत्पादन अधिक मिलता है।

इन किस्सों को भी लगा सकते

इसके अलावा किसान धान की पीबी-1885 और पीबी-1886 और परमल की वैरायटी पीआर-130 और पीआर-131 की रोपाई कर सकते हैं, यह बासमती चावल की धान की फसल होती है। इन वैरायटी की बुवाई किसान को जुलाई खत्म होने से पहले कर देनी चाहिए।

देर से रोपाई करने में होगा यह नुकसान

एस्पर्ट का कहना है कि वैसे तो देर से धान की रोपाई का कोई फायदा नहीं होता है। जैसे जैसे तापमान गिरता है तो इसका बीज खराब होने का डर बना रहता है और यह पैदावारी पर असर डालता है। ऐसे में किसान अगर जल्द तैयार होने वाले धान की खेती करना चाहते हैं तो वह इन किस्मों की पांच अगस्त तक रोपाई कर ले,ताकि उसको इस धान से अधिक से अधिक लाभ मिले। क्योंकि इन वैरायटी को तैयार होने के लिए कम के कम 100 दिन का समय चाहिए।

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