RBI आज करेगा कई बड़े ऐलान, जानिए आप पर क्या होगा असर
ऐसे में रिजर्व बैंक नीतिगत दरों में बदलाव नहीं होगा। भारत की जीडीपी में पहली तिमाही में 24 फीसदी की गिरावट के बाद दूसरी तिमाही में 7.5 फीसदी की गिरावट आई थी।
नई दिल्ली: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने मंगलवार 1 दिंसबर से अपनी मौद्रिक नीति समीक्षा के लिए दो दिन की बैठक शुरू की थी । इस बैठक में हुए फैसलों की घोषणा आज की जाएगी। ये तय माना जा रहा है कि इस बार केंद्रीय बैंक नीतिगत दरों में किसी तरह का बदलाव नहीं करेगा। यानी ब्याज दरों और ईएमआई में राहत के आसार नहीं हैं। आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति का निर्णय जिसका सीधा असर आम आदमी पर पड़ेगा, आज होगा।
नीतिगत दरों में बदलाव नहीं
ऐसे में रिजर्व बैंक नीतिगत दरों में बदलाव नहीं होगा। भारत की जीडीपी में पहली तिमाही में 24 फीसदी की गिरावट के बाद दूसरी तिमाही में 7.5 फीसदी की गिरावट आई थी। यह आरबीआई के 8.6 फीसदी गिरावट के अनुमान से बेहतर रही थी। अपेक्षा से बेहतर रहने के बाद आरबीआई को इस नीति में जीडीपी पूर्वानुमान को संशोधित कर -9.5 फीसदी से -7 से -9 फीसदी कर सकता है। केयर रेटिंग्स के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा कि महंगाई अब भी काफी ऊपर है। ऐसे में रिजर्व बैंक के पास नीतिगत दरों को यथावत रखने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।
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ब्रिकवर्क रेटिंग्स के मुख्य आर्थिक सलाहकार एम. गोविंदा राव ने कहा कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) आधारित मुद्रास्फीति अब काफी अधिक है। ऐसे में एमपीसी की ओर से दरों में बदलाव की उम्मीद नही है। मनीबॉक्स फाइनेंस के सह मुख्य कार्यपालक अधिकारी दीपक अग्रवाल ने कहा कि खाद्य और मुख्य मुद्रास्फीति ऊपर बनी हुई है।
अब तक ऐसा रहा बदलाव
बता दें कि आज शुक्रवार को आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास बैठक के फैसलों का एलान करेंगे। इधर अर्थशास्त्रियों को आरबीआई से रेपो दर में और कटौती की उम्मीद नहीं है। वर्तमान में यह मई के बाद से रेपो रेट साल 2000 के बाद 4 परसेंट पर है, जो कि सबसे निचला स्तर है। मार्च में दरों में 115 बेसिस पॉइंट यानि 1.15 परसेंट तक की कटौती की गई थी जब देश कोविड 19 के संकट से जूझ रहा था। रिवर्स रेपो रेट 3.35% है।
आरबीआई ने कोरोना के दौरान रेपो रेट में 1.15 फीसदी कटौती की है। मार्च से अब तक रिवर्स रेप रेट में 1.55 फीसदी कटौती हुई है। 22 मई को रिवर्स रेपो 0.40 फीसदी घटाकर 3.35 फीसदी किया गया। 22 मई के बाद दरों में कोई बदलाव नहीं हुआ है। रेपो रेट 4 फीसदी और रिवर्स रेपो रेट 3.35 फीसदी पर बरकरार है।
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क्या है रेपो रेट
बैंक हमें कर्ज देते हैं और उस कर्ज पर हमें ब्याज देना पड़ता है। ठीक वैसे ही बैंकों को भी अपने रोजमर्रा के कामकाज के लिए भारी-भरकम रकम की जरूरत पड़ जाती है और वे भारतीय रिजर्व बैंक से कर्ज लेते हैं। इस ऋण पर रिजर्व बैंक जिस दर से उनसे ब्याज वसूल करता है, उसे रेपो रेट कहते हैं। जब बैंकों को कम ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध होगा यानी रेपो रेट कम होगा तो वो भी अपने ग्राहकों को सस्ता कर्ज दे सकते हैं और यदि रिजर्व बैंक रेपो रेट बढ़ाएगा तो बैंकों के लिए कर्ज लेना महंगा हो जाएगा और वे अपने ग्राहकों के लिए कर्ज महंगा कर देंगे।