RBI Monetary Policy: कर्ज ले चुके...या फिर लेने वालों को RBI से बड़ी राहत, रेपो रेट 6.5% पर अपरिवर्तित

RBI Monetary Policy: RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि देश में मुद्रास्फीति में भले ही कुछ कमी आई हो, लेकिन महंगाई पर अभी भी चिंता और अनिश्चितता बरकरार है। और यह अभी अभी टारगेट के ऊपर चल रही है।

Update: 2023-06-08 04:39 GMT
RBI Monetary Policy Live (सोशल मीडिया)

RBI Monetary Policy: भारतीय केंद्रीय बैंक (RBI) वित्तीय वर्ष 2023-24 की दूसरी MPC की बैठक खत्म हो गई है। RBI गवर्नर शक्तिकांत दास गुरुवार को एमपीसी के फैसलों की जानकारी दे रहे हैं।आरबीआई ने एक फिर लोगों को राहत देते हुए रेपो रेट यानी नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। इसको पिछली बार की तरह 6.5 फीसदी पर अपरिवर्तित छोड़ने का फैसला किया है। हालांकि आरबीआई के गवर्रन दास ने भविष्य में नीतिगत दरों की वृद्धि पर बड़े संकेत दिये हैं। उनका कहना है कि आने वाले महीनों में दरों में बढ़ोतरी का असर देखने को मिलेगा। भले ही वैश्विक महंगाई दर नीचे की ओर जा रही है, लेकिन अभी भी यह चिंता का विषय है।

6-8 जून को हुई बैठक

आपको बता दें कि वित्त वर्ष FY24 की दूसरी द्विमासिक मौद्रिक नीति बैठक 6 से 8 जून तक आयोजित की गई थी। इसका फैसला 8 जून, गुरुवार को घोषित किया गया। गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता वाली दर-सेटिंग पैनल के सदस्यों ने रेपो रेट को स्थिर रखने का फैसला किया है। 6 में से 5 सदस्यों ने अकोमेडेटिव रुख रखने के पक्ष में फैसला दिया था। जिसके बाद नीतिगत दर 6.5 फीसदी पर यथावत है। इससे पहले अप्रैल में हुई मौद्रिक नीति बैठक में भी आरबीआई ने रेपो रेट को 6.5 फीसदी पर स्थिर रखा था। उससे पहले में लगातार वृद्धि हुई थी।

महंगाई पर अनिश्चितता बरकरार

दास ने कहा कि देश में मुद्रास्फीति में भले ही कुछ कमी आई हो, लेकिन महंगाई पर अभी भी चिंता और अनिश्चितता बरकरार है। और यह अभी अभी टारगेट के ऊपर चल रही है। आरबीआई ने सीपीआई इंफ्लेशन का अनुमान FY24 में 5.2 से घटाकर 5.1 पर्सेंट पर किया है, लेकिन दूसरी तिमाही में इसमें बढ़ोतरी का असर जताए हैं। दास ने कहा कि सीपीआईपीआई इंफ्लेशन दूसरी तिमाही 5.2 से बढ़कर 5.4 फीसदी होने के अनुमान है। हालांकि अप्रैल के मुकाबले मई में देश में महंगाई स्थिति में कुछ सुधरी है।

इस साल ऐसी रहेगी जीडीपी ग्रोथ की चाल

आरबीआई ने कहा कि वित्त वर्ष 24 में महंगाई दर 4 फीसदी के ऊपर रहने का अनुमान जताया गया है। वित्त वर्ष 24 में देश की जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 6.5 फीसदी लगाया है। आरबीआई के गवर्नर का कहना है कि वित्त वर्ष-24 की पहली तिमाही में रियल जीडीपी में 8 फीसदी की वृद्धि का अनुमान है। इससे पहले इसकी 7.8 फीसदी ग्रोथ की संभावना थी। FY24 में दूसरी तिमाही में रियल जीडीपी ग्रोथ 6.5 फीसदी, तीसरी तिमाही में यह 6 फीसदी और चौथी तिमाही में रियल जीडीपी ग्रोथ 5.7 फीसदी संभव है।

FY24 में CPI 5.1 फीसदी पर संभव

RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने वित्त वर्ष 24 में सीपीआई दरों में कटौती की है। दास ने कहा कि FY24 में CPI 5.1 फीसदी रह सकती है। इससे पहले यह 5.2 फीसदी पर था। हालांकि दूसरी तिमाही में CPI में वृद्धि का अनुमान लगाया है। FY24 के Q2 में CPI 5.2% से बढ़कर 5.4% संभव है। तीसरी तिमाही में सीपीआई को 5.4 फीसदी पर बरकरार रखा है, जबकि FY24 की Q4 में CPI अनुमान 5.2% पर रहने का अनुमान लगाया है। दास ने कहा कि इंपोर्ट की कमी होने से व्यापार घाटे में कमीआई है। उन्होने कहा कि स्थायी जमा सुविधा दर 6.25% पर बनी हुई है। वहीं, सीमांत स्थायी सुविधा दर और बैंक दर 6.75% पर अपरिवर्तित रखा है।

एसबीआई ने पहले लगाया था रेपो रेट में स्थिरता का अनुमान

आरबीआई की MPC बैठक शुरू होने से पहले स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने कहा था कि केंद्रीय बैंक एक बार फिर रेपो रेट को अपरिवर्तित रख सकता है। इसने यह भी कहा कि FY24 के लिए मुद्रास्फीति के अनुमान को घटाया जा सकता है।

आखिरी बार फरवरी में बढ़ा था रेपो रेट

दरअसल, पिछले साल फरवरी में शुरू हुए रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से वैश्विक स्तर पर कमोडिटी की कीमतों में भारी उछाल आया था। इस उछाल का असर भारतीय बाजारों में भी दिखाई दिया था, जिसकी वजह से घरेलू बाजार में महंगाई दर यानी मुद्रीस्फीति बढ़ गई थी। महंगाई दर को रोकने लिए केंद्रीय बैक ने मई 2022 लेकर फरवरी, 2023 तक रेपो रेट में कुल 2.5 फीसदी की बढ़ोतरी थी, जिसके बाद यह बढ़कर 6.50 फीसदी पर आ गया था। हालांकि फरवरी के बाद से देश में आई मुद्रास्फीति कमी की वजह से केंद्रीय बैंक अप्रैल में MPC की बैठक में रेपो रेट को अपरिवर्तित रखने का निर्णय लिया था। जिसके बाद रेपो रेट 6.50 फीसदी बना हुआ है।

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