मौद्रिक नीति समीक्षा: RBI गवर्नर की प्रेस कांफ्रेंस, कर सकते हैं ये बड़े एलान

देश में आर्थिक रफ्तार बढ़ाने को लेकर आज आरबीआई( रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ) बड़ा एलान कर सकता है। खबर है कि बैंक आज इंटरेस्ट रेट में कटौती कर सकती है,और  अन्य विकल्पों की भी घोषणा कर सकती है। बता दें कि आरबीआई गवर्नर की अध्यक्षता में आज मौद्रिक समीक्षा नीति की बैठक है।

Update:2020-08-06 11:07 IST
मौद्रिक नीति समीक्षा

नई दिल्ली : देश में आर्थिक रफ्तार बढ़ाने को लेकर आज आरबीआई( रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ) बड़ा एलान कर सकता है। खबर है कि बैंक आज इंटरेस्ट रेट में कटौती कर सकती है,और अन्य विकल्पों की भी घोषणा कर सकती है। बता दें कि आरबीआई गवर्नर की अध्यक्षता में आज मौद्रिक समीक्षा नीति की बैठक है।

 

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अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की कोशिश

इस बैठक में कोरोना के प्रकोप के बीच देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए आरबीआई के गवर्नर शशिकांत दास की अध्यक्षता वाली 6 सदस्यीय मौद्रिक नीति कमिटी (MPC) की बैठक में नई घोषणा होगी। विशेषज्ञों का मानना है कि आरबीआई नीतिगत दर में कटौती से प्रभावित अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की कोशिश कर सकती हैं इसकी साथ ही लोन पुनर्गठन जैसे अन्य उपायों की घोषणा हो सकता है।

 

फाइल

केंद्रीय बैंक अर्थव्यवस्था को कम नुकसान

महामारी और उसकी रोकथाम के लिए लगाए गए लॉकडाउन से उबरने के लिए केंद्रीय बैंक अर्थव्यवस्था को नुकसान कम करने के लिए सक्रियता से कदम उठा रहा है। विशेषज्ञयों के अनुसार मौद्रिक नीति तेजी से बदलते आर्थिक परिवेश को देख मौद्रिक नीति नरम रुख बरकरार रखेगा। इधर मांस, अनाज और दाल जैसे खाद्य वस्तुओं के ऊंचे दाम से उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति जून में 6.09% रही।

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ब्याज दर में कटौती

एसबीआई की एक शोध रिपोर्ट के अनुसार बैंकों ने नए कर्ज पर ब्याज दर में प्रतिशत 0.72 अंक की कटौती दर में कटौती का लाभ ग्राहकों को ब्याज दर में कटौती के जरिए दिया गया।

रिजर्व बैंक को सरकार की जिम्मेदारी

कोटक महिंद्रा बैंक की समूह अध्यक्ष ने कहा कि कोविड-19 संकट कंपनियों और ग्राहकों दोनों को प्रभावित कर रहा है। अनिश्चितताएं अभी भी बनी हुई है। रिजर्व बैंक को मुद्रास्फीति दो प्रतिशत घट-बढ़ के साथ 4% पर कायम रखने की सरकार ने जिम्मेदारी दी है।

 

 

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प्रतीकात्मक

वित्त मंत्री ने कहा था...

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले सप्ताह कहा था, ‘हमारा ध्यान पुनर्गठन पर है। वित्त मंत्रालय आरबीआई के इस बारे में बातचीत कर रहा है। ' इसके अलावा केंद्रीय बैंक कर्ज लौटाने को लेकर दी गयी मोहलत के संदर्भ में दिशानिर्देश जारी कर सकता है। इसकी अवधि 31 अगस्त को समाप्त होने जा रही है।

फ़ैसले से बाजार में पैसों बढ़ेगा

इसका विरोध भी जताया गया है। ब्याज दर में कटौती से सीधा फायदा ग्राहकों को मिलेगा। ग्राहक कम ब्याज पर पैसा लेकर बाजार में निवेश कर सकते हैं। आरबीआई के इस फ़ैसले से बाजार में पैसों बढ़ेगा। ऐसा अनुमान है कि 2020-21 में वित्तीय बचत में इजाफा होगा।

बता दें कि यह एमपीसी की 24वीं बैठक है। इस संकट की घड़ी में इससे पहले में इस साल 2 बैठक हो चुकी है। पहली बैठक मार्च में और उसके बाद दूसरी बैठक मई, 2020 में हुई।

 

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