अंबानी बंधुओ पर 25 करोड़ का जुर्माना, इस मामलें में सेबी ने दिया झटका

यह जुर्माना 2000 में रिलायंस इंडस्ट्रीज से जुड़े मामले में अधिग्रहण नियमों का अनुपालन नहीं करने को लेकर लगाया गया है।

Published by :  APOORWA CHANDEL
Update: 2021-04-08 01:28 GMT

मुकेश अंबानी और अनिल अंबानी (फोटो-सोशल मीडिया)

नई दिल्ली: भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने जाने-माने उद्योगपतियों मुकेश अंबानी और अनिल अंबानी के साथ-साथ अन्य लोगों एवं इकाइयों पर 25 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। जिन अन्य लोगों पर यह जुर्माना लगा है उसमें नीता अंबानी, टीना अंबानी और अंबानी परिवार के अन्य सदस्य का नाम भी शामिल हैं।

सेबी ने अंबानी परिवार पर जो यह जुर्माना लगाया है वो दो दशक पुराना है। सेबी द्वारा यह जुर्माना 2000 में रिलायंस इंडस्ट्रीज से जुड़े मामले में अधिग्रहण नियमों का अनुपालन नहीं करने को लेकर लगाया गया है।

85 पृष्ठ का आदेश

बाजार नियामक सेबी की ओर से जारी किए गए 85 पृष्ठ के आदेश में कहा गया है कि रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड(आरआईएल) के प्रवर्तक और मामले में शामिल अन्य संबंधित लोगों ने साल 2000 में कंपनी की 5 प्रतिशत से ज्यादा हिस्सेदारी का अधिगृहण करने की बात का सही तरीके से खुलासा नहीं कर पाए हैं। जिसको लेकर यह जुर्माना लगाया गया हैं। सेबी ने कहा कि संबंधित लोगों और इकाइयों को जुर्माना संयुक्त रूप से और अलग-अलग देना है।

सेबी के नियमों के तहत प्रवर्तक समूह ने किसी भी वित्त वर्ष में 5 प्रतिशत से अधिक वोटिंग अधिकार का अधिग्रहण किया है, उसके लिये जरूरी है कि वह अल्पांश शेयरधारकों के लिये खुली पेशकश करे। सेबी ने कहा कि संबंधित लोगों और इकाइयों को जुर्माना संयुक्त रूप से और अलग-अलग देना है। बता दें कि मुकेश और अनिल अंबानी 2005 में कारोबार का बंटवारा कर अलग हो गये

दो दशक पुराना मामला

सेबी द्वारा जारी किए गए आदेश के अनुसार 2000 में आरआईएल प्रवर्तकों ने पीएसी के साथ मिलकर गैर-परिवर्तनीय सुरक्षित विमोच्य डिबेंचर से संबद्ध वारंट को शेयर में बदलने के विकल्प का उपयोग कर 6.83 फीसदी हिस्सेदारी का अधिग्रहण किया। और यह अधिग्रहण नियमन के तहत निर्धारित 5 फीसदी की सीमा से अधिक रहा। पीएसी को 1994 में जारी वारंट के आधार पर इसी तारीख को आरआईएल के इक्विटी शेयर आबंटित हुए।

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