विजय माल्या का मामलाः सुप्रीम कोर्ट ने मांगा जवाब, प्रत्यर्पण में क्यों हो रही देरी
सुप्रीम कोर्ट ने भगोड़े कारोबारी विजय माल्या को भारत को प्रत्यर्पित किए जाने की कार्रवाई के संबंध में छह हफ्ते के अंदर केंद्र से स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है।
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) बैंकों का हजारों करोड़ रुपये लेकर देश से फरार मशहूर कारोबारी विजय माल्या (Vijay Mallya) को भारत को प्रत्यर्पित किए जाने की कार्रवाई के संबंध में छह हफ्ते के अंदर केंद्र से स्टेटस रिपोर्ट (Status Report) दायर करने को कहा है। अदालत ने केंद्र से छह हफ्ते के अंदर केंद्र से स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा और इसे अगले साल जनवरी के पहले सप्ताह में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया है।
ब्रिटेन में चल रही है गोपनीय कार्रवाई
इससे पहले केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि विजय माल्या के खिलाफ प्रत्यर्पण का मामला खत्म हो चुका है। लेकिन ब्रिटेन में कुछ गोपनीय कार्रवाई चल रही है, जिसकी जानकारी भारत के साथ शेयर नहीं की गई है। जिसके चलते उसके प्रत्यर्पण में वक्त लग रहा है। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया गया था कि ब्रिटेन की सर्वोच्च अदालत द्वारा माल्या के प्रत्यर्पण का आदेश दे दिया गया था, लेकिन इसका कोई असर नहीं हुआ है। इस मामले में अभी कार्रवाई लंबित है।
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अदालत ने वकील को लगाई फटकार
जिस पर अदालत ने भगोड़े कारोबारी के वकील को साफ जवाब न देने के लिए फटकार लगाते हुए कोर्ट में जवाब दाखिल करने को कहा था कि माल्या कब अदालत के समक्ष पेश होगा और गोपनीय कार्यवाही कब खत्म होगी। कोर्ट की ओर से इसके लिए दो नवंबर तक के लिए समय दिया गया था। बता दें कि अदालत ने केंद्र से पिछली सुनवाई में यह भी पूछा था कि आखिर माल्या को भारत प्रत्यर्पित करने में देरी क्यों हो रही है।
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विजय माल्या अवमानना का दोषी
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने विजय माल्या को अवमानना का दोषी पाया था। यह पूरा मामला वित्तीय लेन-देन से संबंधित है। दरअसल कोर्ट ने विजय माल्या को बैंकों का लोन चुकाने का आदेश दिया था, लेकिन माल्या ने बैंक लोन चुकाने की जगह पैसा अपने बेटे के अकाउंट में डाल दिया था। माल्या पर 40 मिलियन डॉलर ट्रांसफर करने के आरोप हैं। वह वर्तमान में ब्रिटेन में रह रहे हैं, जहां से सरकार उन्हें प्रत्यर्पित करने की कोशिश कर रही है।
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