ABG Shipyard Scam: SBI के प्रबंध निदेशक ने कहा, मोहलत देने के बावजूद कंपनी नहीं चुका सकी ऋण

ABG Shipyard Bank Fraud: देश की सबसे बड़ी निजी क्षेत्र की शिपयार्ड कंपनी में से एक एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड पर केंद्रीय जांच ब्यूरो ने 28 बैंकों से करीब 22,842 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है।

Written By :  Rajat Verma
Published By :  Deepak Kumar
Update: 2022-02-13 15:21 GMT

एसबीआई (फोटो साभार- सोशल मीडिया)  

ABG Shipyard Bank Fraud: देश की सबसे बड़ी निजी क्षेत्र की शिपयार्ड कंपनी में से एक एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड पर केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने 28 बैंकों से करीब 22,842 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। एबीजी शिपयार्ड के साथ इसके निदेशकों ऋषि अग्रवाल, संथानम मुथुस्वामी और अश्विनी कुमार को भी मामले में दोषी पाया गया है।

आपको बता दें कि कुल 28 बैंकों में एक भारतीय स्टेट बैंक भी शामिल है, जिनसे एबीजी शिपयार्ड ने ऋण लिया था। इस धोखाधड़ी मामले के सामने आने के पश्चात अब भारतीय स्टेट बैंक (State Bank of India) के प्रबंध निदेशक स्वामीनाथन जे (Managing Director Swaminathan J) का बयान सामने आया है। इस मामले में स्वामीनाथन जे का कहना है कि एबीजी शिपयार्ड 2001 से लगभग 28 बैंकों से ऋण सुविधाओं का आनंद ले रहा था, लेकिन कंपनी लंबे समय तक खुद को स्थापित नहीं रख सकी।

स्वामीनाथन जे के मुताबिक अव्यावहारिक संचालन के चलते एबीजी शिपयार्ड के खाते को नवंबर 2013 में ही एनपीए (Non Performing Asset) घोषित कर दिया गया था। जिसके पश्चात सभी संबंधित बैंकों ने अनुमानों का पुनर्गठन कर 2014 में कंपनी को लिया गया ऋण चुकाने के लिए और अधिक मोहलत प्रदान की गई थी तथा तत्पश्चात शिपिंग उद्योग में आई मंदी के चलते एबीजी शिपयार्ड द्वारा ऋण चुकाने के लिए पुनर्गठित किए गए अनुमानों को हासिल नहीं किया जा सका, जिसके बाद 2016 में एबीजी शिपयार्ड के बैंक खाते को 2013 से प्रभावी एनपीए के रूप में वर्गीकृत कर दिया गया।

आपको बता दें कि इस मामले में आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank) द्वारा की गई एक ऑडिट की रिपोर्ट 2019 में आई थी, जिसके पश्चात समान रूप से लिए गए फैसले के मुताबिक 2019 में एबीजी शिपयार्ड के खातों को सभी बैंकों द्वारा फ्रॉड घोषित कर दिया गया।

2019 के नवम्बर माह में दर्ज की गई थी पहली शिकायत

सीबीआई (CBI) द्वारा मामले की गई पड़ताल के विषय में बात करते हुए स्वामीनाथन जे (SBI (Managing Director Swaminathan J) ने कहा कि-"सार्वजनिक क्षेत्र का सबसे बड़ा बैंक होने के नाते भारतीय स्टेट बैंक को अन्य बैंकों द्वारा सीबीआई से शिकायत दर्ज करने के लिए अधिकृत किया गया था। इस मामले में बैंकॉक द्वारा पहली शिकायत 2019 के नवम्बर माह में दर्ज की गई थी तथा इसी के पश्चात 2021 के दिसंबर माह में एक सम्बन्धित मामले को लेकर एक बड़ी शिकायत दर्ज की गई थी।

मामले के संबंध में अपना अन्तिम बयान देते हुए स्वामीनाथन जे ने कहा कि सीबीआई (SBI) द्वारा ड्सर्ज़ किए गए धोखाधड़ी के मामले के मद्देनज़र कोई आश्चर्य की बात नहीं है, यह आमतौर पर बड़े मूल्य के कॉर्पोरेट ऋणों में देखा गया है। 

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