Asaduddin Owaisi: मौतों का आकंड़ा छुपा रही मोदी सरकार, आम जनता की तकलीफ से कोई लेना देना नहीं
Asaduddin Owaisi: महामारी कोरोना वायरस(Coronavirus) से होने वाली मौतों के आंकड़ों पर असदुद्दीन ओवैसी ने मोदी सरकार के आंकड़ों पर सवाल खड़े किये हैं।
Asaduddin Owaisi: मोदी सरकार पर एक बार फिर से ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन(All India Majlis-E-Ittehadul Muslimeen) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी(Asaduddin Owaisi) ने हमला बोला है। महामारी कोरोना वायरस(Coronavirus) से होने वाली मौतों के आंकड़ों पर ओवैसी ने सरकार के आंकड़ों पर सवाल खड़े किये हैं।
कोरोना से होने वाली मौतों को लेकर उन्होंने दावा किया है कि कोरोना से मौत को लेकर मोदी सरकार ने जो आंकड़ा दिखाया है हकीकत में मौत उससे कहीं ज्यादा है। सरकार मोते के आंकड़ों को छिपा रही है। कोरोना से होने वाली मौत के आंकड़ों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विपक्ष के नेताओं के निशाने पर हैं।
छिपाएं जा रहे मौतों के आकड़ें
आगे असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, ''देश में दूसरी लहर के दौरान कोरोना संक्रमण की वजह से 20 लाख लोगों की मौतें हो चुकी है। मोदी सरकार का आंकड़ा वास्तविकता से काफी दूर है। सरकार मौत का सही आंकड़ा छुपा रही है। किसी भी राज्य में ICMR की ओर से जारी गाइडलाइंस फॉलो नहीं किया जा रहा है। हर जिले में मौत के आंकड़े छुपाए जा रहे हैं।''
इस बारे में मोदी सरकार पर हल्ला बोलते हुए ओवैसी ने कहा कि द इकोनॉमिस्ट के अनुसार जितनी मौतें दिखाई जा रही है, सही आंकड़ा इससे छह गुणा ज्यादा है, मगर मोदी सरकार इसे मानना नहीं चाहती है।
साथ ही ये भी ओवैसी ने कहा कि मोदी सरकार को आम जनता की तकलीफ से कोई लेना देना नहीं है। कितने बच्चे अनाथ हो चुके हैं, वे समझना नहीं चाहते हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान मोदी सरकार नाकाम रही है। सरकार वैक्सीनेशन में भी नाकाम रही है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार चाहती है कि सिर्फ उनकी झूठी तारीफ हो।
ओसामा पर डोरे डालने में जुटे ओवैसी
इससे पहले बिहार के सीवान के पूर्व सांसद और राजद के वरिष्ठ नेता मोहम्मद शहाबुद्दीन के निधन के बाद एआईएमआईएम के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने उनके बेटे ओसामा पर डोरे डालने शुरू किया था।
शहाबुद्दीन का शव सीवान न ला पाने को लेकर ओसामा राजद से नाराज चल रहे और ओवैसी शहाबुद्दीन की बेटे की इसी नाराजगी को भुनाने की कोशिश में जुट गए। इसी सिलसिले में एआईएमआईएम के पांचों विधायकों ने सीवान में ओसामा के घर जाकर उनसे मुलाकात की।
सियासी जानकारों का कहना है कि इन विधायकों ने ओसामा को ओवैसी का विशेष संदेश भी दिया है। हालांकि अभी इस बात का खुलासा नहीं हो सका है कि ओवैसी की ओर से ओसामा को भेजे गए संदेश में क्या बातें कही गई हैं। माना जा रहा है कि ओवैसी ओसामा को साथ लाकर मुस्लिम मतों की एकजुटता बनाए रखना चाहते हैं।
दरअसल कोरोना की दूसरी लहर के दौरान बाहुबली पूर्व सांसद शहाबुद्दीन का पिछले दिनों नई दिल्ली में निधन हो गया था। शहाबुद्दीन दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद थे और कोरोना से संक्रमित होने के बाद उन्हें दिल्ली के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
निधन के बाद शहाबुद्दीन का परिवार उनका शव सीवान ले जाना चाहता था मगर इसकी इजाजत नहीं मिल सकी। शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा और अन्य समर्थकों ने इसे लेकर काफी नाराजगी जताई थी। उनकी नाराजगी खासतौर पर राजद नेता तेजस्वी यादव को लेकर थी। शहाबुद्दीन के परिजनों और समर्थकों का आरोप है कि इस मामले में तेजस्वी यादव की ओर से कोई भी मदद नहीं की गई।
हालांकि राजद ने इन आरोपों को गलत बताया था। राजद के प्रति परिजनों की नाराजगी को दूर करने के लिए ही पार्टी के मुखिया लालू प्रसाद यादव ने अपने बड़े बेटे तेज प्रताप यादव को शहाबुद्दीन के घर भी भेजा था मगर इस कवायद के बाद भी शहाबुद्दीन के परिजनों की राजद से नाराजगी दूर नहीं हो सकी है।
बता दें, तेजस्वी यादव के अभी तक परिजनों से न मिलने के मुद्दे पर भी नाराजगी बढ़ती जा रही है। इसी नाराजगी के चलते सलीम परवेज समेत राजद के कई नेता पार्टी से इस्तीफा भी दे चुके हैं।
राजद से शहाबुद्दीन के परिजनों की नाराजगी भुनाने की कोशिश में अब ओवैसी भी जुट गए हैं। माना जा रहा है कि इसीलिए उन्होंने अपने पार्टी के पांचों विधायकों को सीवान स्थित शहाबुद्दीन के घर भेजा था। शहाबुद्दीन के सीवान शहर के नया किला स्थित आवास पर पांचों विधायकों ने पूर्व सांसद के बेटे ओसामा शहाब से मिलकर सांत्वना दी।
जानकारों के मुताबिक पांचों विधायकों की शहाबुद्दीन के बेटे के साथ दो घंटे लंबी गुफ्तगू हुई और इस दौरान बिहार की सियासत से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई। एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष और विधायक अख्तरुल इमान ने मोहम्मद शहाबुद्दीन के निधन पर शोक जताते हुए उन्हें दलितों और मजदूरों का नेता बताया।