Assambly Election 2022: भाजपा के लिए क्या इस चुनाव में ब्रांड सिर्फ मोदी, आइये जाने 5 राज्यों में क्या बन रहे समीकरण

Assambly Election 2022: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज भी संसद से लेकर पंचायत तक के चुनावों में बीजेपी के एकमात्र पोस्टर ब्यॉए हैं। यही वजह है कि आसन्न विधानसभा चुनावों में भी पीएम मोदी ही एकबार फिर बीजेपी की नैया के खेवनहार होंगे।

Update:2022-01-21 17:07 IST

Assambly Election 2022

Assambly Election 2022: विधानसभा चुनाव 2022. वर्ष 2014 से देश की सत्ता पर काबिज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज भी संसद से लेकर पंचायत तक के चुनावों में बीजेपी के एकमात्र पोस्टर ब्यॉए हैं। यही वजह है कि आसन्न विधानसभा चुनावों में भी पीएम मोदी ही एकबार फिर बीजेपी की नैया के खेवनहार होंगे। दरअसल 2014 के बाद बीजेपी ने उनके नेतृत्व में कई राज्यों में फतह हासिल की तो, कई में उसे करारी हार का मूंह भी देखना पड़ा। वर्ष 2019 में दोबारा सत्ता प्राप्त करने के बाद बीजेपी किसी भी विधानसभा चुनाव अब तक निर्णाँयक तरीके से बहुमत नहीं पा सकी है। अलबत्ता पार्टी को महाराष्ट्र, झारखंड जैसे राज्यों में सत्ता गंवानी पड़ी, वहीं तो पश्चिम बंगाल और दिल्ली में करारी शिकस्त से दो – चार होना पड़ा। 

पीएम मोदी की ब्रांड वैल्यू सबसे ज्यादा

इन सबके बावजूद बीजेपी में अब भी पीएम मोदी की ब्रांड वैल्यू सबसे ज्यादा है। यही कारण है कि जिन राज्यों में बीजेपी की सरकार है, वहां भी राज्य के मुख्यमंत्री के बजाय पार्टी प्रधानमंत्री के चेहरे को ही तरजीह देती है। जिन पांच राज्यों में चुनाव होने जा रहे हैं, उनमे से चार राज्यों में बीजेपी की सरकार है। फिर भी इन राज्यों में यहां के मुख्यमंत्री के बजाय पीएम मोदी का चेहरा बीजेपी अधिक इस्तेमाल कर रही है। हालांकि यूपी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का निश्चित तौर पर अपना एक अलग आधार है, फिर भी बीजेपी उनके एंटी इनकमबैंसी और ठाकुरवाद के आरोपों के चलते रिस्क नहीं लेना चाहती। यही वजह है कि पीएम मोदी की सक्रियता अचानक यूपी बढ़ गई है। काशी कॉरिडोर से लेकर पूर्वांचल एक्सप्रेस वे जैसे तमाम परियोजाओं के लोकापर्ण और शिलान्यास कार्यक्रम में वो हिस्सा ले रहे हैं। 

दरअसल बीजेपी जानती है कि आज भी देश में कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी औऱ पोरंबदर से लेकर सिलचर तक किसी नेता की अपील है तो वो हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। पीएम मोदी ने उज्जवला, जनधन, पीएम किसान सम्मान, पीएम आवास, आयुष्मान भारत, नल से जल और मुद्रा योजना समेत ऐसा तमाम योजना है, जिससे तकरीबन ब़ड़ी संख्या में देश की आबादी लाभान्वित हुई है। इनमे से कई ऐसी योजना है जिसकी तारीफ अंतराष्ट्रीय स्तर पर भी हुई है। उदाहरण के लिए आयुष्मान भारत और नल से जल योजना।

हिंदुत्व औऱ विकास का कॉकटेल 

इन सबके अलावा पीएम मोदी के पास हिंदुत्व औऱ विकास के एक ऐसा कॉकटेल है, जिसके सामने बड़े से बड़े सियासी सूरमा धाराशायी हो जाते हैं। हिंदुत्व की राजनीति का प्रयोगशाला माने जाने वाले उत्तर प्रदेश में काशी कॉरीडोर इसी मिश्रण का सबसे सटीक उदाहरण है। अयोध्या में भव्य राममंदिर के शिलान्यास के बाद पीएम मोदी ने विशाल काशी कॉरिजोर का लोकार्पण कर एक बड़ा संकेत दिया है। भाजपा सूत्रों की माने तो बीजेपी अब काशी मॉडल को लेकर पांचों राज्यों के विधानसभा चुनाव में उतरेगी। भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने राज्य नेतृत्व को इसे अपने चुनावी एजेंडे में शामिल करने को कहा है। देश में जिस तरह पीएम मोदी ने गुजरात मॉडल को आगे रख, तमाम हिंदी प्रदेशों में विपक्ष का सूफड़ा साफ किया था, ठीक उसी तरह अब काशी मॉडल को आगे कर बीजेपी वहीं परिणाम दोहराना चाह रही है। जिससे हिंदुत्व के साथ साथ विकास के मुद्दे को भी टारगेट किया जा सके।

बैड डिफेंडर(Bad Defender

बीजेपी हरियाणा, असम और गोवा जैसे छोटे राज्य को छोड़ दें तो वो किसी बड़े राज्य में अपनी सत्ता नहीं बचा पाई है। राजनीतिक टिप्पणीकार इसिलिए बीजेपी को एक बैड डिफेंडर(Bad Defender) की संज्ञा देते हैं। ऐसे में क्या बीजेपी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करिश्माई नेतृत्व में यूपी समेत अन्य चुनावी राज्यों में अपनी सत्ता बचाए रखती है या फिर इन राज्यों को विपक्ष के हाथों गंवा बैठती है, ये देखना दिलचस्प होगा। 

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