Assembly elections: यूपी समेत इन राज्यों में तय समय पर होंगे चुनाव, कोरोना महामारी का नहीं होगा असर

Assembly elections: उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सहित पांच राज्यों में चुनाव अगले साल तय समय पर ही होंगे।

Written By :  Anshuman Tiwari
Published By :  Vidushi Mishra
Update: 2021-06-02 09:42 GMT
विधानसभा चुनाव (फोटो-सोशल मीडिया)

Assembly elections: उत्तर प्रदेश में लगभग सभी सियासी दलों ने अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव(Assembly Elections in 2022) के लिए सक्रियता बढ़ा दी है। सभी दल भीतर ही भीतर चुनावी तैयारियों में तो जुटे हुए हैं मगर कोरोना महामारी(Corona Virus) के कारण चुनाव को लेकर सबके दिलो दिमाग में कई शंकाएं भी हैं।

ऐसे में मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) सुशील चंद्रा ने शंकाओं के बादल छांटते हुए स्पष्ट कर दिया है कि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सहित पांच राज्यों में चुनाव अगले साल तय समय पर ही होंगे। उन्होंने कहा कि आयोग ने कोरोना महामारी के बीच कई चुनाव कराए हैं और इन चुनावों से मिले अनुभव आयोग के लिए आगे के चुनावों में काम आएंगे।

यहां अगले साल विधानसभा चुनाव

अगले साल उत्तर प्रदेश(Uttar Pradesh) के अलावा पंजाब(Punjab), गोवा(Goa), मणिपुर(Manipur) और उत्तराखंड(Uttarakhand) में चुनाव होने हैं। मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि तय समय पर चुनाव कराना निर्वाचन आयोग की पहली जिम्मेदारी है।

आयोग को यह बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है कि वह विधानसभाओं(Assembly Elections) का कार्यकाल समाप्त होने से पहले चुनाव कराकर विजयी उम्मीदवारों की सूची राज्यपाल को सौंप दे। उन्होंने कहा कि हम इस जिम्मेदारी को पूरा करने के लिए तैयार हैं और इसके लिए आयोग की ओर से आवश्यक तैयारियां की जाएंगी।

समय पर चुनाव होने का पूरा भरोसा

चुनाव आयोग ने कोरोना की दूसरी लहर(Corona Virus) के कारण हाल में लोकसभा और विधानसभाओं के उपचुनावों को टाल दिया था। राज्यसभा की कुछ सीटों के लिए उपचुनाव और विधानपरिषद के द्विवार्षिक चुनाव भी महामारी के कारण टाल दिए गए थे। इसके बावजूद चंद्रा को पांच राज्यों में समय पर चुनाव कराए जाने का पूरा भरोसा है।

एक न्यूज़ एजेंसी को दिए गए साक्षात्कार में चंद्रा ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर लगातार कमजोर पड़ती जा रही है और संक्रमण के मामलों में तेजी से गिरावट दर्ज की जा रही है। पूरे देश में महामारी का असर कमजोर पड़ा है।

उन्होंने कहा कि आयोग ने महामारी के दौरान ही बिहार में विधानसभा का चुनाव पूरी कामयाबी से कराया था। इसके साथ ही आयोग ने हाल में चार राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में भी चुनाव कराए हैं। चुनाव आयुक्त ने कहा कि महामारी के दौरान इन चुनावों के आयोजन से हमें काफी अनुभव मिले हैं।

अनुभवों का लाभ उठाएगा चुनाव आयोग

मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि अब कोरोना महामारी का कहर लगातार कमजोर पड़ रहा है और आने वाले दिनों में इसके और कमजोर पड़ने की उम्मीद है। ऐसे में अगले साल पांच राज्यों में होने वाले चुनाव तय समय पर ही आयोजित किए जाने का हमें पूरा भरोसा है।

उन्होंने कहा कि हम कोरोना महामारी के दौरान कराए गए चुनावों से मिले अनुभवों का लाभ अगले चुनावों में उठाने की पूरी कोशिश करेंगे।

चार राज्यों में भाजपा सत्तारूढ़

अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए सियासी दलों ने भी तैयारियां शुरू कर दी हैं। जिन पांच राज्यों में चुनाव होने हैं उनमें से चार राज्यों में भाजपा की सरकारें हैं। इन राज्यों में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर शामिल हैं। पंजाब एक ऐसा अकेला राज्य है जहां मौजूदा समय में कांग्रेस की सरकार है।

पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस की नेता ममता बनर्जी से झटका खाने वाली भाजपा अब इन चारों राज्यों में संगठन और सरकार की कमियों को दूर करने की कोशिश में जुट गई है।

दूसरी और पंजाब में कांग्रेस में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह(Capt Amarinder Singh) और वरिष्ठ नेता नवजोत सिंह सिद्धू के बीच विवाद काफी गहरा गया है। कांग्रेस हाईकमान भी चुनाव से पहले पार्टी की आंतरिक कलह को दूर करने की कोशिश में जुटा हुआ है और इसके लिए तीन सदस्यों की समिति बनाकर ठोस पहल की गई है। कांग्रेस किसी भी सूरत में पंजाब को अपने हाथ से नहीं निकलने देना चाहती।

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