Budget 2022: इस बार के बजट में शिक्षा क्षेत्र को कौन सी नई सौगातें, आइए जानें यहां

Budget 2022: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश के राष्ट्रीय बजट पेश किया। इस बजट में एजुकेशन सेक्टर के लिए कई तरह का नया घोषणा किया गया है।

Published By :  Bishwajeet Kumar
Written By :  Vikrant Nirmala Singh
Update:2022-02-01 15:33 IST

शिक्षा (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Budget 2022: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) देश का बजट पेश कर चुकी हैं। कोविड-19 (Covid-19) की वजह से देश की पढ़ाई-लिखाई ने डिजिटल स्वरूप धारण कर लिया है। ऐसे में इस बार के बजट से उम्मीदें थी कि वित्त मंत्री डिजिटल शिक्षा (Digital Education) के क्षेत्र में कुछ बड़े कदम उठाएंगी।

साथ ही यह उम्मीद की जा रही थी कि उन लोगों के लिए भी निर्णय लिए जाएंगे जो डिजिटल संसाधनों से काफी दूर है। पिछले साल बजट में शिक्षा क्षेत्र के लिए 93,234 करोड़ रुपए के प्रावधान किए गए थे जो कुल जीडीपी का 0.4 प्रतिशत था। पिछले कई दशकों से सरकारें कुल जीडीपी का 6 फ़ीसदी हिस्सा शिक्षा पर खर्च करने की बात करती रही हैं। उम्मीद के अनुरूप इस बार के बजट में डिजिटल शिक्षा के लिए कुछ प्रावधान किए गए हैं। आइए समझते हैं कि इस बार के बजट में शिक्षा क्षेत्र को कौन सी नई सौगातें मिली है।

1. डिजिटल विश्वविद्यालय का निर्माण

शिक्षा के क्षेत्र में यह अब तक की सबसे बड़ी घोषणा है। जिस तरीके से पढ़ाई-लिखाई डिजिटल स्वरूप में आई है उसे देखते हुए यह बड़ा निर्णय साबित हो सकता है। डिजिटल यूनिवर्सिटी (Digital University) का स्वरूप कैसा होगा इस पर तो बहुत कुछ स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई है लेकिन हम समझ सकते हैं कि यह डिजिटल फॉर्मेट में शिक्षा ग्रहण करने की एक डिजिटल दुनिया होगी। आने वाला भविष्य भी डिजिटल विश्वविद्यालयों का ही है। इस डिजिटल विश्वविद्यालय से एक फायदा यह होगा कि देश के दूर-दराज इलाकों में बैठे छात्र इंटरनेट और मोबाइल के माध्यम से डिग्री हासिल कर पाएंगे। यह विश्वविद्यालय भौतिक संसाधनों के बजाय डिजिटल संसाधनों से खड़ा हुआ भारत का अनोखा विश्वविद्यालय होगा।

2. वन क्लास-वन टीवी चैनल

इस बार के बजट की यह भी एक महत्वपूर्ण घोषणा है। डिजिटल होती शिक्षा व्यवस्था में अब हर कक्षा के लिए एक चैनल बनाए जाएंगे। हर कक्षा के संबंधित शिक्षक संबंधित चैनल पर पढ़ाएंगे। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि PM eVIDYA के 'वन क्लास, वन टीवी चैनल' कार्यक्रम को 12 से 200 टीवी चैनलों तक बढ़ाया जाएगा। यह सभी राज्यों को कक्षा 1 से 12 तक क्षेत्रीय भाषाओं में पूरक शिक्षा प्रदान करने में सक्षम बनाएगा। इस योजना के अंतर्गत सभी राज्यों को सप्लीमेंट्री एजुकेशन देने में मदद मिलेगी। सभी भाषाओं में शैक्षिक टूल्स मौजूद होने से छात्रों को भी राहत रहेगी।

3. बजट की राशि बढ़ाई गई

केंद्र सरकार ने इस बार के बजट में शिक्षा के लिए राशि बढ़ाई है। स्कूली शिक्षा के लिए कुल 63449.37 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है। जोकि पिछले वर्ष के 54873.66 करोड़ रुपए के आवंटन से ज्यादा है। तो वहीं उच्च शिक्षा के लिए इस वर्ष के बजट में 40810.34 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है। यह पिछले साल 38325.15 करोड़ रुपए था। दोनों मदों को जोड़ दें तुकुल राशि 1,04,259 करोड़ रुपए की बनती है। पिछली बार की तुलना में इस बार यह कुल 11025 करोड रुपए की बढ़ोत्तरी हुई है।

लेकिन 2021-22 में किये गए आंवटन और संशोधित आंकड़ों में शिक्षा क्षेत्र के लिए बजट में कमी आई है। पिछले वर्ष के बजट में स्कूली शिक्षा के लिए सरकार ने 54873.66 करोड रुपए का प्रावधान किया था। लेकिन संशोधित अनुमान बताते हैं कि इस वर्ष हकीकत में यह 51969.95 करोड रुपए ही रहने वाला है। तो वहीं स्कूली शिक्षा के लिए 38325.15 करोड रुपए का प्रावधान किया गया था लेकिन संशोधित अनुमान में यह 36016.86 करोड रुपए हो गया है।

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