कोरोना से जंग में एक और स्वदेशी टीका जल्द, केंद्र ने दिया 30 करोड़ डोज का ऑर्डर

Corona Vaccine : देश में वैक्सीन की किल्लत को दूर करने के लिए केंद्र सरकार ने तेजी से काम करना शुरू कर दिया है।;

Written By :  Anshuman Tiwari
Published By :  Shraddha
Update:2021-06-04 13:17 IST

कोरोना वैक्सीन (फोटो सौ. से सोशल मीडिया)

Corona Vaccine : देश में वैक्सीन की किल्लत को दूर करने के लिए केंद्र सरकार (Central Government) ने तेजी से काम करना शुरू कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की सख्ती के बाद सरकार टीकाकरण के काम में तेजी लाने में जुट गई है। इसी सिलसिले में कोवैक्सीन (Covaccine) के बाद एक और स्वदेशी टीका उपलब्ध कराने की तैयारी है। केंद्र सरकार ने हैदराबाद की बायोलॉजिकल-ई कंपनी की 30 करोड़ डोज बुक कर दी है।

सरकार की ओर से कंपनी को 1500 करोड़ रुपए का अग्रिम भुगतान किया गया है। भारत बायोटेक की कोवैक्सीन के बाद यह देश में उपलब्ध होने वाला दूसरा स्वदेशी टीका होगा। माना जा रहा है कि कंपनी की ओर से अगस्त से दिसंबर के बीच 30 करोड़ डोज उपलब्ध कराई जाएगी।

तीखी आलोचना के बाद जागी सरकार

हाल के दिनों में सरकार वैक्सीन नीति को लेकर विपक्ष के साथ ही हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के भी निशाने पर रही है। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए कोविड टीकाकरण नीति के तीसरे चरण को मनमाना और तर्कहीन बताया था। शीर्ष अदालत ने टीकों की खरीद पर भी सवाल खड़े किए थे। सुप्रीम कोर्ट ने अब तक खरीदे गए सभी टीकों का पूरा हिसाब देने का भी निर्देश दिया था।

जानकारों का कहना है कि देश में टीकों का संकट दूर करने के लिए अब सरकार ने ठोस प्रयास शुरू कर दिए हैं और इसी कड़ी में कोरोना के खिलाफ एक और स्वदेशी टीका जल्द उपलब्ध कराने की तैयारी है। देश में टीकों की किल्लत दूर करने के लिए केंद्र सरकार वैक्सीन मैत्री के तहत दूसरे देशों को भेजी जा रही वैक्सीन पर पहले ही रोक लगा चुकी है।


जल्द उपलब्ध होगा दूसरा स्वदेशी टीका

स्वास्थ्य मंत्रालय से जुड़े सूत्रों के अनुसार बायोलॉजिकल-ई कंपनी टीके के तीसरे चरण का परीक्षा चल रहा है। अब तक किए गए परीक्षणों काफी बेहतर रहे हैं और माना जा रहा है कि एक महीने के भीतर कंपनी के टीके का परीक्षण का काम पूरा हो जाएगा।

स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक परीक्षण का काम पूरा होने के बाद अगले कुछ महीनों में यह स्वदेशी टीका उपलब्ध हो जाएगा। केंद्र सरकार स्वदेशी टीका निर्माताओं को प्रोत्साहित करना चाहती है। इसीलिए इस दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है।


परीक्षण पूरा होने से पहले ही सौदा

जानकारों का कहना है कि सरकार की ओर से पहली बार इस्तेमाल के लिए अनुमति देने से पहले ही किसी टीके के सौदे को अंतिम रूप दिया गया है। सरकार ने वैैक्सीन निर्माण के काम में तेजी लाने के लिए कंपनी को 1500 करोड़ रुपए का अग्रिम भुगतान भी किया गया है।

देश में वैक्सीन की आपूर्ति करने वाली दो बड़ी कंपनियों भारत बायोटेक और सीरम इंस्टीट्यूट को भी केंद्र सरकार की ओर से अग्रिम भुगतान नहीं किया गया था मगर हैदराबाद की बायोलॉजिकल-ई को सरकार ने परीक्षण का काम पूरा होने से पहले ही इतनी बड़ी रकम का अग्रिम भुगतान किया है।

सरकार का अगस्त में बड़ा लक्ष्य

सरकार ने अगस्त से रोजाना एक करोड़ वैक्सीन लगाने की योजना तैयार की है और इसीलिए वैक्सीन के मोर्चे पर तेजी से काम किया जा रहा है। सीरम इंस्टीट्यूट की कोवीशील्ड, भारत बायोटेक की कोवैक्सीन के साथ ही रूस की स्पूतनिक-वी के जरिए टीकाकरण अभियान को पहले ही तेज किया जा चुका है।

सरकार की विदेशी कंपनियों फाइजर और मॉडर्ना के साथ भी बातचीत काफी एडवांस स्टेज में है। माना जा रहा है कि कुछ और विदेशी वैक्सीन को जल्दी ही भारत में उतारकर टीकाकरण अभियान को और तेज किया जाएगा।

सीरम ने मांगी विदेशी कंपनियों जैसी छूट

इस बीच कोवीशील्ड के निर्माता सीरम इंस्टीट्यूट आफ इंडिया ने डीसीजीआई से रूस की स्पूतनिक-वी वैक्सीन बनाने के लिए मंजूरी मांगी है। सीरम से पहले छह भारतीय कंपनियां स्पूतनिक-वी की सालाना 100 करोड़ खुराकों के लिए करार कर चुकी हैं।

सीरम ने सरकार से विदेशी कंपनियों फाइजर और मॉडर्ना की तरह टीके के दुष्प्रभाव पर कानूनी कार्रवाई व मुआवजा देने की अनिवार्यता से छूट भी मांगी है। कंपनी का कहना है कि जब यह छूट विदेशी कंपनियों को मुहैया कराई जा रही है तो केंद्र सरकार को सीरम को भी यह छूट मुहैया करानी चाहिए।

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