बड़ी खबर: कर्मचारियों के वेतन में नहीं होंगे कोई बदलाव, मिली खुशखबरी

केंद्र सरकार ने नए वेतन कोड को १ अप्रैल २०२१ से नहीं लागू करने का अहम फैसला लिया है।

Update: 2021-03-31 14:36 GMT

फोटो-सोशल मीडिया

नई दिल्ली:केंद्र सरकार ने नए वेतन कोड को १ अप्रैल २०२१ से लागू नहीं करने का महत्वपूर्ण फैसला लिया है। इस कारण से भारतीय कंपनियों को बड़ी राहत मिल गई है। ऐसे में नया लेबर कोड (श्रम संहिता) लागू नहीं होने से आने वाले वित्तीय वर्ष यानी 1 अप्रैल, 2021 से आपको मिलने वाले वेतन के स्ट्रक्चर में परिवर्तन नहीं होगा। तो इससे अब आपकी टेक-होम सैलरी में कमी नही आएगी। जिसकी वजह से कर्मचारियों को भी खुशी मिली है।

कर्मचारियों के वेतन पर बड़ी खबर

नए वेतन कोड को लेकर सूत्रों से सामने आई खबर के अनुसार, श्रम मंत्रालय के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि नए श्रम कानून के नियमों को लेकर राज्यों ने रूल्स को फाइनलाइज नहीं किया है, इस वजह से केंद्र सरकार ने अभी वेज कोड (New Wage Code) लाने का फैसला टाल दिया है। नए वेज कोड को 1 अप्रैल से लागू नहीं करने का फैसला किया गया है।




 


ऐसे में केंद्र सरकार के इस फैसले से कंपनियों को सैलरी स्ट्रक्चर में परिवर्तन करने और अपनी HR पॉलिसी को नए वेज कोड्स के अनुसार, ढालने के लिए थोड़ा और समय मिल जाएगा। साथ ही श्रम मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि उनका मंत्रालय नए श्रम कानूनों को लागू करने के लिए पूरी तरह तैयार है। जैसे ही राज्यों की तरफ से इसकी सहमति मिल जाएगी, वैसे ही देश में चारों श्रम कानूनों को लागू कर दिया जाएगा।

सैलरी स्ट्रक्चर में बड़ा परिवर्तन

जिसके चलते नए वेज कोड को लागू होने से नौकरी करने वाले ज्यादातर लोगों के सैलरी स्ट्रक्चर में बड़ा परिवर्तन आता। वहीं इससे इन-हैंड सैलरी कम हो सकता था और सैलरी का बड़ा हिस्सा PF अकाउंट में जमा हो जाता। तो इन नियमों के अनुसार, सैलरी में बेसिक सैलरी का पार्ट 50 प्रतिशत होना जरूरी है, जो कई कंपनियां काफी कम रखती हैं, ताकि उन्हें पीएफ के रूप में कर्मचारियों को अधिक अमाउंट नहीं देना पड़े।

बता दें, केंद्र सरकार ने 29 केंद्रीय लेबर कानूनों को मिलाकर 4 नए कोड बनाए हैं। इनमें से इनका नाम इस प्रकार है- इंडस्ट्रियल रिलेशंस कोड, कोड ऑन ऑक्यू4पेशनल सेफ्टी, हेल्थन एंड वर्किंग कंडीशंस कोड (ओएसएच), सोशल सिक्योूरिटी कोड और कोड ऑन वेजेस। लेबर कोडों में कुछ नए नियम लाए गए हैं। बता दें, इन चारों कानून पर रूल्स अभी सिर्फ जम्मू-कश्मीर ने नोटिफाई किया गया है। वहीं उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, बिहार और उत्तराखंड ने सिर्फ 2 लेबर कोड्स पर ही ड्राफ्ट रूल्स जारी किए हैं। 

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