Chaitra Navratri 2022: नौ दिनों में इन फूलों का है विशेष महत्त्व, माँ के पसंदीदा फूलों से पूजन करने पर बरसेगी कृपा

Report :  Preeti Mishra
Published By :  Rakesh Mishra
Update: 2022-04-01 14:29 GMT

Flowers in Navratri

Chaitra Navratri 2022: नवरात्र का त्योहार शनिवार 2 अप्रैल से शुरू हो रहा है। नौ दिनों तक चलने वाला यह पवित्र पर्व सोमवार 11 अप्रैल तक चलेगा। इन नौ दिनों में माँ दुर्गा के नौ रूपों की वंदना की जाती है। मान्यताओं के अनुसार नवरात्र के इन पावन दिनों में माता इस धरती पर आ कर अपने भक्तों का कष्ट दूर करती हैं।

माता के भक्त भी माँ को प्रसन्न करने का एक भी मौका छोड़ना नहीं चाहते हैं। इसलिए वे उपवास , भजन -कीर्तन और पूजा -पाठ करके माँ को रिझाने की हर संभव कोशिश करते हैं। कहते हैं माँ बहुत भोली हैं वो भक्तों के बार -बार निवेदन पर आकर उनके हर कष्ट हर लेती हैं। क्या आपको पता है कि माँ के अलग -अलग नौ रूपों की पूजा में उनके पसंदीदा फूल पूजा में चढ़ाने से अत्यंत लाभ मिलता है। इन नौ दिनों में हर दिन माता के एक अलग रूप की पूजा -अर्चना की जाती है। हर एक दिन बेहद खास होता है। तो आईये जानते हैं माता के नौ रूपों के अलग -अलग पसंदीदा फूलों के बारें में।

- प्रथम माँ शैलपुत्री

नवरात्र के पहले दिन माँ शैलपुत्री की पूजा की जाती है। मान्यताओं के अनुसार माँ शैलपुत्री को सफ़ेद कनेर का फूल बेहद पसंद हैं। इसलिए इस दिन माँ को सफ़ेद कनेर के फूलों की माला पहनाने से अत्यंत लाभ मिलता है।

- द्वितीय माँ ब्रह्मचारिणी

नवरात्र के दूसरे दिन माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा -अर्चना की जाती है। कहा जाता है कि इस दिन माँ को वटवृक्ष के पत्ते और वटवृक्ष के पुष्पों की माला अर्पण करने से माता बेहद प्रसन्न होती हैं। मान्यताओं के अनुसार ऐसा करने से व्यापारी लोगों के व्यापार में भी अत्यंत लाभ पहुँचता है।

- तृतीये , माँ चंद्रघंटा

नवरात्र के तीसरे दिन माँ चंद्रघंटा की पूजा की जाती है। इस दिन शंखपुष्पी के फूल चढाने से घर में खुशहाली और सुख -समृद्धि आती है।

- चतुर्थी , माँ कुष्मांडा

नवरात्र के चौथे दिन माँ कुष्मांडा की पूजा की जाती है। इस दिन माँ को पीले रंग के फूल अर्पण करने से स्वास्थ्य में बढ़ोतरी होती है।

- पंचमी , स्कंदमाता

नवरात्र के पांचवे दिन माँ स्कंदमाता की पूजा की जाती है। इस दिन माँ को प्रसन्न करने के लिए नीले रंग के फूल चढ़ाये जाते हैं। जो संतान प्राप्ति के लिए लाभकारी माना जाता है।

- छठी , माँ कात्यानी

नवरात्र के छठे दिन माँ कात्यानी की पूजा वंदना की जाती है। कहा जाता है कि इस दिन बेर के पेड़ के पुष्प चढाने से माँ प्रसन्न होती हैं। और शत्रुओं पर विजय प्राप्ति का आशीर्वाद देती हैं।

- सप्तमी माँ कालरात्रि

नवरात्र के सातवें दिन माँ कालरात्रि की पूजा की जाती हैं। मान्यताओं के अनुसार गुंजमाला चढ़ाने से माँ प्रसन्न होकर सदा सुखी और ऐश्वर्य प्राप्ति का आशीर्वाद देने के साथ भक्तों पर अपना विशेष स्नेह रखती है।

- अष्टमी , माँ गौरी

नवरात्र के आठवें दिन माँ गौरी की आराधना की जाती है। इस दिन माँ को कलावे की माला चढ़ाने से सुख -सम्पदा और खुशहाली घर आती है।

- नवमी , माँ सिद्धिदात्री

नवरात्र के नवें दिन माँ सिद्धिदात्री की पूजा -अर्चना की जाती है। मान्यता है कि माँ सिद्धिदात्री को गुड़हल के फूल बेहद पसंद हैं। इसलिए इस दिन भक्त माँ की विशेष कृपा प्राप्त करने हेतु माँ को गुड़हल के फूल अर्पण करते हैं।

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