पूर्वी लद्दाख में फिर चालबाजी दिखा रहा चीन, एलएसी के पास अभ्यास के साथ ब॔करों का निर्माण भी

पूर्वी लद्दाख में चीनी सेना अपने ढांचे को मजबूत करने के साथ ही अपने क्षेत्र में बंकरों का निर्माण कर रही है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Published By :  Shreya
Update: 2021-05-18 15:30 GMT

चीनी सैनिक (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

China on LAC: पूर्वी लद्दाख में चीन (China) पिछले साल की गर्मियों की तरह इस साल एक बार फिर चालबाजी दिखाने की कोशिश में जुट गया है। पूर्वी लद्दाख की वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास कई महीनों से शांति दिख रही थी, लेकिन एक बार फिर की सीमा के पास चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) की हरकत शुरू हो गई है। 

पूर्वी लद्दाख के भीतरी इलाकों में चीनी सेना अभ्यास करने में जुटी हुई है। जानकार सूत्रों का कहना है कि चीनी सेना अपने ढांचे को मजबूत करने के साथ ही अपने क्षेत्र में बंकरों का निर्माण करने में भी जुटी हुई है। चीनी सेना के अभ्यास और सक्रियता को देखते हुए भारतीय सेना (Indian Army) भी अलर्ट मोड में है। चीन की किसी भी हरकत का जवाब देने के लिए भारतीय सेना के जवान भी पूरी तरह तैयार हैं।

चीनी सेना की हरकतों से भारतीय पक्ष सतर्क

एलएसी पर भारत और चीन के बीच तनाव पैदा होने पर दोनों देशों के बीच कई दौर की बातचीत हुई थी। दोनों देशों के बीच हुई इस बातचीत के बाद पूर्वी लद्दाख के कई इलाकों से चीनी सेना ने डिसएंगेजमेंट जरूर किया मगर उसकी फिर सक्रियता और अभ्यास को देखते हुए भारतीय सेना भी सतर्क हो गई है।

चीनी-भारतीय सैनिक (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

इस बाबत सूत्रों का कहना है कि इस इलाके में चीनी सेना का अभ्यास कोई नई बात नहीं है। चीनी सैनिक हर साल गर्मियों के दौरान यहां अभ्यास करते रहे हैं। मगर पिछले साल चीनी सैनिकों ने अभ्यास की आड़ में ही पूर्वी लद्दाख के अग्रिम मोर्चों पर आक्रामक रवैया अपना लिया था।

सूत्रों का कहना है कि चीनी सैनिक (Chinese Soldiers) अभी अपने इलाकों में ही हैं मगर कुछ स्थानों पर वे मात्र 100 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद हैं। जानकारों के मुताबिक पैंगोंग (Pangong) क्षेत्र के दोनों ओर से चीनी सैनिकों के हटने के बाद हॉट स्प्रिंग्स और गोगरा हाइट्स को लेकर दोनों पक्षों के बीच अभी भी बातचीत का दौर चल रहा है।

फिर बंकरों का निर्माण करने में जुटी चीनी सेना

जानकारों का कहना है कि दोनों देशों के सैन्य अफसरों की बातचीत में हुए समझौते के बाद चीनी सैनिकों के अपने लोकेशन पर वापस लौट जाने की उम्मीद थी मगर समझौते के बाद भी वे अग्रिम इलाकों में ही बने रहे। अपने क्षेत्रों में चीनी सैनिक एक बार फिर बंकरों का निर्माण करने में जुटे हुए हैं और चीनी सेना के ढांचे को मजबूत बनाने की कोशिश की जा रही है।

चीनी सेना की इन हरकतों के कारण भारतीय सेना भी पूरी तरह सतर्क है और भारतीय सैनिकों ने भी अपनी स्थिति को मजबूत बना लिया है। अग्रिम मोर्चे पर अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती भी की गई है। पिछले साल चीन की हरकतों के बाद भारत की ओर से पहले से ही अग्रिम मोर्चे पर काफी संख्या में सैनिक तैनात हैं।

हालात की समीक्षा करने में जुटे भारतीय अफसर

पूर्वी लद्दाख और अन्य सेक्टरों के अग्रिम इलाकों में चीनी सैनिकों की तैनाती को देखते हुए भारतीय अफसरों ने भी हालात की समीक्षा शुरू कर दी है। अग्रिम मोर्चे पर तैनात सुरक्षाबलों के वरिष्ठ अफसरों ने हाल में पूर्वी लद्दाख के अग्रिम मोर्चों की गहन समीक्षा की है। भारत की ओर से अग्रिम मोर्चों पर भारतीय सेना के जवानों के साथ ही भारतीय वायुसेना और भारत तिब्बत सीमा पुलिस के जवानों की तैनाती की गई है।

इस तरह मजबूत हुई थी भारत की स्थिति

भारत और चीन के अधिकारियों की कई दौर की वार्ता के बाद भारत को पैंगोंग के दोनों इलाकों से चीनी सैनिकों को पीछे खदेड़ने में कामयाबी मिल सकी थी। चीनी सैनिकों को पीछे खदेड़ने के बाद भारतीय जवानों ने पिछले साल अगस्त के आखिरी हफ्ते में ऊंची पहाड़ियों पर कब्जा कर लिया था और इस कारण भारतीय सेना की स्थिति मजबूत हो गई थी।

दोनों सेनाओं के बीच पूर्वी लद्दाख के गोगरा और अन्य इलाकों से डिसएंगेजमेंट को लेकर अभी भी बातचीत का दौर चल रहा है। भारत अपनी इस मांग पर अड़ा हुआ है कि चीनी सेना डेपसांग, हॉट स्प्रिंग्स और गोगरा इलाकों से पूरी तरह पीछे हटे। अब चीनी सैनिकों की हरकतें बढ़ने के बाद भारतीय सेना ने भी सतर्क रवैया अपना लिया है।

स्वामी ने भी किया था इशारा

भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने भी कुछ दिनों पूर्व चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की ओर से की जा रही तैयारियों की ओर इशारा किया था। एक ट्वीट में उनका कहना था कि इस संकट काल में चीन ने लद्दाख में एलएसी के इर्द-गिर्द अपने सैनिकों की संख्या में काफी बढ़ोतरी की है और वह निकट भविष्य में हमला कर सकता है। स्वामी का यह भी कहना था कि भारतीय सेना भी पूरी तरह तैयार है मगर इस संघर्ष में काफी जनहानि होने की आशंका है। काफी संख्या में यूजर्स ने स्वामी के इस ट्वीट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए चीन से सतर्क रहने की नसीहत दी थी।


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