सिविल सेवाओं में होने जा रहा बड़ा बदलाव, आपके लिए जानना है जरूरी

Civil Services: सरकार नौकरशाही की क्षमता में सुधार करने के लिए एक प्रमुख HR कंसल्टेंसी फर्म को जिम्मा सौंपना चाहती है।

Newstrack :  Network
Published By :  Shreya
Update:2021-05-31 07:26 IST

(सांकेतिक फोटो साभार- सोशल मीडिया)

Civil Services: भारत की मोदी सरकार (Modi Government) सिविल सेवाओं (Civil Services) में बड़ा बदलाव करने की तैयारी में है। सरकार महत्वाकांक्षी 'मिशन कर्मयोगी' (Mission Karmyogi) परियोजना के तहत नौकरशाही की क्षमता में सुधार करने के लिए एक प्रमुख एचआर कंसल्टेंसी फर्म (HR Consultancy Firm) को जिम्मेदारी सौंपना चाहती है। सलाहकार का काम केंद्र के लिए एक FRAC (भूमिकाओं, गतिविधियों और दक्षताओं) का ढांचा विकसित करना होगा।

बता दें कि यह पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के महत्वाकांक्षी 'मिशन कर्मयोगी' (Mission Karmyogi) परियोजना का हिस्सा है। इस योजना का एलान बीते साल सितंबर महीने में किया गया था। मिशन कर्मयोगी का उद्देश्य व्यक्तिगत सिविल सेवकों की क्षमता निर्माण के साथ-साथ संस्थागत क्षमता निर्माण पर ध्यान देना है। इस मिशन की स्थापना भविष्य के तैयार सिविल सेवकों के निर्माण के लिए की गई है।

पिछले साल मिली थी मिशन कर्मयोगी को मंजूरी

बीते साल सितंबर में हुई कैबिनेट मीटिंग में पीएम मोदी की अध्यक्षता में मिशन कर्मयोगी को मंजूरी दी गई थी। तब बताया गया था कि नेशनल प्रोग्राम फॉर सिविल सर्विसेज कैपेसिटी बिल्डिंग के तहत मिशन कर्मयोगी को चलाया जाएगा। इस मिशन के तहत सरकारी अफसरों को खास ट्रेनिंग दी जाएगी। कार्यक्रम में विशेष रूप से सिविल सेवकों- IAS, IPS, IFS, IRS अधिकारियों को लाभ मिलेगा।

सात विभागों के दस्तावेंजों का करना होगा अध्ययन

अब 'मिशन कर्मयोगी' परियोजना के तहत नौकरशाही की क्षमता सुधारने के लिए एक प्रमुख एचआर कंसल्टेंसी फर्म को जिम्मा सौंपने पर विचार किया जा रहा है। इसकी शुरुआत के लिए सलाहकार को भारत सरकार के सात प्रमुख मंत्रालयों/विभागों के संगठनात्मक ढांचे और कार्य आवंटन डॉक्यूमेंट्स की स्टडी करने के लिए कहा जाएगा।

सलाहकार को जिन सात मंत्रालयों/विभागों के संगठनात्मक ढांचे और कार्य आवंटन डॉक्यूमेंट्स का अध्ययन करना होगा, उसमें वित्त मंत्रालय, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना मंत्रालय प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, एनएचएआई, ग्रामीण विकास मंत्रालय, पर्यावरण और वन मंत्रालय व कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) शामिल हैं।

सलाहकार का क्या होगा काम 

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो डीओपीटी की ओर से हाल ही में प्रैक्टिस के लिए मानव संसाधन परामर्श और योग्यता विकास में व्यापक अनुभव के साथ एक निजी सलाहकार को काम पर रखने के लिए प्रस्ताव जारी किया गया है। इस सलाहकार का काम होगा, केंद्र के लिए एक FRAC का ढांचा विकसित करना, इसी के हिसाब से भविष्य के लिए सिविल सेवा को ढालने का काम किया जाएगा।

इस कदम के बारे में जानकारी देने वाले दस्तावेज में कहा गया है कि देश में एक ऐसे इंटरनेट और आईटी की जानकारी रखने वाले वर्कफोर्स को तैयार करने की आवश्यकता है, जो दुनिया के लिए अनोखा हो। दरअसल, इसके पीछे तर्क यह है कि प्रत्येक सरकारी पद की भूमिकाएं और उससे जुड़ी गतिविधियां अलग अलग होती हैं और ऐसे में प्रत्येक गतिविधियों को पूरा करने के लिए अलग अलग कौशल की जरूरत होती है।

iGOT कर्मयोगी के जरिए दिया जाएगा प्रशिक्षण 

दस्तावेज के मुताबिक, FRAC के जरिए अधिकारियों को सरकार में उनके वर्तमान या भविष्य के पदों के संबंध में अपेक्षित परिणामों से जुड़ी जरुरी भूमिकाओं, गतिविधियों और दक्षताओं के बारे में जानकारी होगी। साथ ही यह परीक्षण किसी पद पर कार्यरत शख्स की क्षमताओं का आकलन करने में भी मददगार होगा। साथ ही उनकी कमियों को भी उजागर करेगा। ऑनलाइन प्रशिक्षण देने का यह काम ऑनलाइन शिक्षण मंच iGOT कर्मयोगी के जरिए किया जाएगा, जो FRAC से संबद्ध है।

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