Delhi Assembly Election 2025: मुकाबला दिलचस्प होगा बिजवासन में, आइए जाने कौन किस पर भारी ?
Delhi Assembly Election 2025: बिजवासन से भाजपा प्रत्याशी पूर्व परिवहन मंत्री अशोक गहलौत हैं जो आम आदमी पार्टी से पिछली बार जीत हासिल की थी और मंत्री पद पर सुशोभित हुए थे।;
Delhi Assembly Election 2025: चार जाट बहुल इलाके में एक बिजवासन में मुकाबला इस बार काफी दिलचस्प होने जा रहा है। भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशी आम आदमी पार्टी के विधायक रह चुके हैं। दिल्ली के चार विधानसभा नजफगढ़, नरेला, बिजवासन और महरौली जाट बहुल इलाका है। दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इन सीटों को अपने पक्ष में करने के लिए आरक्षण का दांव चला है।
बिजवासन से भाजपा प्रत्याशी पूर्व परिवहन मंत्री अशोक गहलौत हैं जो आम आदमी पार्टी से पिछली बार जीत हासिल की थी और मंत्री पद पर सुशोभित हुए थे। अब वे भाजपा के प्रत्याशी हैं। वहीं आम आदमी पार्टी ने सुरेंद्र भारद्वाज जो राजनगर से पार्षद है को प्रत्याशी बनाया है। वहीं कांग्रेस ने देवेंद्र सहरावत को प्रत्याशी बनाया है जो 2015 में आम आदमी पार्टी से विधायक भी रह चुके हैं। खास बात यह है कि कैलाश गहलौत और देवेंद्र सहरावत जाट समाज से हैं। यहां लड़ाई इस बार त्रिकोणीय ही है।
बिजवासन में कुल मतदाता 2,11,745 है। जिसमें पुरुष मतदाता 1,14,518 और महिला मतदाता 97,041 एवं थर्ड जेंडर 186 हैं। 2020 के विधानसभा चुनाव के नतीजे पर नजर डालें तो आम आदमी पार्टी को यहां 57,271 वोट हासिल हुए थे वहीं भाजपा को 56,518 वोट एवं कांग्रेस को 5,937 वोट मिले थे। जहां तक वोट प्रतिशत की बात है तो आम आदमी पार्टी को 45.83 फीसदी, भाजपा को 45.22 फीसदी तो कांग्रेस को 4.75 फीसदी वोट मिले थे।
2008 के परिसीमन के बाद बिजवासन सीट अस्त्तित्व में आई थी। इस सीट पर 2008 और 2013 में भाजपा प्रत्याशी सत्यप्रकाश राणा ने जीत हासिल की थी वहीं 2015 और 2020 में आम आदमी पार्टी ने अपना परचम लहराया।
बिजवासन में बसंतकुज, रंगपुरी, रजोकरी, महिपालपुर,कापसेहड़ा, बिजवासन, भरबल, एयरपोर्ट द्वारा, समालखा क्षेत्र आते हैं। यह सीट जाट बाहुल्य तो है लेकिन इस क्षेत्र में काफी संख्या में प्रवासी मतदाता भी हैं।
जहां तक इलाके में समस्या की बात है जो कापसेहड़ा ग्रीन जोन इलाके में है जहां भी अवैध निर्माण होते रहते हैं। बारिश में जल जमाव पुरानी समस्या है जिसका निदान नहीं दिख रहा है। सीवरेज के लिए कोई उचित योजना नहीं बनाया गया है। सड़कों पर अतिक्रमण आम बात है। जनता गंदगी से परेशान तो हैं ही पार्किंग की समस्या से यहां की जनता भी झेल रही है। बिजवासन इलाके में 2015 में भूमिगत जलाशय बनाने का कार्य शुरू किया गया था लेकिन अभी तक इस कार्य को पूरा नहीं किया गया। बिजवासन इलाके के निवासी रजनीश चौधरी का कहना है कि सड़कें टूटी हुई है स्ट्रीट लाइट खराब है लेकिन सरकार की ओर से कोई व्यवस्था नहीं की गई है। इस पर ध्यान देने की जरूरत है जिसे न निगम देख रहा है न ही राज्य सरकार। रंगपुरी निवासी सचिन गुप्ता का कहना है कि मेरे इलाके में पानी की आपूर्ति पर्याप्त नहीं है। यहां पर भी टैंकर मंगाना पड़ता है। अवैध बोरिंग से पानी बेचने का कार्य भी कुछ माफिया करने लगते हैं। आए दिन आपको टैंकर के सामने लाइनें दिख जाएंगी। यह सारे मुद्दे इस बार विधानसभा चुनाव में रखे जाएंगें।