Corona Vaccine: बांग्लादेश में भी कोवैक्सीन का क्लिनिकल ट्रायल, जल्द होने वाली है शुरुआत

clinical trial of covaccine : सरकारी दस्तावेजों से इसका खुलसा हुआ । इस दस्तावेज में कहा गया है कि सरकार को बांग्लादेश में क्लिनिकल ट्रायल के लिए मंजूरी मिल गई है ।

Newstrack :  Network
Published By :  Monika
Update:2021-08-02 09:14 IST

clinical trial of covaccine: भारत की बायोटेक और आईसीएमआर द्वारा बनाई गई कोरोना वैक्सीन कोवैक्सीन को विदेशों में इसकी पहचान बढ़ाने के लिए बांग्लादेश में क्लिनिकल ट्रायल करने की योजना बना रही है । सरकारी दस्तावेजों से इसका खुलसा हुआ । इस दस्तावेज में कहा गया है कि सरकार को बांग्लादेश में क्लिनिकल ट्रायल के लिए मंजूरी मिल गई है ।

विदेशों में अपनी पहचान बढ़ाने के लिए एक प्रस्ताव बांग्लादेश में क्लिनिकल ट्रायल किया जाएगा । इसके लिए विदेश मंत्रालय ने डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी और भारत बायोटेक के अधिकारियों की एक टीम को ढाका भेजा गया । ऐसा इस लिए ताकि उनके प्रस्ताव पर चर्चा हो सके । क्लिनिकल ट्रायल के लिए फंडिंग की अनुमति भी विदेश मंत्रालय ने बांग्लादेश से प्राप्त कर ली है । क्लिनिकल ट्रायल का काम बांग्लादेश सरकार से अनुमति मिलते ही शुरू कर दिया जाएगा ।

अब तक कोई कोवैक्सीन की मंजूरी नहीं 

बता दें , बांग्लादेश को अब तक कोई कोवैक्सीन की मंजूरी नहीं दी गई है । विदेश मन्त्रिय द्वारा बनाए वैक्सीन आपूर्ति वेब पोर्टल के अनुसार भारत के अबतक विभिन देशों को कोविशील्ड की 33 लाख डोज सप्लाई की है । साथ ही 70 लाख डोज बांग्लादेश की दी है ।

इस दिन मिला कोवैक्सीन के ट्रायल को मंजूरी 

बांग्लादेश मेडिकल रिसर्च ने 18 जुलाई को काउंसिल कोवैक्सीन के ट्रायल के लिए मंजूरी दी थी । अधिकारीयों के अनुसार बीएमआरसी चेयरमैन और सैयद मोदस्सर अली ने इस प्रस्ताव को मजूरी दी । हालांकि, भारत सरकार कोवैक्सीन के ट्रायल का आवेदन मामले पर जोर डालने के बाद ही मिली है ।

बांग्लादेश में कोवैक्सीन को लेकर ख़ास उत्साह नहीं देखने को मिला था। बांग्लादेश ने चीन के साथ सिनोफॉर्म वैक्सीन के डोज के लिए समझौता किया। साथ ही रूस की स्पुतनिक-V वैक्सीन के लिए भी समझौता करने की तैयारी में दिख रही हैं।

बांग्लादेश ने अभी पिछले साल ही कोविशील्ड (Covishield) की तीन करोड़ डोज के लिए सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के साथ हाथ मिलाया था। लेकिन कंपनी वैक्सीन उपलब्ध कराने में नाकाम रही।

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