Corona Vaccine: कोवीशील्ड और कोवैक्सिन को मिली रेगुलर मंजूरी
नियमित मंजूरी के बाद भी इन वैक्सीनों पर कुछ शर्तें लागू होंगी। जैसे कि ये वैक्सीनें खुदरा फार्मेसी की दुकानों पर उपलब्ध नहीं होंगी। लेकिन निजी अस्पताल और क्लीनिक टीकाकरण के लिए इन्हें खरीद सकते हैं।
Corona Vaccine: केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की कोविशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सिन को नियमित मंजूरी प्रदान कर दी है। कोरोना वायरस की इन वैक्सीनों को अभी तक आपातकालीन उपयोग प्राधिकरण (ईयूए) के तहत 2021 में मंजूरी मिली थी लेकिन अब इनको नियमित बाजार की मंजूरी दी गयी है।
नियमित मंजूरी के बाद भी इन वैक्सीनों पर कुछ शर्तें लागू होंगी। जैसे कि ये वैक्सीनें खुदरा फार्मेसी की दुकानों पर उपलब्ध नहीं होंगी। लेकिन निजी अस्पताल और क्लीनिक टीकाकरण के लिए इन्हें खरीद सकते हैं।
इमरजेंसी अप्रूवल के तहत वैक्सीनों का सुरक्षा डेटा हर 15 दिनों में दिया जाना होता था, लेकिन नियमित स्वीकृति के बाद अब सुरक्षा डेटा भारत के ड्रग कंट्रोलर जनरल को छह महीने या उससे अधिक में प्रस्तुत किया जाना होगा। सुरक्षा डेटा की जानकारी को सरकार के कोरोना मैनेजमेंट पोर्टल कोविन पर भी जमा करना होगा।
विषय विशेषज्ञ समिति (एसईसी) द्वारा इन वैक्सीनों को नियमित बाजार अनुमोदन प्रदान करने के लिए सिफारिश की गयी थी जिसके तुरंत बाद केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन ने ये निर्णय लिया है। इस निर्णय से देश भर के अस्पतालों और क्लीनिकों तक वैक्सीनों की पहुंच बढ़ाने में मदद मिलेगी।
कीमत भी फिक्स्ड होगी
एक अन्य रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविशील्ड और कोवैक्सिन की कीमत 275 रुपये प्रति खुराक और 150 रुपये अतिरिक्त सेवा शुल्क पर फिक्स्ड किये जाने की संभावना है। राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) को कोरोना वैक्सीनों को किफायती बनाने के लिए कीमतों को सीमित करने की दिशा में काम करने का निर्देश दिया गया है। अभी तक कोवैक्सिन की कीमत 1,200 रुपये प्रति खुराक है, जबकि कोविशील्ड की कीमत निजी अस्पतालों में 780 रुपये है।
इन कीमतों में 150 रुपये का सर्विस चार्ज भी शामिल है। बीते 19 जनवरी को केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन की कोरोना विषय विशेषज्ञ समिति ने कुछ शर्तों के अधीन वयस्क आबादी में उपयोग के लिए कोविशील्ड और कोवैक्सिन को नियमित रूप से बाजार की मंजूरी देने की सिफारिश की थी।
कोविशील्ड का डेवलपमेंट ब्रिटेन के ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय और एस्ट्राजेनेका कंपनी द्वारा किया गया है। कोवैक्सिन का डेवलपमेंट भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के सहयोग से किया गया है।
सीरम इंस्टिट्यूट ने भारतीय नियामक को एक अलग अनुरोध भी प्रस्तुत किया है कि कोरोना के विभिन्न वेरियंट्स के खिलाफ इम्यूनिटी में और सुधार करने के लिए कोविशील्ड की तीसरी खुराक के उपयोग को मंजूरी दी जा सके। भारत बायोटेक ने बच्चों के बीच कोवैक्सिन के उपयोग के लिए अपना अनुरोध प्रस्तुत किया है।