Corona Vaccine: भारत में वैक्सीन लेने वालों की संख्या पहुंची एक अरब के पार

अब देश में 6 ऐसे राज्य और केंद्र शासित प्रदेश हैं, जहां 100 फीसदी पात्र आबादी को कोरोना वैक्सीन का पहला डोज लग चुका है।;

Newstrack :  Network
Published By :  Ragini Sinha
Update:2021-10-21 16:45 IST

कोरोना से जंग एक अरब के पार  (social media)

corona vaccine latest update: नई दिल्ली। कोरोना (Corona Virus) के खिलाफ जंग में भारत ने 100 करोड़ डोज़ (Corona Virus vaccination) लगाने के साथ एक नया मील का पत्थर पार कर लिया है। इस साल भारत के सभी वयस्कों को कोरोना वैक्सीन लगाये जाने का लक्ष्य है। भारत (india) में 16 जनवरी, 2021 से कोरोना वैक्सीनेशन की शुरुआत हुई थी। सिर्फ 9 महीने में एक अरब वैक्सीन की खुराक का आंकड़ा पार कर लिया गया। वैक्सीन (Vaccination) की सप्लाई, लोगों में हिचक और लोजिस्टिक्स की दुश्वारियों के बावजूद यह आंकड़ा हासिल कर लेना एक जबरदस्त उपलब्धि है। चीन के बाद भारत एक अरब वैक्सीन की खुराक देने वाला दूसरा देश बन गया है। बहरहाल, अभी करीब 25 फीसदी वयस्क आबादी को पहली खुराक देना बाकी है।


अब देश में 6 ऐसे राज्य और केंद्र शासित प्रदेश हैं, जहां 100 फीसदी पात्र आबादी को कोरोना वैक्सीन (Corona vaccination campaign) का पहला डोज लग चुका है। इनमें गोवा (Goa) , हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) , लद्दाख (ladakh) , सिक्किम (Sikkim), लक्षद्वीप, दादरा-नगर हवेली और दमन-दीव शामिल हैं। भारत कुल डोज के मामले में सिर्फ चीन से पीछे हैं। वहां अब तक 2.14 अरब डोज लगाए जा चुके हैं। तीसरे नंबर पर अमेरिका और चौथे पर ब्राजील है। भारत में 75 फीसदी युवा आबादी को कम से कम एक डोज और 31 फीसदी आबादी को दोनों डोज लग चुकी है। दुनिया में सिर्फ चीन ही ऐसा देश है, जहां भारत से ज्यादा वैक्सीन लगी हैं। चीन ने 100 करोड़ डोज का आंकड़ा सितंबर में पूरा कर लिया था।

पीएम मोदी ने दी बधाई

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Pm Narendera Modi) एक अरब डोज पूरे होने के मौके पर 21 अक्टूबर को दिल्ली के डॉक्टर राम मनोहर लोहिया अस्पताल (RLM hospital) पहुंचे और स्वास्थ्यकर्मियों से मुलाकात की। मोदी ने ऐतिहासिक लक्ष्य पार करने पर भी ट्वीट कर सभी का आभार जताया। मोदी ने अपने ट्वीट में लिखा - 100 करोड़ टीकाकरण पार करने पर भारत को बधाई। हमारे डॉक्टरों, नर्सों और इस उपलब्धि को हासिल करने के लिए काम करने वाले सभी लोगों का आभार। भारत में एक अरबवां टीका दिल्ली के डॉक्टर राम मनोहर लोहिया अस्पताल में पीएम मोदी के सामने वाराणसी के एक दिव्यांग अरुण रॉय को लगाया गया।


वैक्सीनेशन का सफ़र 

भारत में 16 जनवरी से टीकाकरण (corona virus tikakaran) का अभियान शुरू हुआ था। पहले चरण में स्वास्थ्यकर्मियों और अग्रिम पंक्ति के कर्मचारियों को वैक्सीन (Corona vaccine dose) की खुराक दी गई थी। इसके बाद वाले चरण में 60 साल से अधिक उम्र वाले लोगों को वैक्सीन दी गई। 1 अप्रैल से देश में 45 साल के ऊपर वाले सभी लोगों को वैक्सीन (Vaccine) दी जाने लगी। इसके बाद 1 मई से देश में 18 साल के ऊपर के सभी लोगों को वैक्सीन देने का ऐलान किया गया था। देश में शुरुआत में वैक्सीन के प्रति लोगों में हिचकिचाहट भी देखने को मिली। जागरूकता की कमी के कारण लोग इसे लेने से पीछे हटते दिखे। खासतौर पर ग्रामीण इलाकों में लोगों में वैक्सीन को लेकर तरह तरह की भ्रांतियां फैली हुई थीं। उन भ्रांतियों को दूर कर लोगों को वैक्सीन लेने के लिए प्रेरित किया गया।

दुनिया भर में कोरोना महामारी (Corona Mahamari) दिसंबर, 2019 में फैलना शुरू हुई थी । जिसके बाद वैक्सीन डेवलप करने का काम अभूतपूर्व तेजी से शुरू हुआ। वैक्सीन डेवलपमेंट और सभी आवश्यक ट्रायल होने के बाद अलग अलग देशों ने अपने यहाँ वैक्सीन लगाने को मंजूरी देना शुरू किया था। भारत के ड्रग कंट्रोलर ने ऑक्सफ़ोर्ड एस्ट्राजेनेका की कोविशील्ड को 3 जनवरी, 2021 को हरी झंडी दी। जिसके बाद 16 जनवरी, 2021 को शुरू किए गए टीकाकरण अभियान के पहले चरण में सभी स्वास्थ्यकर्मियों और फ्रंटलाइन वर्कर्स को वैक्सीन की डोज दी गई।

1 मार्च, 2021 को टीकाकरण कार्यक्रम (Corona Tikakaran) का अगला यानी दूसरा चरण शुरू हुआ जिसमें 60 वर्ष से अधिक की आबादी और 45 वर्ष से अधिक आयु वाले लोग टीकाकरण के लिए पात्र पाए गए। इसी चरण को 1 अप्रैल को 45 वर्ष से अधिक आयु के सभी लोगों के लिए बढ़ा दिया गया था।

13 अप्रैल, 2021 को ड्रग कंट्रोलर ने रूस की स्पुतनिक वी वैक्सीन (डॉ रेड्डीज लैबोरेटरीज द्वारा लाइसेंस के तहत निर्मित) के इस्तेमाल को मंजूरी दी। इसके बाद कोरोना के खिलाफ राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम का विस्तार पूरी वयस्क आबादी के लिए कर दिया गया।

1 मई, 2021 से 18 वर्ष से अधिक उम्र के सभी लोगों को वैक्सीन लेने की मंजूरी दे दी गई। इसके साथ, भारत दुनिया का पहला देश बन गया जिसने सभी वयस्कों को वैक्सीन लेने की अनुमति दी। तब से लेकर अब तक के बीच भारत ने तीन और कोरोना वैक्सीन माडर्ना, जानसन एंड जानसन और ज़ायडस कैडिला को आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी दी है।

ये है कोरोना की तीन वैक्सीन 

भारत में फिलहाल तीन वैक्सीनें लगाई जा रही हैं। ये हैं सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंडिया की कोविशील्ड, भारत बायोटेक की कोवैक्सीन और रूस के गमालिया इंस्टिट्यूट की स्पुतनिक वी। तीनों वैक्सीनों का उत्पादन देश के भीतर ही किया गया है। भारत बायोटेक की वैक्सीन तो पूरी तरह स्वदेशी है। इसके अलावा अब भारत में 18 वर्ष से कम उम्र वालों के लिए जाईडस कैडिला की कोरोना वैक्सीन को मंजूरी दी गयी है। इस वैक्सीन की तीन-तीन डोज़ लगाई जायेंगी। जाईकोव डी नामक ये वैक्सीन दुनिया की पहली डीएनए आधारित वैक्सीन है।

इसके अलावा सरकार ने सिप्ला फार्मा कंपनी को अमेरिका की मॉडर्ना वैक्सीन के इम्पोर्ट की इजाजत दी हुई है । लेकिन यह कब लगना शुरू होगी अभी कुछ पक्का पता नहीं है। अमेरिका से फाइजर की वैक्सीन के भी इम्पोर्ट की बात हुई थी । लेकिन इस कंपनी ने कानूनी जवाबदेही से पूरी छूट मांगी जिसके बाद मामला लटक गया है। सो अब स्थिति यह है कि भारत में पूरा कोरोना वैक्सीनेशन प्रोग्राम कोवीशील्ड और कोवैक्सीन पर टिका हुआ है। थोड़ा बहुत योगदान स्पुतनिक का है । लेकिन इस रूसी वैक्सीन का उत्पादन बड़े पैमाने पर भारत में शुरू होना बाकी है।   

सीरम इंस्टिट्यूट के साथ बीते साल सितंबर में अमेरिकी दवा कंपनी नोवावैक्स ने कोरोना वैक्सीन की दो अरब डोज़ बनाने के लिए करार किया था। भारत में इस वैक्सीन का नाम कोवोवैक्स होगा। इस साल नवंबर में कंपनी वैक्सीन के इस्तेमाल के लिए आवेदन कर सकती है। ये वैक्सीन भी दो डोज़ वाली है। भारत की एक और वैक्सीन पाइप लाइन में है जिसे हैदराबाद स्थित बायोलॉजिकल ई कंपनी डेवलप कर रही है।

भारत सरकार ने बायोलॉजिकल ई को भी 30 करोड़ कोरोना वैक्सीन की डोज़ के लिए ऑर्डर दे रखा है। अभी इस वैक्सीन को देश में इमर्जेंसी अप्रूवल तक नहीं मिला है। इस वैक्सीन को अमेरिकी कंपनी डायनावैक्स और बेयलर कॉलेज ऑफ़ मेडिसिन के सहयोग से बनाया जा रहा है। फिलहाल इस वैक्सीन का तीसरे चरण का क्लिनिकल ट्रायल जारी है।

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