Coronavirus: भारत में मिले 'डेल्टा वेरिएंट' ने बदला अपना रूप, वैज्ञानिकों ने बताया कितना है खतरनाक

Coronavirus: भारत में मिला कोरोना वायरस का तेजी से फैलने वाला 'डेल्टा' वेरिएंट अपना रूप बदलकर 'डेल्टा प्लस' या 'एवाई.1' बन गया है।

Newstrack :  Network
Published By :  Ashiki
Update: 2021-06-15 03:39 GMT

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नई दिल्ली: कोरोना वायरस (Coronavirus) का कहर झेल रही दुनिया इसके खतम होने का इंतजार कर रही है, लेकिन कोरोना है कि नए-नए स्वरूप बदल कर हमला कर रहा है। अब भारत में मिला कोरोना वायरस का तेजी से फैलने वाला 'डेल्टा' वेरिएंट अपना रूप बदलकर 'डेल्टा प्लस' या 'एवाई.1' बन गया है।

हालांकि वैज्ञानिकों का कहना है कि भारत में अभी इसे लेकर चिंतित होने की कोई बात नहीं है, क्योंकि देश में अब भी इसके बेहद कम मामले हैं। 'डेल्टा प्लस' प्रकार, वायरस के डेल्टा या 'बी1.617.2' प्रकार में उत्परिवर्तन होने से बना है, जिसकी पहचान पहली बार भारत में हुई थी और यह कोरोना की दूसरी लहर (Second Wave Of Coronavirus) के लिए जिम्मेदार था।


वायरस के नए प्रकार के कारण बीमारी कितनी घातक हो सकती है इसका अभी तक कोई संकेत नहीं मिला है, डेल्टा प्लस उस 'मोनोक्लोनल एंटीबाडी कॉकटेल' उपचार का रोधी है जिसे हाल ही में भारत में स्वीकृति मिली है। दिल्ली स्थित सीएसआईआर- जिनोमिकी और समवेत जीव विज्ञान संस्थान (आईजीआईबी) में वैज्ञानिक विनोद स्कारिया ने रविवार को ट्वीट कर कहा कि 'के417एन उत्परिवर्तन के कारण बी1.617.2 प्रकार बना है जिसे एवाई.1 के नाम से भी जाना जाता है।'

उन्होंने कहा कि यह उत्परिवर्तन सार्स सीओवी-2 के स्पाइक प्रोटीन में हुआ है जो वायरस को मानव कोशिकाओं के भीतर जाकर संक्रमित करने में सहायता करता है। स्कारिया ने ट्वीट करते हुए कहा- ''भारत में के417एन से उपजा प्रकार अभी बहुत ज्यादा नहीं है। यह सीक्वेंस ज्यादातर यूरोप, एशिया और अमेरिका से सामने आए हैं।


सीएसआईआर-आईजीआईबी के निदेशक अनुराग अग्रवाल के मुताबिक अभी वायरस के इस वेरिएंट को लेकर भारत में चिंता की कोई बात नहीं है। उन्होंने कहा कि टीके (Corona Vaccine) की पूरी खुराक ले चुके लोगों के प्लाज्मा से वायरस के इस प्रकार का टेस्ट करना होगा जिससे पता चलेगा कि यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को चकमा दे पाता है या नहीं। 

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