कोविड-19 ठीक हो चुके लोग हो रहे हार्ट अटैक का शिकार, इन लक्षणों पर दें ध्यान
चिकित्सकों का कहना है कोरोना को हरा चुके मरीजों को ठीक होने के बाद भी लंबे समय तक अपनी दिनचर्या नियमित रखने की जरूरत होती है।
लखनऊ: कोरोना संक्रमण का शिकार हो चुके लोगों में कई तरह की दिक्कतें काफी लंबे समय तक बनी रह रहती हैं जिसमें एक आम समस्या है सांस और रक्तचाप में उतार चढ़ाव की। बहुत से मरीजों में सांस लेने की दिक्कत ठीक होने के कई कई महीनों बाद भी बनी रहती है। लेकिन चिंता की बात है हार्ट संबंधी दिक्कत का होना जो कि हार्ट अटैक का कारण बनता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि सांस की दिक्कत फेफड़ों के संक्रमित होने की वजह से होती है जिसे रिकवर करने के लिए यदि व्यक्ति प्राणायम और कुछ व्यायाम करता रहे तो इस समस्या से जल्दी निजात पा सकता है। लेकिन कोरोना संक्रमित हो चुके व्यक्ति के यदि हार्ट पर भी असर पड़ा है तो उसको हार्ट अटैक पड़ने की आशंका रहती है। कई बार कोरोना के ठीक हो चुके मरीजों में रक्तचाप की समस्या उभरती है जिसमें ब्लड प्रेशर अचानक बढ़ जाना या घट जाना जैसी दिक्कतें देखने में आ रही हैं। अचानक दिल की धड़कन बढ़ जाना आदि इसमें शामिल हैं।
चिकित्सकों का कहना है कोरोना के ठीक हो चुके मरीजों को इन लक्षणों के प्रति सतर्क रहना चाहिए और समय समय पर जांच कराते रहना चाहिए इन लक्षणों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता, क्योंकि इन्हीं से हार्ट अटैक का खतरा बनता है। समय से उपचार देकर इन लक्षणों को रोका जा सकता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना से ठीक हो चुके किसी व्यक्ति में यदि सांस लेने में तकलीफ बनी हुई है, छाती में दर्द रहता है और पैरों में सूजन आ रही है या चलते समय सांस फूल रही है तो इन लक्षणों को नजरअंदाज न कर तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें।
चिकित्सकों का कहना है कोरोना को हरा चुके मरीजों को ठीक होने के बाद भी लंबे समय तक अपनी दिनचर्या नियमित रखने की जरूरत होती है। जिसमें सादा भोजन आशय है अधिक मिर्च या मसाला न हो। तरल पदार्थों का सेवन अधिक करें। थोड़ी बहुत एक्सरसाइज करें। सिगरेट और शराब को न कहने की आदत डालें। इस तरह से व्यक्ति खुद को स्वस्थ रख सकता है और हार्ट अटैक से भी बच सकता है।