Khalistan Terrorism: आतंकवादियों का यूपी कनेक्शन, क्या ये है बड़े खतरे की दस्तक

Khalistan Terrorism: हाल फिलहाल तक यह माना जा रहा था कि पंजाब में इक्का दुक्का घटनाओं को अगर छोड़ दिया जाए तो देश में खालिस्तानी उग्रवादी निष्क्रिय हैं।

Written By :  Ramkrishna Vajpei
Update:2024-12-25 09:36 IST

Khalistan Terrorism  (फोटो: सोशल मीडिया )

Khalistan Terrorism: उत्तर प्रदेश में खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स के तीन आतंकवादियों का मारा जाना एक बड़े खतरे की चेतावनी है जो हमारे आसपास मंडरा रहा है। इस चौंकाने वाली मुठभेड़ से एक बार फिर ये सवाल उठ रहे हैं कि क्या यूपी के तराई में सिख उग्रवाद फिर जड़ें जमा रहा है। क्या ये एक बड़े खतरे का संकेत है।

अगर देश की बात करें तो गृह मंत्रालय की सूची के मुताबिक खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स तीसरे नंबर प्रतिबंधित संगठन है। सूची में पहले नंबर बब्बर खालसा इंटरनेशनल, दूसरे नंबर खालिस्तान कमांडो फोर्स और तीसरे नंबर पर खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स है। जबकि चालीसवें नंबर खालिस्तान लिबरेशन फोर्स है।

हाल फिलहाल तक यह माना जा रहा था कि पंजाब में इक्का दुक्का घटनाओं को अगर छोड़ दिया जाए तो देश में खालिस्तानी उग्रवादी निष्क्रिय हैं। बीच बीच में यह खबरें जरूर आती रही हैं कि विदेश में बैठे आकाओं के जरिये देश में खालिस्तान के समर्थन में गतिविधियों को अंजाम दिया जा रहा है। कुछ खबरें कश्मीरी उग्रवादियों और खालिस्तानी उग्रवादियों के बीच गठजोड़ को लेकर भी आई थीं।

पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर बादल पर गोली चलाने का प्रयास

इसी तरह पंजाब में हाल ही में पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर बादल पर स्वर्ण मंदिर के बाहर गोली चलाने का प्रयास हुआ। हालांकि पुलिस की सजगता से यह हमला विफल हो गया लेकिन पकड़े गए अभियुक्त के बारे में जो जानकारी आई वह चौंकाने वाली थी। इस दौरान पकड़े गए शख्स का नाम नारायण सिंह चौड़ा जानकारी में आया तो पुलिस व सुरक्षा एजेंसियों के कान खड़े हुए क्योंकि नारायण सिंह खालिस्तान आंदोलन के दौरान सक्रिय रह चुका था और वह खालिस्तान लिबरेशन फ़ोर्स और अकाल फ़ेडरेशन से जुड़ा है। चौड़ा बुड़ैल जेल ब्रेक मामले में भी अभियुक्त रह चुका है उसे पुलिस ने उन्हें 2013 में गिरफ़्तार किया थाष इसके अलावा वह "कॉन्सपिरेसी अगेंस्ट खालिस्तान" पुस्तक का लेखक भी है।

पिछले दिनों पंजाब के तीन पुलिस स्टेशनों पर संदिग्ध हमले भी किये गये। पीलीभीत में मारे गए तीनों आतंकी इन पुलिस स्टेशनों पर हमले में वांछित थे। पंजाब के डीजीपी गौरव यादव ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा है पंजाब में पाकिस्तान के आईएसआई ऑपरेटिव के खिलाफ एक संयुक्त अभियान में, यूपी पुलिस और पंजाब पुलिस के बीच एक संयुक्त प्रयास के कारण पीलीभीत के थाना पूरनपुर के अधिकार क्षेत्र में केजेडएफ के तीन गुर्गों के साथ मुठभेड़ हुई। बरामदगी: दो एके राइफल और दो ग्लॉक पिस्तौल, तीनों गुर्गों-वरिंदर सिंह (उर्फ रवि), गुरविंदर सिंह और जशनप्रीत सिंह (उर्फ प्रताप सिंह)- थाना कलानौर के निवासी हैं और उन पर कलानौर के बख्शीवाला पुलिस स्टेशन पर हमला करने का आरोप है।

इस मॉड्यूल को केजेडएफ के प्रमुख रणजीत सिंह नीता द्वारा नियंत्रित किया जाता है और इसे ग्रीस में रहने वाले जसविंदर सिंह मन्नू द्वारा संचालित किया जाता है, जो गांव अगवान का निवासी है। इसे आगे जगजीत सिंह द्वारा नियंत्रित किया जाता है, जो #यूके में रहता है और #ब्रिटिश सेना में सेवारत है। जगजीत सिंह ने फतेह सिंह बग्गी की पहचान का इस्तेमाल किया। मैं हमारे अंतर-राज्यीय ऑपरेशन में दिए गए उत्कृष्ट समर्थन के लिए यूपी पुलिस को धन्यवाद देता हूं।

पंजाब डीजीपी ने यह भी कहा है कि पाक प्रायोजित खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स (KZF) आतंकी मॉड्यूल के खिलाफ एक बड़ी सफलता में, यूपी पुलिस और पंजाब पुलिस के एक संयुक्त अभियान में तीन मॉड्यूल सदस्यों के साथ मुठभेड़ हुई, जिन्होंने पुलिस पार्टी पर गोलीबारी की थी। यह आतंकी मॉड्यूल पंजाब के सीमावर्ती क्षेत्रों में पुलिस प्रतिष्ठानों पर ग्रेनेड हमलों में शामिल है। पूरे आतंकी मॉड्यूल का खुलासा करने के लिए जांच जारी है।

पुलिस प्रमुख के सोशल मीडिया पर किये गए पोस्ट से एक बात पूरी तरह साफ हो रही है कि खालिस्तानी आतंकवादी गतिविधियों को पाकिस्तान, ग्रीस और ब्रिटेन में पनाह लिए खालिस्तानी आकाओं द्वारा संचालित किया जा रहा है। सबसे खतरनाक बात यह है कि एक खालिस्तानी आतंकवादी सरगना ब्रिटिश आर्मी में होने की जानकारी भी सामने आई है जो कि सबसे अहम है।

खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स

अगर देखें खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स के बारे में तो इसका सरगना जम्मू और कश्मीर का रहने वाला रंजीत सिंह नीता बताया जाता है जिसने इस संगठन की स्थापना की। रंजीत सिंह नीता वर्तमान में जिंदा है या नहीं इसके बारे में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है। ऐसा कहा जाता रहा है लेकिन पंजाब पुलिस प्रमुख के ट्वीट से एक बार फिर ऐसा लग रहा है कि इसके मरने की खबर अफवाह थी। 2020 में एनआईए ने रंजीत सिंह नीता और जर्मनी में रहने वाले गुरमीत सिंह बगगा के खिलाफ वारंट जारी किये थे। उस समय ड्रोन की मदद से सीमा के दूसरी ओर से हथियार, गोला-बारूद, विस्फोटक, संचार उपकरण और नकली नोटों की डिलीवरी मामले में ये वारंट जारी किये गए थे। भारत में यह संगठन प्रतिबंधित है। और यूरोपीय संघ ने भी इसे प्रतिबंधित किया हुआ है।

बब्बर खालसा इंटरनेशनल

बब्बर खालसा भी एक आतंकवादी संगठन है जिसे कनाडा, जर्मनी, भारत और यूनाइटेड किंगडम सहित कई देशों में आतंकवादी संगठन घोषित किया गया है। इसके लीडर तलवेंदर सिंह परमार और सुखदेव सिंह बब्बर रहे हैं। दोनों की ही मृत्यु होने के बाद इस संगठन को कमजोर मान लिया गया था काफी समय तक इसकी ओर से कोई बड़ी घटना नहीं हुई। वर्तमान में इसका लीडर वधवा सिंह बब्बर को माना जाता है। 2007 में लुधियाना के सिनेमा हाल में हुए विस्फोट में इस गिरोह का हाथ माना गया था जिसमें सात लोग मारे गए थे। भारत, कनाडा, जर्मनी और इंग्लैंड में इसे सक्रिय माना जाता है। हाल ही में एनआईए ने इसके आतंकवादी लखबीर सिंह उर्फ लांडा के दो गुर्गों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था। वर्तमान में यह गिरोह मादक पदार्थों की तस्करी, जबरन वसूली में सक्रिय बताया जा रहा है।

खालिस्तान कमांडो फोर्स

खालिस्तान कमांडो फोर्स भी प्रतिबंधित संगठन है। खालिस्तानी उग्रवादियों का यह संगठन वर्तमान में निष्क्रिय माना जा रहा है। इसके आखिरी नेता परमजीत सिंह पंजवार की 2023 में हत्या हुई थी। इसके बाद से वर्तमान में इसकी कमान किसके हाथ में है यह ज्ञात नहीं है।

खालिस्तान लिबरेशन फोर्स

पंजाब में विद्रोह के दौरान इसका बहुत नाम आया था यह कई हत्याओं के लिए जिम्मेदार था लेकिन धीरे धीरे इसकी गतिविधियां कम होती गईं। इसके तमाम कमांडर मार दिये गए। इसके सदस्य धीरे धीरे पकड़े जाते रहे हैं।

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