The Satanic Verses: सलमान रुश्दी की किताब 36 साल बाद भारत में पढ़ सकेंगे लोग, कोर्ट ने हटाया प्रतिबंध

The Satanic Verses: सलमान रुश्दी की किताब 'द सैटेनिक वर्सेज' से दिल्ली हाई कोर्ट ने बैन हटा दिया है।

Newstrack :  Network
Update:2024-12-25 15:45 IST

The Satanic Verses

The Satanic Verses: सलमान रुश्दी की किताब 'द सैटेनिक वर्सेज' अब पूरे भारत में 36 साल बाद पढ़ी जा सकेगी। क्योंकि इस किताब पर साल 1988 में बैन लगा दिया गया था। दरअसल जब ये किताब पब्लिश हुई थी तब पूरी दुनियाभर में मुस्लिम समुदाय ने इसका विरोध किया था। उन्होंने किताब पर कथित तौर पर पैगंबर मोहम्मद पर कुछ अंशों को "ईशनिंदा" बताया था। विवाद को देखते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने इस किताब पर बैन लगा दिया था। 

इस किताब पर लगे प्रतिबंध की अगर बात की जाए तो राजीव गांधी की सरकार ने इसे 1988 बैन कर दिया था। उनकी सरकार ने बैन लगाने की वजह यह बताई थी कि क्योंकि एक समुदाय ने इसे ‘ईशनिंदा’ पाया था। हालांकि अब हाई कोर्ट ने सलमान रुश्दी की किताब ‘द सैटेनिक वर्सेज’ से प्रतिबन्ध हटा दिया है। यह देखते हुए हाई कोर्ट ने बैन हटाया है कि सरकार 1988 की उस मूल अधिसूचना को प्रस्तुत करने में असमर्थ है जिसमें किताब पर बैन लगाया गया था। 

बहरीसंस बुकसेलर ने सोशल मीडिया पर किया पोस्ट 

बहरीसंस बुकसेलर की तरफ से इनके सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इस बात की जानकारी दी गई कि सलमान रुश्दी की द सैटेनिक वर्सेज अब बहरीसंस बुकसेलर के स्टॉक में है! इस अभूतपूर्व और उत्तेजक उपन्यास ने अपनी कल्पनाशील कहानी और साहसिक विषयों से दशकों से रीडर्स को आकृषित किया है. उन्होंने आगे कहा, रिलीज के बाद से ही इस किताब पर वैश्विक स्तर पर विवाद हुआ, जिससे स्वतंत्र अभिव्यक्ति, आस्था और कला पर बहस छिड़ गई है.

किताब का विवाद क्या था

सलमान रुश्दी की किताब ‘द सैटेनिक वर्सेज’ सितम्बर 1988 में पब्लिश हुई थी। यह एक काल्पनिक दुनिया के दरवाजे खोलने की तरह है। लेकिन जब ये किताब पब्लिश हुई तो ईशनिंदा को लेकर इस पर वैश्विक स्तर पर विवाद हुआ। इसमें कथित तौर पर पैगंबर मोहम्मद पर कुछ अंशों को “ईशनिंदा” बताया गया था। इस किताबे को लेकर सबसे ज्यादा आक्रोश मुस्लिम समुदाय में था। जिसके चलते राजीव गांधी ने इस किताब के आयत पर प्रतिबन्ध लगा दिया था। इस किताब का विवाद इतना ज्यादा था कि ईरान के तत्कालीन सर्वोच्च नेता अयातुल्ला रूहुल्लाह खुमैनी ने सलमान रुश्दी के खिलाफ फतवा जारी किया था, जिसमें मुसलमानों से उनकी हत्या करने का आह्वान किया गया था। 

बता दें कि इस किताब को लेकर लोगों में इतना ज्यादा गुस्सा था कि अगस्त 2022 में न्यूयॉर्क में एक व्याख्यान के दौरान मंच पर सलमान रुशदी पर चाकू से हमला किया गया था जिससे उनकी एक आंख की रोशनी चली गई थी। 

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