Coronavirus: नीति आयोग की चेतावनी, देश में जल्द दिखेगा कोरोना की तीसरी लहर का कहर

Coronavirus : नीति आयोग (Niti Aayog) के सदस्य वीके सारस्वत (VK Sharswat) ने तीसरी लहर के बारे में स्पष्ट संकेत किया है। उनका कहना है कि सितंबर-अक्टूबर से देश में कोरोना की तीसरी लहर शुरू हो सकती है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Published By :  Shivani
Update:2021-06-05 10:19 IST

कोरोनावायरस की सांकेतिक तस्वीर (फोटो साभार-सोशल मीडिया)

Coronavirus: देश में कोरोना की दूसरी लहर (Coronavirus Second Wave) का कहर कमजोर जरूर पड़ा है मगर अभी विभिन्न राज्यों में काफी संख्या में नए केस मिल रहे हैं। अभी भी रोजाना मिलने वाले नए केसों की संख्या पहली लहर के पीक (Corona Peak India) से ज्यादा है। इस बीच तमाम विशेषज्ञ कोरोना की तीसरी लहर (Coronavirus Third Wave) आने की आशंका भी जता रहे हैं। ऐसे में हर कोई यह जानना चाहता है कि आखिर यह तीसरी लहर देश में कब आएगी।

इस बीच नीति आयोग (Niti Aayog) के सदस्य वीके सारस्वत (VK Sharswat) ने तीसरी लहर के बारे में स्पष्ट संकेत किया है। उनका कहना है कि सितंबर-अक्टूबर से देश में कोरोना की तीसरी लहर शुरू (
Kab Aayegi Corona Ki Tisri Lahar) 
हो सकती है। उन्होंने कहा कि देश में दूसरी लहर काफी भयावह अंदाज में दिखी थी। इसलिए तीसरी लहर के कहर से बचने के लिए टीकाकरण के अभियान में तेजी लानी होगी।

दूसरी लहर का डटकर मुकाबला

नीति आयोग के सदस्य सारस्वत ने एक न्यूज़ एजेंसी से बातचीत में कहा कि कोरोना की दूसरी लहर का सामना देश ने अच्छी तरह से किया है और इसी का नतीजा है कि संक्रमण के मामलों में लगातार कमी दर्ज की गई। उन्होंने कहा कि दूसरी लहर के दौरान हमने ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए मुकम्मल व्यवस्था की और रेलवे, हवाई जहाज और सैन्य बल का इस्तेमाल तरल ऑक्सीजन को ले जाने के लिए किया है।

इसी का नतीजा है कि हम काफी संख्या में लोगों की जान बचाने में कामयाब रहे। देश में पहले कई दिनों तक चार लाख से अधिक मामले रोजाना दर्ज किए जा रहे थे मगर पिछले कुछ दिनों के दौरान नए केसों की संख्या गिर कर 1.3 लाख पर पहुंच गई है। उन्होंने कहा कि कोरोना की तरह पहली लहर के दौरान भी देश ने पूरी मुस्तैदी के साथ वायरस का मुकाबला किया और इसी से हमें दूसरी लहर को नियंत्रित करने का आत्मविश्वास भी मिला।

अभी से ही तैयारियों की जरूरत

नीति आयोग के सदस्य ने कहा कि तीसरी लहर से बचने के लिए अभी से ही तैयारियां की जानी चाहिए। सारस्वत ने कहा कि महामारी विशेषज्ञों ने भी स्पष्ट तौर पर तीसरी लहर आने की आशंका जताई है। उनका अनुमान है कि सितंबर-अक्टूबर से इसकी शुरुआत हो सकती है। इस लहर के दौरान युवा आबादी के ज्यादा प्रभावित होने की आशंका जताई गई है।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार टीकाकरण अभियान को तेज करने में जुटी हुई है और तीसरी लहर से आबादी को बचाने के लिए जरूरी है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लगाई जाए। इसके लिए सरकार की ओर से युद्ध स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं और निश्चित रूप से इसका नतीजा दिखेगा।

बुद्धिजीवियों ने लिखा विपक्षी दलों को पत्र

इस बीच देश के बुद्धिजीवियों ने कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए चिंता जताई है। 150 से अधिक बुद्धिजीवियों ने देश के विपक्षी दलों को पत्र लिखकर उनसे अनुरोध किया है कि वे अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए केंद्र और राज्य सरकारों से पहले से तैयारी करने का आग्रह करें।
इन बुद्धिजीवियों में इतिहासकार रोमिला थापर, इरफान हबीब और अर्थशास्त्री कौशिक बसु भी शामिल हैं। इन बुद्धिजीवियों ने विपक्षी दलों को खुला पत्र लिखा है। इन बुद्धिजीवियों का कहना है कि केंद्र सरकार ने अभी तक एक ऐसा कार्यबल नहीं तैयार किया है जिसमें सभी पार्टियों, राज्य सरकारों, विशेषज्ञों और सिविल सोसायटी के लोगों को एक साथ शामिल किया जाए। इसे लेकर पत्र में कड़ी आपत्ति जताई गई है।
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