Coronavirus Vaccine: कोवोवैक्स है खास प्लांट प्रोटीन आधारित वैक्सीन, सीरम शुरू कर चुका है एक्सपोर्ट
Coronavirus Vaccine: WHO ने सीरम की कोवोवैक्स वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है। यह एक प्रोटीन आधारित वैक्सीन है।
Coronavirus Vaccine: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (Serum Institute of India- SII) द्वारा बनाई जा रही कोवोवैक्स वैक्सीन (Covavax Vaccine) के इमरजेंसी इस्तेमाल (Emergency Use) की मंजूरी दे दी है। ये वैक्सीन अमेरिका में डेवलप की गई वैक्सीन नोवावैक्स (Novavax) का ही भारतीय वर्जन है। ये वैक्सीन बाकी सभी वैक्सीनों से अलग है। क्योंकि ये एक प्रोटीन आधारित वैक्सीन (Protein Based Corona Vaccine) है। जिसमें अलग तकनीक अपनाई गई है। वैसे, इंडोनेशिया पहले ही इस वैक्सीन को मंजूरी दे चुका है और सीरम इंस्टिट्यूट उसे एक्सपोर्ट भी कर चुका है।
इन वैक्सीनों को मिल चुकी है मंजूरी (Kon Se Vaccine Ko Mili WHO Ki Manjuri)
फाइजर
मॉडर्ना
जॉनसन एंड जॉनसन
आस्ट्रा जेनेका
कोवैक्सिन
सिनोवैक
सिनोफार्म
स्पुतनिक
कोवोवैक्स
प्लांट प्रोटीन बेस्ड है कोवोवैक्स (Covavax Ke Bare Mein)
कोवोवैक्स, एक प्रोटीन सबयूनिट वैक्सीन है, और इसलिए मॉडर्न और फाइजर द्वारा विकसित एमआरएनए वैक्सीन, एस्ट्राजेनेका और जॉनसन एंड जॉनसन द्वारा बनाए गए वायरल-वेक्टर टीके और सिनोवैक,सिनोफार्म और भारत बायोटेक द्वारा बनाए गए निष्क्रिय-वायरस टीके से अलग है। प्रोटीन सबयूनिट टीकों में एक महत्वपूर्ण हिस्सा वही होता है जिससे वे रक्षा करते हैं। इस वैक्सीन का महत्वपूर्ण अवयव एक पौधे के अर्क से बनाया गया है। पेपिलोमावायरस और हेपेटाइटिस बी के लिए तैयार किए गए टीकों में भी इसी प्रणाली का इस्तेमाल किया गया है।
एक्सपोर्ट पहले से ही जारी
जिस वैक्सीन को अभी भारत ने भी मान्यता नहीं दी है, सीरम इंस्टीट्यूट ने उसका निर्यात भी शुरू कर दिया है। नोवावैक्स की चार करोड़ खुराक इंडोनेशिया को भेजी गई हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन से पहले ही कोवैक्स को इंडोनेशिया नमान्यता दे चुका है। सीरम ने नोवावैक्स या कोवोवैक्स की एक लाख 37 हजार 500 खुराक हाल ही में इंडोनेशिया को निर्यात की हैं। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने वैश्विक वैक्सीन आवंटन नेटवर्क गावी को इस साल के आखिर तक कोवैक्स या एस्ट्राजेनेका की चार करोड़ खुराक देने का वादा किया है। इसके लिए सीरम इंस्टीट्यूट ने अपना उत्पादन बढ़ा दिया है।
कोवोवैक्स को डब्लूएचओ प्रायोजित वैक्सीन डिस्ट्रीब्यूशन का हिस्सा बनाया गया है जो गरीब देशों को कोरोना वैक्सीन सप्लाई करता है। कोवावैक्स संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य एजेंसी से आपातकालीन उपयोग की मंजूरी प्राप्त करने वाला नौवां टीका है।
अमेरिका स्थित नोवावैक्स से लाइसेंस के तहत सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा निर्मित इस टीके को अब वैश्विक वैक्सीन शेयरिंग सिस्टम के तहत गरीब देशों को वितरित किया जाएगा। भारत में अभी कोवोवैक्स को इमरजेंसी उपयोग की स्वीकृति नहीं मिली है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के वैक्सीन कार्यक्रम के प्रमुख मारिएंजेला सिमाओ ने कहा, इस कदम का उद्देश्य खासतौर पर कम आयवालों देशों में वैक्सीन की पहुंच बढ़ाना है। कम आय वाले देशों में से 41 अभी भी अपनी आबादी के 10 फीसदी को वैक्सीन देने में सक्षम नहीं हो पाए हैं जबकि 98 देश, 40 फीसदी वैक्सीनेशन तक भी नहीं पहुंच पाए हैं।
इससे पहले भारत के ड्रग कंट्रोलर (डीसीजीआई) ने सीरम इंस्टिट्यूट को 12 से 17 साल की उम्र के बच्चों पर इस टीके के परीक्षण की मंजूरी दी थी। सीरम 100 बच्चों पर इसका परीक्षण भी कर चुकी है। परीक्षण के डाटा को डीसीजीआई को मुहैया करा दिया गया था।
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