CWC की बैठक में असंतुष्ट नेताओं पर जमकर बरसीं सोनिया, मीडिया के जरिए बात न करने की नसीहत

CWC Ki Baithak: दिल्ली के AICC मुख्यालय पर आज कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक हुई। आइए जानते है कि बैठक में किन-किन मुद्दों पर चर्चा हुआ...

Written By :  Anshuman Tiwari
Published By :  Chitra Singh
Update:2021-10-16 13:27 IST

CWC की बैठक (फोटो- @INCIndia Twitter)

CWC Ki Baithak: कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) की महत्वपूर्ण बैठक में आज पार्टी के अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी जी-23 से जुड़े असंतुष्ट नेताओं पर जमकर बरसीं। जी-23 से जुड़े नेताओं को हिदायत देते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि मैं महत्वपूर्ण मुद्दों पर खुलकर दिल से बात करती हूं मगर मुझसे मीडिया के जरिए बातचीत करने की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक महत्व से जुड़े मुद्दों को मैंने कभी किनारे नहीं किया है और हमेशा उन मुद्दों पर अपनी बात रखी है मगर मीडिया के जरिए अपनी बात रखना या मुझसे बात करना उचित नहीं है।

हालांकि अपने संबोधन के दौरान सोनिया गांधी ने किसी नेता का नाम नहीं लिया मगर उनका यह बयान जी-23 से जुड़े असंतुष्ट नेताओं को करारा जवाब माना जा रहा है। पिछले दिनों पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने एक प्रेस कांफ्रेंस बुलाकर कांग्रेस नेतृत्व को लेकर सवाल खड़े किए थे। पंजाब संकट का जिक्र करते हुए उनका कहना था कि जब पार्टी में कोई अध्यक्ष ही नहीं है तो पता नहीं महत्वपूर्ण फैसले कौन ले रहा है।

पार्टी में अनुशासन बनाए रखने की हिदायत

पार्टी में अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि मुझे पता है कि मैं पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष हूं। हम पहले ही पार्टी में चुनाव कराना चाहते थे मगर कोरोना महामारी के कारण यह चुनाव नहीं कराया जा सका। अब पार्टी के संगठनात्मक चुनाव के संबंध में पूरा कार्यक्रम जारी किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से इस संबंध में पूरी प्रक्रिया की जानकारी दी जाएगी।

सोनिया ने कहा कि मुझे पता है कि पूरा संगठन कांग्रेस को मजबूत बनाना चाहता है मगर इसके लिए पार्टी की एकता और हितों को भी ध्यान में रखना जरूरी है। इसके लिए आत्मनियंत्रण और पार्टी का अनुशासन भी बनाए रखने की जरूरत है। जी- 23 से जुड़े नेताओं को जवाब देते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि अगर आप मुझे बोलने की अनुमति दें तो मैं ही पार्टी की पूर्व पूर्णकालिक और क्रियाशील अध्यक्ष हूं। मैंने देश के सामने मौजूद महत्वपूर्ण मुद्दों पर हमेशा अपनी राय रखी है।

जी-23 से जुड़े नेताओं की ओर से संगठनात्मक चुनाव की मांग के साथ ही महत्वपूर्ण मुद्दों की अनदेखी की बात भी कही जाती रही है और सोनिया का बयान इसी नजरिए से जी-23 को जवाब माना जा रहा है। बैठक की शुरुआत में ही सोनिया ने कड़े तेवर दिखाते हुए साफ कर दिया है कि पार्टी से जुड़े मुद्दों को मीडिया के जरिए उछालने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इसे असंतुष्ट नेताओं को पार्टी नेतृत्व की कड़ी नसीहत माना जा रहा है।

मोदी सरकार पर साधा जमकर निशाना

अपने संबोधन के दौरान सोनिया गांधी ने मोदी सरकार पर भी जमकर निशाना साधा। उन्होंने मोदी सरकार की ओर से सरकारी संपत्तियों की बिक्री के मुद्दे को प्रमुखता से उठाते हुए कहा कि सरकार का एकमात्र एजेंडा है बेचो, बेचो, बेचो। सरकार केवल सरकारी संपत्तियों को बेचकर पैसा जुटाने में लगी हुई है और जनता से जुड़े हितों की अनदेखी की जा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से अर्थव्यवस्था के मजबूत होने का दावा किया जा रहा है जबकि वास्तविक स्थिति से पूरी तरह भिन्न है। सिर्फ राष्ट्रीय संपत्तियों को बेचकर पैसा जुटाना आर्थिक स्थिति के मजबूत होने का संकेत नहीं है।

जम्मू कश्मीर में हाल में अल्पसंख्यक समुदाय से जुड़े लोगों की हत्याओं पर भी सोनिया ने चिंता जताई। उन्होंने कहा कि घाटी में आतंकियों की ओर से और टारगेटेड किलिंग की जा रही है और इसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। इसे रोकने के लिए सरकार की ओर से कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।

लखीमपुर में हुई हिंसा का प्रमुखता से जिक्र

सोनिया गांधी ने हाल में उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा (Lakhimpur Kheri Hinsa) की घटना का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि इस घटना के जरिए भाजपा की मानसिकता पूरी तरह से उजागर हो गई है। किसान आंदोलन के प्रति भाजपा का रवैया भी पूरी तरह साफ हो गया है। भाजपा के लोग इस आंदोलन को किसी भी तरह कुचलना चाहते हैं। किसान अपनी आजीविका की रक्षा के लिए दृढ़ संकल्प के साथ संघर्ष कर रहे हैं मगर सरकार उनसे बातचीत करने की जगह पूरे आंदोलन को कुचलने में जुटी हुई है।

कांग्रेस ने लखीमपुर हिंसा की घटना को प्रमुखता से उठाया है और हाल में पार्टी के प्रतिनिधिमंडल ने इस मुद्दे को लेकर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात भी की थी। पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और प्रियंका गांधी भी लखीमपुर हिंसा के मुद्दे पर लगातार मुखर रहे हैं।

महत्वपूर्ण मुद्दों पर होगी बैठक में चर्चा

काफी समय बाद हो रही कांग्रेस कार्यसमिति की इस महत्वपूर्ण बैठक में पांच राज्यों में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव, किसान आंदोलन, महंगाई, पेट्रोल- डीजल व गैस की कीमतों में बढ़ोतरी, सरकारी संपत्तियों की बिक्री और लखीमपुर हिंसा के मामलों पर चर्चा की संभावना है।

वैसे बैठक में सबसे महत्वपूर्ण एजेंडा पार्टी अध्यक्ष और संगठनात्मक चुनावों पर चर्चा होगी। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि कार्यसमिति की बैठक के दौरान पार्टी अध्यक्ष के चुनाव का कार्यक्रम पेश किया जा सकता है। कोरोना महामारी के कारण लंबे समय से पार्टी अध्यक्ष का चुनाव टलता रहा है मगर अब इसके लिए दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है।

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