कैंसर की दवा से होगा कोरोना का इलाज, जानिए इसके बारे में सबकुछ

कैंसर के इलाज के लिए डेवलप की गई एक दवा को कोरोना संक्रमण के इलाज में इस्तेमाल करने की मंजूरी मिली है।

Written By :  Neel Mani Lal
Published By :  Dharmendra Singh
Update: 2021-05-08 18:42 GMT

दवा के प्रभाव को ग्राफिक्स के जरिए दिखाया गया है (फोटो: सोशल मीडिया)

हैदराबाद: कैंसर के इलाज के लिए डेवलप की गई एक दवा को कोरोना संक्रमण के इलाज में इस्तेमाल करने की मंजूरी मिली है। ये दवा इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूक्लियर मेडिसिन ने डॉ रेड्डीज लैब के साथ मिलकर डेवलप की है। ये इंस्टिट्यूट डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट आर्गेनाईजेशन (डीआरडीओ) की एक प्रयोगशाला है। इस औषधि के डेवलपमेंट में बस्ती, उत्तर प्रदेश के अनंत नारायण भट्ट का योगदान रहा है जो डीआरडीओ के मुख्य वैज्ञानिक हैं।

ड्रग कंट्रोलर ऑफ इंडिया ने '2 - डिओक्सी - डी - ग्लूकोज' (2डीजी) नामक इस प्रायोगिक औषधि को अस्पताल में भर्ती कोरोना के गंभीर मरीजों पर इस्तेमाल करने की आपात मंजूरी दे दी है। इसे अन्य दवाओं के साथ इस्तेमाल किया जाएगा। '2डीजी' दवा पाउडर कर रूप में सैशे में आती है। इसे पानी में घोल कर लिया जाना होता है। ये दवा वायरस से संक्रमित कोशिकाओं में एकत्र हो कर वायरल सिंथेसिस और एनर्जी प्रोडक्शन को रोक देती है और जिसके परिणामस्वरूप वायरस की बढ़ोतरी रुक जाती है।
इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूक्लियर मेडिसिन और डीआरडीओ के अनुसार, क्लीनिकल ट्रायल के नतीजों से पता चला है कि इस दवा से अस्पताल में भर्ती मरीजों की जल्दी रिकवरी होती है और ऑक्सीजन सपोर्ट की उनकी जरूरत कम हो जाती है। 2 डीजी दवा को कोरोना मरीजों पर इस्तेमाल करने की रिसर्च अप्रैल 2020 में शुरू हुई थी। इसके लैब परीक्षण सेंटर फॉर सेल्यूलर एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी की सहायता से किये गए।
इसके दूसरे चरण के ट्रायल 17 अस्पतालों में 110 मरीजों पर किये गए। तीसरे चरण के ट्रायल से पता चला कि काफी मरीजों के लक्षणों में सुधार आया और ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत खत्म हो गई। इस दवा के डेवलपमेंट में डीआरडीओ के मुख्य वैज्ञानिक अनंत नारायण भट्ट की प्रमुख भूमिका रही है। अनंत भट्ट यूपी में बस्ती के हैं और उन्होंने वहां के शिव हर्ष किसान पीजी कालेज से शिक्षा ग्रहण की थी। वे कालेज के 1996 के बीएससी बायो बैच के छात्र थे।


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