शरद यादव को झटका: 15 दिन के अंदर खाली करना होगा सरकारी बंगला, दिल्ली हाईकोर्ट का सख्त आदेश

MP Sharad Yadav: जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव को दिल्ली हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। उच्च न्यायालय ने पूर्व जदयू नेता को 15 दिनों के अंदर सरकारी बंगला खाली करने का आदेश दिया है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Published By :  Deepak Kumar
Update: 2022-03-15 13:38 GMT

शरद यादव। (Social Media) 

Sharad Yadav Bungalow: जनता दल(यू) (J के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव को दिल्ली हाईकोर्ट से करारा झटका लगा है। हाईकोर्ट की दो सदस्यीय बेंच ने शरद यादव को 15 दिनों के भीतर दिल्ली का सरकारी बंगला खाली करने का आदेश दिया है। शरद यादव को चार साल पहले ही राज्यसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित किया जा चुका है मगर अभी तक वे दिल्ली में सरकारी बंगले पर काबिज हैं।

दिल्ली हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति नवीन चावला की दो सदस्यीय बेंच ने कहा कि अयोग्य घोषित होने के चार साल बाद भी सरकारी बंगले में रहने का कोई औचित्य नहीं है। दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार की एक याचिका पर यह फैसला सुनाया है और यह शरद यादव के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।

एकल पीठ का आदेश रद्द

इस मामले में 15 दिसंबर 2017 को एकल पीठ के आदेश से शरद यादव को राहत मिली थी। एकल पीठ ने अपने आदेश में कहा था कि याचिका पर फैसला आने से पहले शरद यादव को आधिकारिक सुविधाओं का उपयोग करने की अनुमति दी जानी चाहिए। बाद में जून 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने एकल पीठ के आदेश में संशोधन करते हुए कहा था कि शरद यादव सरकारी बंगले का इस्तेमाल कर सकते हैं मगर वे सांसद के वेतन और अन्य लाभों के हकदार नहीं होंगे। अब इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए कहा है कि अदालत एकल पीठ के आदेश को आगे जारी रखने की इच्छुक नहीं है।

केंद्र सरकार ने दी थी यह दलील

केंद्र सरकार की ओर से शरद यादव के सरकारी बंगले पर काबिज रहने के खिलाफ अदालत में याचिका दायर की गई थी जिस पर यह महत्वपूर्ण फैसला सुनाया गया है। सरकार की ओर से दायर याचिका में मांग की गई थी कि अदालत की ओर से शरद यादव के सरकारी बंगले पर लगाई गई रोक को तत्काल हटाया जाए।

केंद्र सरकार की ओर से दलील दी गई थी कि राज्यसभा सदस्य के रूप में शरद यादव 2017 में ही अयोग्य घोषित किए जा चुके हैं और ऐसे में उन्हें सरकारी बंगले पर काबिज रहने की छूट देने का कोई मतलब नहीं है। केंद्र सरकार की इसी याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने शरद यादव को बड़ा झटका देते हुए 15 दिनों के भीतर सरकारी बंगला खाली करने का आदेश दिया है।

2017 में घोषित हुए थे अयोग्य

शरद यादव जदयू उम्मीदवार के रूप में 2017 में राज्यसभा के लिए चुने गए थे और उनका कार्यकाल इस साल जुलाई में समाप्त होने वाला था। जदयू नेता आरपी सिंह ने शरद यादव और उनके सहयोगी अली अनवर को सांसद के रूप में अयोग्य घोषित करने की मांग की थी। उनका कहना था कि पार्टी नेतृत्व के निर्देश की अनदेखी करते हुए शरद यादव ने पटना में आयोजित विपक्षी दलों की रैली में हिस्सा लिया था।

बाद में शरद यादव को राज्यसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया गया था। शरद यादव ने खुद को योग्य घोषित किए जाने के खिलाफ याचिका दायर की थी और उसे कई आधारों पर चुनौती दी थी। अयोग्य घोषित किए जाने के बावजूद वे सरकारी बंगले पर काबिज थे मगर अब उन्हें सरकारी बंगला खाली करना होगा।

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