आतंकी मॉड्यूल का खुलासाः मस्कट के रास्ते PAK पहुंचे थे ओसामा और जीशान, 15 दिन चली थी ट्रेनिंग

दिल्ली में बड़े आतंकी मॉड्यूल का पर्दाफाश होने के बाद हुए खुलासे में पता चला है कि आरोपी ओसामा 22 अप्रैल, 2021 को सलाम एयर की फ्लाइट से लखनऊ से मस्कट, ओमान के लिए रवाना हुआ था। वो मस्कट पहुंचा, वहां उसकी मुलाकात प्रयागराज, यूपी के निवासी जीशान से हुई, जो पाकिस्तान में ट्रेनिंग हासिल करने के लिए भारत से वहां पहुंचा था।

Newstrack :  Network
Published By :  Deepak Kumar
Update:2021-09-15 09:19 IST

आतंकी मॉड्यूल का खुलासा। 

दिल्ली में बड़े आतंकी मॉड्यूल का पर्दाफाश होने के बाद कई अहम खुलासे हो रहे हैं। जांच के दौरान पता चला है कि पकड़े गए 6 आरोपियों में से ओसामा और जीशान मस्कट के रास्ते पाकिस्तान पहुंचे थे, जहां उन दोनों को आतंकी ट्रेनिंग दी गई थी। दोनों को ट्रेनिंग देने का काम किसी आतंकी ने नहीं बल्कि पाकिस्तानी फौज के 2 अफसरों ने किया था। उनके साथ एक अन्य पाकिस्तानी नागरिक भी वहां मौजूद था।

दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल को पूछताछ में पता चला कि इसी साल अप्रैल में ओसामा और जीशान ओमान के रास्ते पाकिस्तान के कराची पहुंचे थे. पहले वे ओमान से जियोनी गए थे और वहां से उन दोनों को कराची के पास भेजा गया था। सबसे बड़ी बात ये है कि इस काम को अंजाम देने में पाक एजेंसी आईएसआई का हाथ है। आईएसआई ने उन दोनों को ओमान से पाकिस्तान तक पहुंचाने के लिए पानी के रास्ते का इस्तेमाल किया और वे बोट से पाकिस्तान गए थे। आईएसआई ने भारतीय एजेंसियों को चकमा देने के लिए उन दोनों को ओमान के रास्ते पाकिस्तान बुलाया था। पाकिस्तान में कराची के एक इलाके में दोनों को पाकिस्तानी सेना के दो अफसरों जब्बार और हमजा ने आतंकी ट्रेनिंग दी थी। वहां उन फौजी अफसरों के साथ आसिफ नाम का एक पाकिस्तानी शख्स और मौजूद था।

सीरियल ब्लॉस्ट की योजना

दिल्ली स्पेशल सेल के डीसीपी ने बताया कि केंद्रीय एजेंसी से इनपुट मिला था कि पाकिस्तान प्रायोजित एक आतंकी मॉड्यूल देश के विभिन्न राज्यों में सीरियल ब्लॉस्ट की योजना बना रहा है। इसके सीमा पार से आईईडी की व्यवस्था की गई है। इनपुट के आधार पर कार्रवाई करते हुए एटीएस ने पहले दिल्ली के ओखला से ओसामा मुख्य किरदार है। इसके अलावा महाराष्ट्र और यूपी में इसके सहयोगी हैं जो सीरियल ब्लास्ट की तैयारी कर रहे हैं। एटीएस ने इस इनपुट पर अलग अलग टीमें गठित कीं और यूपी एटीएस की मदद लेते हुए एक साथ कई स्थानों पर छापे मारे। सबसे पहले राजस्थान के कोटा से जान मोहम्मद शेख उर्फ समीर कालिया को हिरासत में लिया गया जो दिल्ली जा रहा था। ओसामा को ओखला से गिरफ्तार किया। यूपी के बहराइच के रहने वाले मोहम्मद अबू बकर को सराय काले खां, दिल्ली से गिरफ्तार किया गया। जीशान की गिरफ्तारी प्रयागराज से की गई, मोहम्मद आमिर जावेद को लखनऊ से और मूलचंद उर्फ साजू को रायबरेली से गिरफ्तार किया गया। इसके लिए दिल्ली पुलिस ने यूपी एटीएस का सहयोग लिया था।

प्रयागराज में छिपाकर रखा गया था आरडीएक्स

दिल्ली स्पेशल सेल के अनुसार इस मॉड्यूल को एक स्लीपर सेल संचालक ने आरडीएक्स आधारित बम, पिस्तौल और कारतूस सप्लाई किए जा चुके थे। इसे छिपाने के लिए यूपी भेजा गया था। एटीएस ने प्रयागराज से भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद किए हैं। इस विस्फोटक को अनीस इब्रहिम ने अपने नजदीकी जॉन शेख मोहम्मद व मूल चंद्र के माध्यम से दिल्ली पहुंचाने का काम सौंपा था। दिल्ली से मुंबई और देश के अन्य हिस्सों में अन्य आतंकी गुर्गों को यह विस्फोटक सौंपे जाने थे। इसके बदले इन लोगों को हवाला के जरिए पैसे दिए जाने थे। इस नेटवर्क के अन्य सदस्यों की तलाश की जा रही है।

मस्कट के रास्ते पाकिस्तान पहुंचा था ओसामा और जीशान 

स्पेशल सेल के डीसीपी ने बताया कि आरोपी ओसामा इसी साल 22 अप्रैल 2021 को लखनऊ से सलाम एयर लाइन की फ्लाइट से मस्कट, ओमान पहुंचा था। मस्कट में ओसामा की मुलाकात प्रयागराज निवासी जीशान से हुई। मस्कट में ही कुछ बांग्लादेशी भी मिले, जो प्रशिक्षण के लिए आए हुए थे। मस्कट से ओसामा और जीशान को समुंद्र के रास्ते जियोनी नाम की जगह पर ले जाया गया जो ग्वादर बंदरगाह (पाकिस्तान के नजदीक) ले जाया गया। बंदरगाह से यह दोनों पाकिस्तानी युवक की मदद से पाकिस्तान स्थित थट्टा फार्म हाउस पहुंचे। फार्म हाउस में तीन पाकिस्तानी नागरिक थे। इनमें से दो जब्बार और हमजा ने उन्हें प्रशिक्षण दिया। ये दोनों पाकिस्तानी सेना से थे क्योंकि उन्होंने सैन्य वर्दी पहनी हुई थी। इन दोनों को दैनिक उपयोग की वस्तुओं की मदद से बम और आईईडी बनाने और आगजनी करने का प्रशिक्षण दिया गया। इन दोनों को छोटे हथियार चलाने और एके 47 चलाने का भी प्रशिक्षण दिया गया। 15 दिनों के प्रशिक्षण के बाद उसी रास्ते से दोनों को मस्कट भेज दिया गया और फिर दोनों भारत आ गए।

रायबरेली में एटीएस के छापे से मचा हड़कंप

ऊंचाहार (रायबरेली) कोतवाली क्षेत्र के अकोढ़िया गांव में एटीएस ने छापा मारा। अचानक गांव में एटीएस के छापे से हड़कंप मच गया। एटीएस ने गांव से दो लोगों को हिरासत में लिया है। दोनों युवकों के किसी संदिग्ध गतिविधियों में लिप्त होने की बात बताई जा रही है। मामले में स्थानीय पुलिस कुछ भी बता पाने से इंकार कर रही है।

मंगलवार तड़के कोतवाली क्षेत्र के अकोढ़िया गांव में एटीएस के सीओ व इंस्पेक्टर के नेतृत्व में टीम ने छापा मारा। स्थानीय पुलिस के साथ एटीएस के पहुंचने की खबर से हड़कंप मच गया। लोग अपने घरों में दुबक गए। एटीएस ने गांव के दो युवकों को हिरासत में लेकर उनके घरों में तलाशी ली। घर के अंदर छानबीन की। हालांकि घर के अंदर कोई अवैध सामान नहीं मिला। बाद में एटीएस दोनों युवकों को साथ लेकर लखनऊ लौट गई। सूत्रों की मानें तो कुछ दिन पहले आतंकी गतिविधियों में लिप्त कुंडा के एक युवक को एटीएस ने पकड़ा था। पूछताछ में युवक ने दोनों युवकों पर उसकी मदद करने की बात सामने आई है। इसके बाद एटीएस ने दोनों को हिरासत में लिया है। हालांकि स्थानीय पुलिस इस बाबत कुछ बता पाने में असमर्थता जाहिर कर रही है। सीओ अशोक सिंह ने बताया कि एटीएस ने गांव में छापा मार दो युवकों को हिरासत में लिया है।

जांच में पाया गया कि आतंकी को पाकिस्तान की सरपरस्ती में आतंक का कारोबार चला रहे तालिबान व दाऊद इब्राहिम का भाई अनीस इब्राहिम फंडिंग कर रहा था। पकड़े गए आरोपियों में से एक समीर काला महाराष्ट्र का रहने वाला है। वह लम्बे वक्त से अंडरवर्ल्ड के लिए काम कर रहा था, वो पहले एक बार एक्सटेंशन के मामले में गिरफ्तार हो चुका है। ये प्लान तैयार करने के लिए उसी को पाकिस्तान से अंडरवर्ल्ड का आदेश आया था, जिसके बाद इन 6 लड़कों को तैयार किया गया।

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