Dhanteras Muhurat Time: आइये जानें आपके शहर में धनतेरस का मुहूर्त, 2 नवम्बर को कब करें पूजा

Dhanteras : ज्योतिषियों की राय में धनत्रयोदशी या धनतेरस के दौरान लक्ष्मी पूजा को प्रदोष काल के दौरान किया जाना चाहिए जो कि सूर्यास्त के बाद प्रारम्भ होता है और लगभग दो घण्टे 24 मिनट तक रहता है।

Written By :  Ramkrishna Vajpei
Published By :  Vidushi Mishra
Update:2021-10-31 17:18 IST

Dhanteras Muhurat Time: धनतेरस 2021, धनतेरस पूजा, धनत्रयोदशी पूजा वास्तव में दीपावली के पर्वों की शुरुआत की दस्तक है। इस दिन तक दीपावली की तैयारियों को अंतिम रूप देकर लोग दीपावली मनाने के लिए तैयार हो जाते हैं। जिसमें घर की साफ सफाई, परिवार में सबके नये कपड़े लाने के बाद धनतेरस का दिन घर में नया वाहन, टीवी, फ्रिज, महिलाओं के जेवरों की खरीदारी आदि सुख सुविधा की वस्तुओं की खरीद के लिए शुभ माना जाता है।

ज्योतिषियों की राय में धनत्रयोदशी या धनतेरस के दौरान लक्ष्मी पूजा (Dhanteras Laxmi Puja) को प्रदोष काल के दौरान किया जाना चाहिए जो कि सूर्यास्त के बाद प्रारम्भ होता है और लगभग दो घण्टे 24 मिनट तक रहता है।

धनतेरस पूजा (Dhanteras Muhurat 2021)

आम तौर पर धनतेरस पूजा (Dhanteras Puja) को करने के लिए चौघड़िया मुहूर्त को देखने की सलाह नहीं दी जाती है क्योंकि ये मुहूर्त यात्रा के लिए शुभ माने जाते हैं।

दीपावली जगाने या धनतेरस पूजा (Dhanteras Laxmi Puja) के लिए सबसे उपयुक्त समय प्रदोष काल (Pradosh Kaal) का वह समय होता है जब स्थिर लग्न चल रही होती है। ऐसा मान्यता है कि अगर स्थिर लग्न के दौरान धनतेरस पूजा की जाये तो लक्ष्मीजी घर में स्थायी रूप से ठहर कर वास करती हैं। इसीलिए धनतेरस पूजन के लिए यह समय (Dhanteras Puja Timing 2021) सबसे उपयुक्त होता है।

वृषभ लग्न को स्थिर माना गया है और दीवाली के त्यौहार के दौरान यह अधिकतर प्रदोष काल (Pradosh Kaal) के साथ रहती है।

आयुर्वेद के देवता का जन्म दिवस

धनतेरस पूजा (Dhanteras Puja) के लिए दृक पंचांग में समय उपलब्ध कराए गए हैं। दृक पंचांग के दर्शाये गए मुहूर्त के समय में त्रयोदशी तिथि (Trayodashi in hindi), प्रदोष काल और स्थिर लग्न सम्मिलित हैं। इसमें स्थान के अनुसार मुहूर्त उपलब्ध कराए जाते हैं। इसीलिए आपको धनतेरस पूजा का शुभ समय देखने से पहले अपने शहर का चयन कर लेना चाहिए। हम आपको खास शहरों का धनतेरस पूजा का मुहूर्त बताने जा रहे हैं।


धनतेरस पूजा को धनत्रयोदशी (Dhantrayodashi 2021) के नाम से भी जाना जाता है। धनतेरस का दिन धन्वन्तरि त्रयोदशी या धन्वन्तरि जयन्ती, जो कि आयुर्वेद के देवता का जन्म दिवस है, के रूप में भी मनाया जाता है।

इसी दिन परिवार के किसी भी सदस्य की असामयिक मृत्यु से बचने के लिए मृत्यु के देवता यमराज के लिए घर के बाहर दीपक जलाया जाता है जिसे यम दीपम (Yam Deepak 2021) के नाम से जाना जाता है और इस धार्मिक संस्कार को त्रयोदशी तिथि (Trayodashi Tithi) के दिन किया जाता है।

द्रिक पञ्चाङ्ग के अनुसार लखनऊ में मुहूर्त (Dhanteras Puja Muhurat Lucknow 2021)

धनतेरस पूजा मुहूर्त - 06:05 शाम से 07:58 शाम तक

अवधि - 01 घण्टा 53 मिनट

यम दीपम (Yam Deepak 2021) मंगलवार, नवम्बर 2, 2021 को

प्रदोष काल (Pradosh Kaal) - 05:23 शाम से 07:58 शाम तक

वृषभ काल (Vrishabha Kaal) - 06:05 शाम से 08:01 शाम तक

त्रयोदशी तिथि प्रारम्भ (Trayodashi Tithi) - नवम्बर 02, 2021 को 11:31 बजे सुबह

त्रयोदशी तिथि समाप्त - नवम्बर 03, 2021 को 09:02 बजे सुबह तक

अन्य शहरों में धनत्रयोदशी मुहूर्त (Dhantrayodashi 2021)

06:47 शाम से 08:32 शाम - पुणे

06:17 शाम से 08:11 शाम - नई दिल्ली

06:29 शाम से 08:10 शाम - चेन्नई

06:25 शाम से 08:18 शाम - जयपुर

06:30 शाम से 08:14 शाम - हैदराबाद

06:18 शाम से 08:12 शाम - गुरुग्राम

06:14 शाम से 08:09 शाम - चण्डीगढ़

05:42 शाम से 07:31 शाम - कोलकाता

06:50 शाम से 08:36 शाम - मुम्बई

06:40 पी एम से 08:21 शाम - बेंगलूरु

06:45 शाम से 08:34 शाम - अहमदाबाद

06:16 शाम से 08:10 शाम – नोएडा


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