डॉक्टरों व मेडिकल स्टाफ में बढ़ा कोविड-19 संक्रमण का खतरा, बचाए सरकार

जिला चिकित्सालयों व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर बड़ी संख्या में रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम यानी सांस लेने में तकलीफ वाले मरीज आ रहे हैं।

Written By :  Ramkrishna Vajpei
Published By :  Monika
Update: 2021-05-04 12:17 GMT

डॉक्टरों में बढ़ रहा कोरोना संक्रमण का खतरा (फाइल फोटो )

लखनऊः जिला चिकित्सालयों व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (District Hospitals and Community Health Centers) पर बड़ी संख्या में रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम (Respiratory Distress Syndrome) यानी सांस लेने में तकलीफ वाले मरीज आ रहे हैं। इनकी संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। अस्पतालों और सीएचसी पर तैनात डॉक्टरों व स्टॉफ पर ऐसे मरीजों का उपचार करने का दबाव बनाया जा रहा है जिससे यूपी में नान कोविड अस्पतालों में ड्यूटी कर रहे डॉक्टरों व मेडिकल स्टाफ में संक्रमण फैलने गंभीर खतरा उत्पन्न हो गया है।

प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ उत्तर प्रदेश ने विभिन्न जनपदों से ऐसी सूचनाएं टेलीफोन के जरिये मिलने की पुष्टि करते हुए डॉक्टरों के स्वास्थ्य के संबंध में चिंता का इजहार करते हुए तत्काल इस संबंध में ध्यान दिये जाने पर जोर दिया है।

महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाओं को लिखे एक पत्र में संघ के अध्यक्ष डा. सचिन वैश्य व डॉ. अमित सिंह ने कहा है कि यह सही है कि नाना कोविड अस्पतालों व सीएचसी में आ रहे ऐसे मरीजों के पास कोविड संबंधी कोई भी जांच रिपोर्ट नहीं होती है या फिर ऐसे मरीजों के पास कोविड-19 की एंटीजन या आरटीपीसीआर की निगेटिव रिपोर्ट होती है जो कई बार फाल्स साबित होती है। जबकि ऐसे मरीजों की एक्स रे तथा सीटी स्कैन रिपोर्ट सस्पेक्टेड कोविड मरीजों की श्रेणी में आती है। ऐसे अग्रिम मोर्चे पर तैनात कोरोना वारियर्स डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ में संक्रमण फैलने का बड़ा खतरा है।

महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाओं को लिखा एक पत्र (फोटो:सोशल मीडिया)

संक्रमित और शहीद होने से बचाने का आग्रह

डॉ. वैश्य और डॉ. सिंह ने डॉक्टरों व मेडिकल स्टाफ को संक्रमित और शहीद होने से बचाने का आग्रह किया है। दोनों डॉक्टरों ने इस बात पर चिंता का इजहार किया है कि ऐसे संदिग्ध मरीजों के उपचार के लिए डॉक्टरों व मेडिकल स्टाफ पर अधिकारियों व राजनेताओं द्वारा दबाव बनाया जाना गलत है। इससे ये सब खतरे में आ जाएंगे। जबकि डॉक्टर व मेडिकल स्टाफ अपनी पूरी क्षमता से काम कर रहे हैं। पीएमएस ने इस पत्र की प्रतिलिपि अपर मुख्य सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण को भी भेजी है।

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