ट्रंप का चीन पर फिर बड़ा हमला, पूरी दुनिया में तबाही के लिए 10 ट्रिलियन डॉलर का हर्जाना मांगा

पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि चीन को अमेरिका और दुनिया को 10 ट्रिलियन डॉलर का हर्जाना देना चाहिए।;

Written By :  Anshuman Tiwari
Published By :  Shashi kant gautam
Update:2021-06-05 14:29 IST

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और शी जिनपिंग: डिजाईन फोटो- सोशल मीडिया 

वाशिंगटन: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर चीन पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने आरोप लगाया कि चीन की वजह से ही पूरी दुनिया में कोरोना वायरस फैला। ट्रंप ने शुक्रवार को जारी एक बयान में कहा की चीन की वजह से अमेरिका और दुनिया को भारी नुकसान उठाना पड़ा है और चीन को इसकी भरपाई करनी चाहिए।

पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि चीन को अमेरिका और दुनिया को 10 ट्रिलियन डॉलर का हर्जाना देना चाहिए। उसने कोरोना वायरस के जरिए पूरी दुनिया में तबाही मचा दी और हर देश को मौत का तांडव देखने पर मजबूर कर दिया। अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में भी ट्रंप ने लगातार चीन की घेराबंदी की थी और कोरोना वायरस को चीनी वायरस तक की संज्ञा दे डाली थी।

अब सभी मेरे दावे को सही मानने लगे

अपने पुराने बयान की याद दिलाते हुए ट्रंप ने कहा कि अब तो हर आदमी और यहां तक कि कथित दुश्मन भी यह कहने लगे हैं कि कोरोना वायरस के संबंध में मेरा दावा पूरी तरह सही था। अब यह बात लगातार साबित होती जा रही है की कोरोना चीन का ही वायरस है और वहां उनके लैब से ही पूरी दुनिया में इसका संक्रमण फैला।

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प: फोटो-सोशल मीडिया  

ट्र॔प ने अमेरिकी राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ते समय भी लगातार चीन पर हमला किया था और यहां तक दावा किया था कि उनके पास कोरोना वायरस के संबंध में चीनी साजिश के पूरे सबूत मौजूद हैं। यही कारण है कि उन्होंने अपने पुराने बयानों की याद दिलाई है। उन्होंने पहली बार चीन को घेरते हुए उससे अमेरिका और दुनिया के अन्य देशों को हुए नुकसान की भरपाई करने को कहा है।

डॉ.फॉसी को देना होगा सवालों का जवाब

ट्रंप ने अमेरिका के शीर्ष महामारी विशेषज्ञ और राष्ट्रपति के मुख्य स्वास्थ्य सलाहकार डॉक्टर एंथनी फॉसी को भी घेरा। उन्होंने कहा कि डॉक्टर फॉसी को भी कई सवालों का जवाब देना होगा। ट्रंप के कार्यकाल के दौरान भी उनके फाॅसी से मतभेद रहे हैं। दोनों के बीच कई बार अनबन की खबरें भी चर्चा में रहीं।

डॉक्टर फॉसी लॉकडाउन, मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग पर लगातार जोर देने में जुटे हुए थे जबकि ट्रंप चीन पर हमला करने के साथ ही स्थितियां लगातार सामान्य होने का दावा करते रहे। जानकारों का कहना है कि ट्रंप ने अपने बयान में जिस कथित दुश्मन शब्द का इस्तेमाल किया है, उसका इशारा भी डॉक्टर फॉसी की तरफ ही ही है।

डॉक्टर फॉसी: फोटो -सोशल मीडिया  

इस कारण की डॉक्टर फॉसी की घेराबंदी

डॉक्टर फाॅसी के खिलाफ ट्रंप के हमले का एक और कारण भी बताया जा रहा है। कुछ दिनों पहले डॉक्टर फाॅसी के कुछ मेल लीक हो गए थे। इन्हें लेकर मीडिया जगत में काफी चर्चाएं रहीं। जानकारों का कहना है कि लीक हुए मेलों को देखकर लगता है कि डॉक्टर फाॅसी को कोरोना के ओरिजन की हकीकत की पूरी जानकारी थी मगर वे इसे सबके सामने जाहिर करने से लगातार बचते रहे।

यही कारण है कि ट्रंप ने कहा चीन और डॉक्टर फॉसी के बीच हुए संपर्क को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। जब मैंने इन मुद्दों की चर्चा की तो मुझे सनकी तक की संज्ञा दे डाली गई। डॉक्टर फाॅसी को घेरते हुए ट्रंप ने यह भी कहा कि उनकी सलाह न मानकर उन्होंने हजारों अमेरिकी नागरिकों की जान बचाने में कामयाबी हासिल की।

फॉसी ने चीन से मांगे मेडिकल रिकॉर्ड

इस बीच डॉक्टर फॉसी ने एक साक्षात्कार में चीन में 2019 में बीमार हुए उन लोगों के मेडिकल रिकॉर्ड्स देखने की इच्छा जताई है जिन्हें कोरोना वायरस से संक्रमित बताया जा रहा है। डॉक्टर फाॅसी का कहना है कि अभी तक इन लोगों के मेडिकल रिकॉर्ड सामने नहीं आए हैं। उनके मेडिकल रिकॉर्ड से इस बात का पता लगाना काफी आसान है कि यह वायरस किसी लैब से लीक हुआ या यह नेचुरल वायरस है।

उन्होंने कहा कि इस बात का खुलासा किया जाना चाहिए कि बीमार हुए लोगों में क्या लक्षण पाए गए थे और वे कैसे बीमारी का शिकार हुए। उन्होंने कहा कि इस बात को बीमार हुए उन्होंने लोगों के मेडिकल रिकॉर्ड से आसानी से समझा जा सकता है मगर वे रिकॉर्ड्स अभी तक सामने नहीं लाए गए हैं।

ट्रंप का फेसबुक अकाउंट दो साल के लिए सस्पेंड

इस बीच सोशल मीडिया साइट फेसबुक ने पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप के अकाउंट को दो साल के लिए सस्पेंड कर दिया है। उनका फेसबुक अकाउंट निलंबन इस साल 6 जनवरी से ही लागू माना जाएगा। फेसबुक की ओर से यह कार्रवाई हिंसा को बढ़ावा देने के मामले में की गई है। इस बाबत कंपनी का कहना है कि जांच में यह पाया गया है कि कैपिटल बिल्डिंग पर हमले से पहले ट्रंप ने हिंसा को बढ़ावा दिया था।

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