Omicron से बचें, संक्रमित हो चुके लोगों की स्टडी में ये बड़ी बात आई सामने, जानेंगे तो चौंक जाएंगे, इसलिए डरें नहीं

कोरोना से ठीक हुए मरीजों के शरीर में विकसित हुई एंटीबॉडी को लेकर इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने एक बड़ा अध्ययन किया है।

Newstrack :  Bishwajeet Kumar
Update:2022-01-26 19:58 IST

ओमिक्रॉन वैरिएंट। (Social Media) 

Corona Virus: देश में कोरोनावायरस संक्रमण का खतरा पहले से थोड़ा कम तो हुआ है लेकिन यह खतरा पूरी तरह से अभी खत्म नहीं हुआ है। हमारी खुद की सतर्कता के अलावा अगर कोई चीज कोरोना वायरस संक्रमण से हमें सुरक्षित रखता है तो वह है टीकाकरण। 2021 में आए कोरोनावायरस के पेशेंट डेल्टा के कारण भारत समेत दुनिया भर में बहुत से लोगों की जान चली गई। वहीं 2021 के अंत में आया कोरोना वायरस का वैरिएंट ओमिक्रोन भी कोरोना वायरस संक्रमण मामलों में बढ़ोतरी का सबसे बड़ा कारण बना।

नए वैरिएंट ओमिक्रोन (Omicron Variant) के आने के बाद ही भारत सरकार ने कोरोना के टीकाकरण पर और जोर देने का काम किया। हम सबके दिमाग में वैक्सीन लगने के पहले या वैक्सीन लगने के बाद एक ख्याल जरूर आता है कि आखिर यह वैक्सीन हमें कितने दिनों तक कोरोना वायरस संक्रमण से बचाये रहेगा। वहीं संक्रमण के बाद हमें यह ख्याल जरूर आता है कि हमारे शरीर में जो एंटीबॉडी बनी है क्या वह गंभीर संक्रमण से हमें बचाएगी।

हाल ही में इंडियन काउंसिल आफ मेडिकल रिसर्च (Indian council of medical research) के एक रिसर्च में यह खुलासा हुआ है कि ओमी क्रोन वैरिएंट से संक्रमित होने के बाद मरीज के शरीर में विकसित हुई एंटीबॉडी हमें केवल ओमिक्रोन वैरिएंट के संक्रमण से ही नहीं बल्कि कोरोना वायरस के बाकी सभी वैरिएंट से भी सुरक्षित रखेगी। बता दें इस रिसर्च में यह भी सामने आया कि ओमिक्रोन संक्रमित मरीज के शरीर में विकसित हुई एंटीबॉडी मरीज को अब तक के सबसे खतरनाक वैरिएंट डेल्टा से भी बहुत हद तक सुरक्षित रखेगा।

इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के इस अध्ययन में यह बात सामने आया है कि ओमिक्रोन वैरिएंट से ठीक हुए व्यक्ति के अंदर इम्यूनिटी काफी ज्यादा हद तक बढ़ जाती है। जिसके कारण यह व्यक्ति किसी भी तरह के वायरस संक्रमण से बचाए रखता है। गौरतलब है कि इस रिसर्च में आईसीएमआर ने एक चिंता भी जाहिर की है कि ओमिक्रोन वैरिएंट ने लोगों को बड़े ही कम समय में बहुत तेजी से संक्रमित किया है। इसके संक्रमण दर को लेकर अभी भी पूर्ण अध्ययन नहीं हो पाया है।

Tags:    

Similar News