India-China Dispute: पूर्वी लद्दाख पर 13वीं सैन्य वार्ता में नहीं निकला कोई समाधान

भारतीय सेना (Indian Army) व चीन के साथ सैन्य वार्ता के 13वें दौर में कोई समाधान नहीं निकला। सेना ने एक बयान में कहा कि बैठक के दौरान दोनों पक्षों के बीच चर्चा पूर्वी लद्दाख (East Ladakh) में एलएसी से जुड़े बाकी मुद्दों के समाधान पर केंद्रित रही।

Newstrack :  Network
Published By :  Deepak Kumar
Update: 2021-10-11 04:56 GMT

 पूर्वी लद्दाख पर 13वीं सैन्य वार्ता में नहीं निकला कोई समाधान। (Social Media)

India-China Dispute: बीते दिन रविवार को भारत (India) व चीन (China) के साथ 13वीं सैन्य वार्ता (India China Vivad) में पूर्वी लद्दाख (East Ladakh) में हुई। करीब साढ़े 8 घंटों तक दोनों देशों के बीच वार्ता (India China Talk) होने के बाद किसी प्रकार का कोई समाधान या निष्कर्ष नहीं निकल सका। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार माना जा रहा है कि कोर कमांडर स्तर की वार्ता में मुख्य रूप से पेट्रोलिंग प्वाइंट 15 (PP-15) से सैनिकों की वापसी की रुकी हुई प्रक्रिया को पूरा करने पर ध्यान केंद्रित किया गया।


वार्ता के 13वें दौर (13th round of corps commander level talks) पर भारतीय सेना (Indian Army) ने कहा कि चीन के साथ सैन्य वार्ता में कोई समाधान नहीं निकला। सेना ने एक बयान में कहा कि बैठक के दौरान दोनों पक्षों के बीच चर्चा पूर्वी लद्दाख (East Ladakh) में एलएसी से जुड़े बाकी मुद्दों के समाधान पर केंद्रित रही। भारतीय पक्ष ने बताया कि एलएसी (LAC) पर मौजूदा स्थिति चीनी पक्ष द्वारा यथास्थिति को बदलने और द्विपक्षीय समझौतों के उल्लंघन के एकतरफा प्रयासों के कारण बदली। इसलिए यह जरूरी है कि चीनी पक्ष बाकी क्षेत्रों में उचित कदम उठाए ताकि पश्चिमी क्षेत्र में एलएसी पर शांति बहाल हो सके।

बेनतीजा रही दोनों देशों की बैठक

सेना (Indian Army) ने कहा कि दोनों देशों के बीच समझौता 2 विदेश मंत्रियों द्वारा दुशांबे में अपनी हालिया बैठक में सुझाए गए रास्ते पर होगा, जहां वे इस बात पर सहमत हुए थे कि दोनों पक्षों को बाकी मुद्दों को जल्द से जल्द हल करना चाहिए। भारतीय पक्ष ने इस बात पर जोर दिया कि बाकी क्षेत्रों पर समाधान से द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति की सुविधा होगी।

सेना के अनुसार भारतीय पक्ष ने बाकी क्षेत्रों के मुद्दों को हल करने के लिए रचनात्मक सुझाव दिए, लेकिन चीनी पक्ष सहमत नहीं था और आगे का कोई रास्ता भी नहीं सुझाया। ऐसे में यह बैठक बेनतीजा रही।

पिछले साल पांच मई को शुरू हुआ था सीमा पर गतिरोध

बता दें दोनों देशों की सेनाओं के बीच सीमा पर गतिरोध पिछले साल पांच मई को शुरू हुआ था। तब पैंगोंग झील (Pangong Lake) के इलाकों में दोनों के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी। सैन्य और राजनयिक वार्ता की श्रृंखला के परिणामस्वरूप दोनों पक्षों ने अगस्त में गोगरा क्षेत्र में सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया पूरी की। फरवरी में दोनों पक्षों ने सहमति के अनुरूप पैंगोंग झील (Pangong Lake) के उत्तरी और दक्षिणी किनारों से सैनिकों तथा हथियारों की वापसी की प्रक्रिया पूरी की थी।

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