भारत की नई कोरोना वैक्सीन ZyCoV-D, लेनी होगी तीन डोज, जानिए बाकियों से क्यों अलग है

स्वदेशी कंपनी जायडस कैडिला ने अपनी कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) जायकोव-डी (ZyCoV-D) के आपातकालीन उपयोग के लिए भारत के औषधि महानियंत्रक (DCGI) से मंजूरी मांगी है।

Newstrack :  Network
Published By :  Ashiki
Update:2021-07-01 15:49 IST

कोरोना वायरस वैक्सीन (फाइल फोटो: सोशल मीडिया)

नई दिल्ली: भारत में अब ऐसी वैक्सीन भी आ रही है, जिसके तीन टीके लेने होंगे। सबसे बड़ी बात कि इसके लिए इंजेक्शन की जरुरत नहीं पड़ेगी। स्वदेशी कंपनी जायडस कैडिला ने अपनी कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) जायकोव-डी (ZyCoV-D) के आपातकालीन उपयोग के लिए भारत के औषधि महानियंत्रक (DCGI) से मंजूरी मांगी है।

बता दें कि ये वैक्सीन (Vaccine) बच्चों के लिए सुरक्षित बताई जा रही है। यह पहली पालस्मिड DNA वैक्सीन है। इसके साथ-साथ इसे बिना सुई की मदद से फार्माजेट तकनीक से लगाया जाएगा, जिससे साइड इफेक्ट के खतरे कम होंगे। रिपोर्ट्स के मुताबिक जायडस कैडिला की कोरोना वैक्सीन ZyCoV-D का तीसरे चरण का ट्रायल हो चुका है। इसमें 28 हजार प्रतिभागियों से हिस्सा लिया था। भारत में किसी वैक्सीन का यह अब तक का सबसे बड़ा ट्रायल है। इतना ही नहीं इसके नतीजे भी संतोषजनक बताए गए हैं। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान ही देश की 50 क्लीनिकल साइट्स पर इसका ट्रायल हुआ था। इसे डेल्टा वैरिएंट पर भी असरदार बताया जाता है।


बिना सुई के लगती है जायडस कैडिला की वैक्सीन

जायडस कैडिला की ZyCoV-D कोरोना वैक्सीन 12 से 18 साल के बच्चों के लिए सुरक्षित है। इसे फार्माजेट सुई रहित तकनीक (PharmaJet needle free applicator) की मदद से लगाया जाएगा। सबसे बड़ी बात इसमें सुई की जरूरत नहीं पड़ती। बिना सुई वाले इंजेक्शन में दवा भरी जाती है, फिर उसे एक मशीन में लगाकर बांह पर लगाते हैं। मशीन पर लगे बटन को क्लिक करने से टीका की दवा अंदर शरीर में पहुंच जाती है।

बताया जा रहा है कि कंपनी ने सालाना 10-12 करोड़ खुराक बनाने की बात कही है। ZyCoV-D की कुल तीन खुराक लेनी होती हैं। इसके साइड इफेक्ट का खतरा भी कम बताया जा रहा है।


कोल्ड स्टोरेज का झंझट नहीं

ZyCoV-D के साथ सबसे अच्छी बात यह है कि इसको रखने के लिए तापमान को बहुत ज्यादा कम नहीं रखना होता। इसे दो से चार डिग्री सेल्सियस तापमान पर रखा जा सकता है और कोल्ड चेन की जरूरत नहीं होगी। इससे देश के किसी भी हिस्से में इसकी खेप आसानी से पहुंचायी जा सकेगी। 


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