Inner Line Permit: लद्दाख में इनर लाइन परमिट को किया गया खत्म, जानें क्या होगा असर?
Inner Line Permit : लद्दाख घूमने जाने वाले लोगों को अब इनर लाइन परमिट (Inner Line Permit) की जरुरत नहीं पड़ेगी।
Inner Line Permit : लद्दाख में अपनी छुट्टी मनाने वाले लोगों के लिए एक खुशखबरी की खबर सामने आ रही है। लद्दाख (Ladakh) घूमने जाने वाले लोगों को अब इनर लाइन परमिट (Inner Line Permit) की जरुरत नहीं पड़ेगी। इस जगह घूमने वाले लोगों को पहले एक विशेष इनर लाइन परमिट लेना पड़ता था जिसमें 300 रुपये का पर्यावरण शुल्क (Environmental Charges) और 100 रुपये की रेड क्रॉस (Red Cross) फीस ली जाती थी।
बता दें कि लद्दाख में इनर लाइन परमिट (Inner Line Permit) की सुविधा 2017 में शुरू की गई थी। अब इस व्यवस्था को बंद कर दिया गया है। लद्दाख घूमने वाले लोगों को अब इनर लाइन परमिट नहीं देना होगा। यह शुल्क बाहर से आने वाले टूरिस्ट के साथ यहां के स्थानीय लोगों से भी लिया जाता है।
क्या होता है इनर लाइन परमिट
इनर लाइन परमिट एक आधिकारिक यात्रा दस्तावेज है। जिसे यात्रा क दौरान इस्तेमाल किया जाता है। यह परमिट राज्य सरकार जारी करती है। इस तरह का परमिट भारतीय नागरिकों को देश के अंदर किसी भी क्षेत्र में यात्रा करने की इजाजत देता है। इस परमिट के द्वारा एक शुल्क भी लिया जाता है। लद्दाख के अलावा इस परमिट की सुविधा पूर्वोत्तर के कई राज्यों में थी।
1873 में बना था परमिट का नियम
इनर लाइन परमिट की व्यवस्था को ब्रिटिश (British) राज में शुरू किया गया था। यह नियम इसलिए बनाया गया था क्योंकि प्रतिबंधित इलाकों में बिजनेस (Business) करने से रोका जा सके। इस सिस्टम के तहत भारत और प्रतिबंधित क्षेत्रों के बीच के प्रकार की रेखा बन गई थी। लेकिन इस नियम को अब बंद कर दिया गया है। अब लोग बिना किसी परमिट की मदद से यह आसानी से घूम सकते हैं। अब भारत से आये लोगों को 300 रुपये का पर्यावरण शुल्क (Environmental Charges) और 100 रुपये की रेड क्रॉस (Red Cross) नहीं देना पड़ेगा।