इजराइल-फिलिस्तीन के बीच जारी संघर्ष पर दुनिया के देशों में गुटबाजी तेज, जानें किसके साथ कौन देश

इजराइल और फिलिस्तीन के बीच जारी संघर्ष पर अब दुनिया के देशों के बीच गुटबाजी तेज हो गई है।

Published By :  Raghvendra Prasad Mishra
Update: 2021-05-19 11:23 GMT

फिलिस्तीन पर इजराइल के जवाबी कार्रवाई का दृश्य (साभार— सोशल मीडिया)

नई दिल्ली। इजराइल और फिलिस्तीन के बीच जारी संघर्ष पर अब दुनिया के देशों के बीच गुटबाजी तेज हो गई है। एक तरफ जहां दुनिया के 25 देश इजराइल के जवाबी कार्रवाई का सही ठहराते हुए शांति बनाए रखने की अपील की है। वहीं मुस्लिम देश फिलिस्तीन के समर्थन में उतर गए हैं। बता दें कि इजराइल और फिलिस्तीन की तरफ से जारी खूनी संघर्ष में काफी नुकसान हुआ है। दोनों तरफ से जारी आक्रामक कार्रवाई में मासूम बच्चों समेत सैकड़ों लोग मारे जा चुके हैं। इस संघर्ष ने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित किया है। अधिकतर देश दोनों देशों से संयम बरतने की अपील कर रहे हैं। वहीं कुछ देशों के बीच गुटबाजी भी शरू हो गई है।

25 देश आए इजराइल के समर्थन में

दोनों देशों के बीच जारी खूनी संघर्ष पर दुनिया की टिपपणी आनी शुरू हो गई है। अमेरिका और इजराइल के बीच संबंध किसी से छिपा नहीं है। फिलिस्तीनियों के रॉकेट हमले के बाद इजराइल की तरफ से आत्मरक्षा के रूप में की गई कार्रवाई का अमेरिका ने खुलकर समर्थन किया है। इसके साथ ही राजनयिक स्तर संघर्ष विराम की कवायद भी शुरू कर दिया है तथा दोनों देशों के विवाद का हल निकालने की दिशा में अपनी प्रतिबद्धता भी जताया है।

इसी के साथ ही यूरोपीय देशों में ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी ने भी इजराइल का खुलकर समर्थन किया है। हालांकि ब्रिटेन में इजराइल के हमले के विरोध में कुछ जगह प्रदर्शन हुए, जिसपर प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन कड़ी नाराजगी जताई। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि हमारे समाज में कट्टरता के लिए कोई स्थान नहीं है। उन्होंने इजराइल का समर्थन करते हुए कहा कि मैं ब्रिटेन के यहूदियों के साथ हूं।


इसी क्रम में फ्रांस में इजराइल की कार्रवाई के विरोध में मार्च निकाला गया, लेकिन सरकार पर इसका कोई असर नहीं हुआ। यहां विरोध प्रदर्शन पर पाबंदी के चलते प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच कुछ जगहों पर झड़पे भी हुईं। इसके अलावा फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने इजराइल के आत्मरक्षा की कार्रवाई का समर्थन भी किया। उन्होंने इजराइल और फिलिस्तीन दोनों ही पक्षों से शांति बनाए रखने की अपील भी की है।

इसी तरह जर्मनी भी इजराइल के पक्ष में खड़ा हो गया है। वहीं इजराइल के प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू ने इजराइल के समर्थन में आए ऑस्ट्रेलिया, अलबेनिया, ऑस्ट्रिया, कनाडा, कोलंबिया, साइप्रस, ब्राज़ील, जॉर्जिया, हंगरी, इटली, स्लोवेनिया और यूक्रेन सहित 25 देशों का धन्यवाद कहा है। ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने इजराइल के आत्मरक्षा की कार्रवाई का समर्थन करते हुए दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की है। इसके साथ ही उन्होंने फिलि​स्तीनियों की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई है।

फिलिस्तीन के समर्थन में उतरे इस्लामिक देश

दुनिया के अन्य देश जहां इजराइल की आत्मरक्षा की कार्रवाई का समर्थन कर रहे हैं, वहीं इस्लामिक देश खुलकर फिलिस्तीन के समर्थन में आ गए हैं। सऊदी अरब, पाकिस्तान, कुवैत, तुर्की, ईरान और खाड़ी के कई देशों ने फिलिस्तीन का पक्ष लिया। वहीं तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैयप्प अर्दोआन ने तेवर दिखाते हुए इजराइल को चेतावनी दे डाली है। उन्होंने हिदायत देते हुए कहा कि पूरी दुनिया भी खामोश हो जाए तो भी तुर्की अपनी आवाज उठाने से पीछे नहीं हटेगा।

इसी के साथ ही उन्होंने इजराइल पर प्रतिबंध लगाने की मांग भी कर डाली है। इसी के साथ ही सऊदी अरब के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी फिलिसतीनियों का समर्थन किया है। उसने फिलिस्तीन में इजराइल के हर तरह के कब्जे को खत्म करने का समर्थन किया। इसी क्रम में ईरान ने संयुक्त राष्ट्र और इस्लामिक देशों से इजराइल को फिलिस्तीन पर हमले करने से रोकने की मांग की। वहीं पाकिस्तान का कहां चुप रहने वाला है उसने भी इजराल की खुलकर आलोचना किया।  

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