Jammu-Kashmir Mein Target Killing : आतंकियों को खुली चुनौती देने कश्मीर पहुंच रहे अमित शाह, अब थर-थर कांपेंगे दुश्मन

Jammu-Kashmir Mein Target Killing : जम्मू-कश्मीर में बढ़ती आतंकवादी घटनाओं को लेकर शाह ने हाल में दिल्ली में एक उच्चस्तरीय बैठक भी बुलाई थी।

Written By :  Anshuman Tiwari
Published By :  Vidushi Mishra
Update:2021-10-18 20:53 IST

अमित शाह (फोटो- सोशल मीडिया)

Jammu-Kashmir Mein Target Killing : जम्मू-कश्मीर में टारगेट किलिंग (Target Killing) की बढ़ती घटनाओं के बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के प्रस्तावित दौरे को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। शाह 23 अक्टूबर से 25 अक्टूबर तक जम्मू-कश्मीर के तीन दिवसीय दौरे पर रहेंगे। शाह के दौरे (Amit Shah Ka Jammu Kashmir Daura) को इसलिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि इस दौरान वे जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir Mein Target Killing) में विभिन्न सरकारी परियोजनाओं की जमीनी स्थिति की समीक्षा करने के साथ ही कानून व्यवस्था की स्थिति का भी जायजा लेंगे।

शाह सुरक्षा बलों के वरिष्ठ अफसरों के साथ बैठक करके घाटी के हालात (kashmir ke halat) की हकीकत जानने की कोशिश करेंगे। इस बैठक के दौरान आतंकियों के खिलाफ बड़ी रणनीति को अंतिम रूप दिया जा सकता है।

घाटी में आम लोगों को निशाना बना रहे आतंकी
Ghati mein aam logon ko nishaana bana rahe Aatanki

जम्मू-कश्मीर में बढ़ती आतंकवादी घटनाओं को लेकर शाह ने हाल में दिल्ली में एक उच्चस्तरीय बैठक भी बुलाई थी। इस बैठक के बाद सुरक्षाबलों ने घाटी में आतंकियों के खिलाफ बड़ा अभियान छेड़ रखा है। इसके बावजूद आतंकी घटनाओं पर लगाम नहीं लग पा रही है।

आतंकी हमले(फोटो- सोशल मीडिया)

पाकिस्तान प्रायोजित आतंकियों ने अपनी रणनीति बदलते हुए इस महीने की शुरुआत से आम लोगों को निशाना (Ghati mein aam logon ko nishaana bana rahe Aatanki) बनाना शुरू कर दिया है। इन घटनाओं में इस महीने के दौरान अभी तक 11 लोगों की हत्याएं की जा चुकी हैं। इन घटनाओं के कारण प्रवासी मजदूरों (Kashmir Mein Majdoor Ki Hatya) में काफी दहशत है और उन्होंने घाटी से पलायन शुरू कर दिया है।

केंद्रीय योजनाओं की देंगे जानकारी
Ghati mein badhati aatanki ghatanaon

केंद्र सरकार की ओर से एक बड़े कार्यक्रम की शुरुआत की गई थी जिसके तहत 70 मंत्रियों में जम्मू-कश्मीर का दौरा किया था। शाह का प्रस्तावित दौरा इस बड़े कार्यक्रम के दूसरे संस्करण का हिस्सा है। शाह की इस यात्रा के दौरान घाटी के लोगों को विभिन्न केंद्रीय योजनाओं की जानकारी देने के साथ ही उनकी प्रतिक्रिया जानने की कोशिश भी की जाएगी।

शाह सुरक्षा बलों के साथ ही जम्मू-कश्मीर के वरिष्ठ अफसरों के साथ बैठक भी करेंगे और घाटी में बदली हुई स्थितियों की समीक्षा करेंगे। घाटी में बढ़ती आतंकी घटनाओं (Ghati mein badhati aatanki ghatanaon) ने जम्मू-कश्मीर प्रशासन के साथ केंद्र सरकार की चिंता भी बढ़ा दी है।

शाह ने पिछले दिनों दिल्ली में हुई उच्चस्तरीय बैठक में भी घाटी के हालात की समीक्षा की थी। इस बैठक में जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के अलावा सुरक्षा बलों के वरिष्ठ अफसर भी मौजूद थे। इस बैठक के बाद सुरक्षाबलों के कई वरिष्ठ अफसर जम्मू-कश्मीर में डेरा डाले हुए हैं।

अनुच्छेद 370 खत्म किए जाने के बाद पहला दौरा
Amit Shah Ka Jammu Kashmir Daura

अमित शाह (फोटो- सोशल मीडिया)

अब शाह खुद जमीनी हालात की समीक्षा करने के लिए 23 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर पहुंचेंगे। उनका यह दौरा तीन दिवसीय होगा जिसमें वे श्रीनगर के साथ ही जम्मू का भी दौरा (Amit Shah Ka Jammu Kashmir Daura) करेंगे। अगस्त 2019 में जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 समाप्त किए जाने के बाद शाह की यह जम्मू कश्मीर की पहली यात्रा होगी।

शाह भारतीय जनता पार्टी के नेताओं से मुलाकात करके उनसे भी जम्मू-कश्मीर के हालात के बारे में जानकारी लेंगे। अनुच्छेद 370 समाप्त किए जाने के बाद उनके पहले दौरे पर भाजपा की ओर से जोरदार स्वागत की तैयारियां की जा रही हैं।

प्रवासी मजदूरों का पलायन शुरू
Kashmir Chodte Majdoor

घाटी में बदले हालात को देखते हुए हर किसी की नजर शाह के प्रस्तावित दौरे पर लगी हुई है। हाल के दिनों में आतंकियों ने जिस तरह टारगेट किलिंग (Jammu-Kashmir Mein Target Killing) की घटनाओं को अंजाम दिया है उससे घाटी में लगातार दहशत का माहौल बढ़ता जा रहा है।

सोमवार को दिनभर जम्मू स्टेशन (Jammu Station Par Pravasi Majdoor) के बाहर प्रवासी मजदूरों (Kashmir Chodte Majdoor) का जमावड़ा लगा रहा जो पहली उपलब्ध ट्रेन से घाटी से निकल जाना चाहते थे। इनमें से कई मजदूर ऐसे भी थे जिन्हें किए गए काम का अभी तक भुगतान भी नहीं मिल सका है। फिर भी जान बचाने के लिए उन्होंने घाटी छोड़ने में ही अपनी भलाई समझी।

आतंकी पूरी रेकी करने के बाद हत्या (Ghati mein aam logon ko nishaana bana rahe Aatanki) की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। सुरक्षाबलों की सतर्कता और कड़े रुख के कारण वे बड़ी घटनाओं को अंजाम देने में नाकाम साबित हुए हैं। इसीलिए उन्होंने आम लोगों को निशाना बनाना शुरू कर दिया है।

आतंकियों ने मजदूरों को बनाया शिकार (फोटो- सोशल मीडिया)

आम लोगों को निशाना बनाना आतंकियों (Jammu Mein Aatanki) के लिए ज्यादा आसान साबित हो रहा है। हत्या की घटनाओं (Ghati mein aam logon ko nishaana bana rahe Aatanki) की जांच पड़ताल से पता चला है कि अपने टारगेट (Target Killing) की गतिविधियों की पूरी जानकारी जुटाने के बाद आतंकी इन घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं।

बड़ी रणनीति की बनेगी रूपरेखा
Aatankiyon Ka khatma

जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा है कि आतंकियों से खून के हर कतरे का बदला (Aatankiyon Ka khatma) लिया जाएगा। उन्होंने आतंकवादियों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने की बात कही है। अब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जल्द ही जम्मू-कश्मीर (Amit Shah Jammu Mein) के दौरे पर पहुंचने वाले हैं।

ऐसे में माना जा रहा है कि उनकी यात्रा के दौरान आतंकियों के खिलाफ अभियान (Aatankiyo Ke Khilaf Rananeeti) को लेकर बड़ी रणनीति बनाई जा सकती है। सुरक्षाबलों और सैन्य अधिकारियों के साथ होने वाली शाह की बैठक में इस रणनीति की रूपरेखा को अंतिम रूप दिया जा सकता है।

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