Jammu Kashmir News: मुकम्मल रेकी के बाद टारगेट किलिंग को अंजाम दे रहे आतंकी, प्रवासी मजदूरों में दहशत का माहौल

Jammu Kashmir News: टारगेट किलिंग की वारदातों की जांच पड़ताल से खुलासा हुआ है कि आतंकी पूरी रेकी करने के बाद इन घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं।

Written By :  Anshuman Tiwari
Published By :  Chitra Singh
Update:2021-10-18 10:00 IST

आतंकी की सांकेतिक तस्वीर (फोटो साभार-सोशल मीडिया)

Jammu Kashmir News: जम्मू-कश्मीर में टारगेट किलिंग की बढ़ती घटनाओं ने केंद्र सरकार और जम्मू-कश्मीर प्रशासन की चिंताएं बढ़ा दी हैं। पाकिस्तान प्रायोजित आतंकियों ने इस महीने की शुरुआत से अपनी रणनीति बदलते हुए आम लोगों को निशाना बनाना शुरू किया है। इन घटनाओं में इस महीने अब तक 11 लोगों की हत्याएं की जा चुकी हैं। आतंकी घाटी में अल्पसंख्यकों और गैर कश्मीरियों को निशाना बनाने में जुटे हुए हैं। आतंकियों के खिलाफ सेना की ओर से भी बड़ा अभियान शुरू किया गया है और मगर अभी तक इन घटनाओं पर रोक नहीं लग सकी है।

टारगेट किलिंग की वारदातों की जांच पड़ताल से खुलासा हुआ है कि आतंकी पूरी रेकी करने के बाद इन घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। इन घटनाओं को अंजाम देने में हाइब्रिड आतंकियों के साथ ही ओवरग्राउंड वर्कर की भी मदद ली जा रही है। बड़ी घटनाओं को अंजाम देने में नाकाम आतंकियों के लिए आम लोगों को निशाना बनाना ज्यादा आसान साबित हो रहा है। टारगेट किलिंग की बढ़ती घटनाओं के कारण गैर कश्मीरियों और प्रवासी मजदूरों में दहशत का माहौल है। रोजी-रोटी की तलाश में यहां पहुंचे तमाम बाहरी लोगों ने अब घर लौटना शुरू कर दिया है।

रेकी के बाद तय करते हैं सॉफ्ट टारगेट

दक्षिणी कश्मीर में रविवार को आतंकियों ने लगातार दूसरे दिन टारगेट किलिंग की घटना को अंजाम दिया। आतंकियों ने घर में घुसकर दो बिहारी मजदूरों को मार डाला जबकि एक मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गया। एक दिन पहले ही आतंकियों ने बिहार के बांका के रहने वाले अरविंद कुमार साह और उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के सगीर की अलग-अलग घटनाओं में हत्या कर दी थी।

भारतीय सेना- आतंकी का सांकेतिक फोटो (डिजाइन फोटो- सोशल मीडिया)

सुरक्षा एजेंसी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि आतंकी अपने टारगेट की मुकम्मल रेकी के बाद इन घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। हत्या की घटना से पहले कई दिनों तक सॉफ्ट टारगेट की गतिविधियों की पूरी जानकारी जुटाई जाती है। पूरा ब्योरा जुटाने के बाद आतंकी यह तय करते हैं कि किस समय साफ्ट टारगेट को निशाना बनाना सबसे ज्यादा मुफीद होगा।

सूत्रों के मुताबिक टारगेट किलिंग की घटनाओं की जांच पड़ताल में इस बात की पुष्टि हुई है कि पूरी तरह रेकी करने के बाद उन्हें निशाना बनाया गया। श्रीनगर के स्कूल में हमला और दवा कारोबारी मक्खन लाल बिदरु की हत्या पूरी रेकी करने के बाद ही की गई थी।

आम लोगों को निशाना बनाना ज्यादा आसान

सुरक्षा एजेंसियों से जुड़े सूत्रों का कहना है कि सुरक्षा बलों की सतर्कता और बड़े अभियानों के कारण आतंकियों में बौखलाहट दिख रही है क्योंकि वे बड़ी घटनाओं को अंजाम नहीं दे पा रहे हैं। कई आतंकी संगठनों के सरगनाओं को सुरक्षाबलों ने मार गिराया है। इसके साथ ही चप्पे-चप्पे पर निगरानी के कारण आतंकियों ने बौखलाहट में आम लोगों को निशाना बनाना शुरू किया है। आतंकियों ने आम लोगों को निशाना बनाकर घाटी में आतंकवाद को जिंदा रखने की रणनीति पर अमल शुरू किया है।

आतंकवाद (फाइल फोटो- सोशल मीडिया)

सूत्रों के मुताबिक आम लोगों की हत्या करना आतंकियों के लिए ज्यादा आसान काम है। इसके लिए बड़े हथियारों और ज्यादा तैयारी की भी जरूरत नहीं पड़ती। सिर्फ मुकम्मल रेकी से वे इन घटनाओं को अंजाम देने में कामयाब हो जाते हैं। छोटे हथियारों से घटना को अंजाम देने के बाद आतंकी आराम से निकल लेते हैं। इसके पीछे आतंकियों का एकमात्र मकसद घाटी में दहशत का माहौल पैदा करना है।

प्रवासी मजदूरों का घर लौटना शुरू

घाटी में टारगेट किलिंग की बढ़ती घटनाओं के कारण दहशत का माहौल दिख रहा है। कुलगाम के वानपोह इलाके में काफी संख्या में बिहार के मजदूर किराए पर रहते हैं और इसे मिनी बिहार के नाम से भी जाना जाता है। रविवार को आतंकियों ने यहीं पर मजदूरों को निशाना बनाया था। बिहार के अलावा उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा, मध्य प्रदेश और कुछ अन्य राज्यों से भी लोग रोजी-रोजगार की तलाश में घाटी पहुंचते रहे हैं मगर टारगेट किलिंग की बढ़ती घटनाओं के कारण लोगों ने अब घर लौटना शुरू कर दिया है। वैसे दीपावली और छठ पर्व पर मजदूर घर लौटते रहे हैं मगर इन घटनाओं के कारण उन्होंने इस बार समय से पहले ही घर लौटना शुरू कर दिया है।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को राज्य के दो मजदूरों के कश्मीर में मारे जाने के बाद जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से टेलीफोन पर बातचीत की। उन्होंने बिहार के लोगों को घाटी में निशाना बनाए जाने पर चिंता जताई और इस मामले में कड़ी कार्रवाई करने का अनुरोध किया। उन्होंने मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख की आर्थिक मदद देने का भी एलान किया है।

नीतीश कुमार-मनोज सिन्हा (डिजाइन फोटो- सोशल मीडिया)

खून के हर कतरे का लेंगे बदला

इस बीच उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा है कि आतंकियों की कायराना हरकत का मुंहतोड़ जवाब देने के साथ ही मृतकों के खून के हर कतरे का बदला लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि आतंकियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने आतंकी हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देने के साथ ही उनके परिवारों के प्रति संवेदना भी जताई।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में शांति का माहौल बिगाड़ने और सामाजिक-आर्थिक विकास को बाधित करने के लिए टारगेट किलिंग का नया दौर शुरू किया गया है। सुरक्षा बलों की ओर से आतंकियों के खिलाफ अभियान छेड़ा जा चुका है और जल्द ही इसके नतीजे दिखेंगे।

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