Lucknow Sahityakar: लखनऊ की साहित्यकार विमलेश गंगवार को सिसकती झेलम के लिए शब्दश्री सम्मान
Lucknow Sahityakar: प्रसिद्ध रचनाकार पूर्व प्रवक्ता विमलेश गंगवार दिपि पूर्व कैबिनेट मंत्री रामचेत गंगवार की सुपुत्री हैं। उनकी उत्कृष्ट रचना सिसकती झेलम के लिए साहित्य संचय शोध फाउंडेशन ने उन्हें शब्दश्री सम्मान से नवाजा है।
Lucknow Sahityakar: प्रतिष्ठित साहित्यिक संस्ता साहित्य संचय शोध फाउंडेशन, नयी दिल्ली ने देश के प्रतिष्ठित साहित्यकारों( pratishthit sahityakar) को 'शब्दश्री' सम्मान प्रदान किया है। संस्था हर वर्ष साहित्यकारों /लेखकों को 'शब्दश्री' सम्मान प्रदान करती है। इस साल लखनऊ की वरिष्ठ समकालीन साहित्यकार विमलेश गंगवार (Writer Vimlesh Gangwar)को उनके लिखे हुए उपन्यास सिसकती झेलम तथा कहानी संग्रह के लिए 'शब्द श्री ' सम्मान प्रदान किया गया।
प्रसिद्ध रचनाकार पूर्व प्रवक्ता विमलेश गंगवार दिपि पूर्व कैबिनेट मंत्री रामचेत गंगवार की सुपुत्री हैं। उनकी उत्कृष्ट रचना सिसकती झेलम के लिए साहित्य संचय शोध फाउंडेशन ने उन्हें शब्दश्री सम्मान से नवाजा है। यह सम्मान साहित्य संचय शोध फाउंडेशन दिल्ली एवं जानकी देवी मेमोरियल कॉलेज दिल्ली विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी एवं सम्मान समारोह में दिया गया। इसका आयोजन जानकी देवी मेमोरियल कॉलेज में किया गया। इस संगोष्ठी में देशभर के साहित्यकार विश्वविद्यालय के कुलपति व शोधार्थियों ने भाग लिया।
इस अवसर पर सम्मानित अन्य साहित्यकारों में अंतरराष्ट्रीय भाषा वैज्ञानिक, लेखक, आलोचक और इतिहासकार डॉ. राजेंद्र प्रसाद सिंह, हिंदी और भोजपुरी के प्रख्यात साहित्यकार डॉ. गोरख प्रसाद मस्ताना, वरिष्ठ कथाकार विमलेश गंगवार, प्रसिद्ध युवा कवयित्री डॉ. अनुराधा ओस, युवा कथाकार रण विजय, हिंदी और अंग्रेजी की वरिष्ठ साहित्यकार नीलम सक्सेना चंद्रा, युवा लेखक तेज प्रताप नारायण, डॉ. अनिता कपूर, सलिल सरोज, शिव शंकर एहसास और जय प्रकाश पांडेय के नाम प्रमुख हैं। साहित्य संचय और दिल्ली विश्वविद्यालय के जानकी देवी मेमोरियल कॉलेज के तत्वावधान में 30 और 31 अक्टूबर को आयोजित दो दिवसीय सेमिनार के समापन के समय सम्मान समारोह में यह प्रदान किये गये।